मुनिश्री अरह सागर जी महाराज का टीएमयू छात्रों को मंगल आशीर्वाद
मुनिश्री की यूनिवर्सिटी कैंपस में भव्य मंगल आगवानी, दिव्य घोष और जयकारों से वातावरण भक्तिमय, जिनालय पर पादप्रक्षालन करने का कुलाधिपति परिवार को मिला सौभाग्य
मुरादाबाद, 12 मई। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में भारतीय संस्कृति के अच्छे संस्कार भी पिरोए जाते हैं। संत तो रमता जोगी, बहता पानी होते हैं। वे ज्ञान और धर्म के प्यासों की प्यास बुझाने चलते रहते हैं। इस कड़ी में टीएमयू को दिगम्बर जैन संत मुनिश्री अरह सागर जी महाराज के सत्संग का मौका मिला। मुनिश्री रामगंगा विहार जैन मंदिर से विहार कर भक्तों और यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ पदयात्रा कर विश्वविद्यालय प्रांगण में स्थित जिनालय में पहुँचे। जहाँ मुनिश्री की परिसर आगमन पर कुलाधिपति परिवार और विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ भव्य मंगल आगवानी की गई। दिव्य घोष और नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। जिनालय पर मुनिश्री के पहुंचने पर चांसलर परिवार को पादप्रक्षालन करने का सौभाग्य मिला। इस मौके पर कुलाधिपति श्री सुरेश जैन,फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन,जीवीसी श्री मनीष जैन,श्रीमती ऋचा जैन आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
मुनिश्री ने जिनालय में जिनेंद्र देव के दर्शन के बाद यूनिवर्सिटी के इनडोर स्टेडियम में बुधवार को भक्तों की शंकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के पश्चात आचार्यश्री की आरती एवं भक्ति में संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, कुलवधू श्रीमती ऋचा जैन ने आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान अमरोहा जैन समाज से आए प्रबुद्ध जनों ने श्रीफल भेंट कर मुनि श्री को अमरोहा आकर मुनिश्री के आशीर्वाद और आगमन की आकांक्षा कर निवेदन किया। प्रश्नोत्तरी के बाद संगीतमय आचार्य भक्ति और आरती की गई गयी। कार्यक्रम में दिल्ली से आए सुभाष जैन और परिवार, मुरादाबाद जैन समाज के प्रकाश नगर जैन मंदिर के अध्यक्ष श्री राकेश जैन और परिवार, मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल डॉ. एस के जैन, ब्रह्मचारिणी डॉ. कल्पना जैन दीदी,डॉ. रत्नेश जैन,डॉ. विनोद जैन, अंजलि आशीष सिंघई, अहिँसा जैन, प्रो. रवि जैन, डॉ. अर्चना जैन आदि सपरिवार और छात्र – छात्राओं को मिलाकर 200 जनों ने धर्म लाभ और मार्गदर्शन प्राप्त किया।
गुरुवार दिन के प्रारंभ में मुनि श्री के सानिध्य में जिनेंद्र भगवान के अभिषेक पूजन के बाद सामूहिक रूप से श्री 108 विद्यासागर महाराज के पूजन का आयोजन किया गया,जिसमें छात्र – छात्राओं ने संगीतमय और बड़े ही रचनात्मक तरीके से पूजन के अर्घ्य समर्पण किए और भक्ति के साथ आराधना की। पूजन के पश्चात मुनि श्री ने अपने अमृत वचनों से समस्त छात्र छात्रों, शिक्षकों और उपस्थित जैन समाज जनों का मार्गदर्शन किया।
संत भवन में मुनिश्री ने अपने प्रवचन में कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार और धर्म का अनुपालन जीवन में सफलता प्राप्त करने के नए दरवाजे खोल देता है। छात्र जीवन जिंदगी के वे महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जिनमें व्यक्तित्व निर्माण की नींव डल जाती है। अतः लौकिक शिक्षा ग्रहण करने के साथ – साथ धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा भी आत्मसात करते जाना चाहिए। जैसे मिट्टी जब तक उपयुक्त हाथो में नहीं आ जाती, उसका सही मूल्यांकन नहीं हो पाता, वही मिट्टी का लोंदा या हिस्सा जब कुम्हार के हाथों में पड़कर आकर लेकर मिट्टी के घड़े या कलश में बदल जाती है तो लोगों की प्यास बुझाने का माध्यम बन जाती है। यह कलश ही है, जो मिट्टी के साथ- साथ लोगों के जीवन में परिवर्तन ले आती है।जिस तरह मिट्टी का सही दिशा में, सही हाथों में पड़ने और उपयुक्त मार्गदर्शन से उसका जीवन मूल्य बढ़ गया, उसी प्रकार छात्र या मनुष्य अपने जीवन में उचित संस्कारों और शिक्षा हासिल कर कलश की भांति आकर लेकर सकारात्मक विचारों का सृजन कर अपने जीवन मूल्यों को बढ़ाकर जीवन सफल कर सकता है। उन्होंने छात्रों को अपनी मंगल वाणी के उपरांत खूब सारा आशीर्वाद दिया और परीक्षा में सफल होने हेतु शुभकामनाएं भी दीं।
प्रवचन के बाद ब्रह्मचारी मुकेश भैया, डॉ. कल्पना जैन, डॉ. रवि जैन, डॉ अर्चना जैन, अहिंसा जैन, डॉ. सपना जैन, डॉ. विनीता जैन, अंजलि आशीष सिंघई और प्रयास, धार्मिक, भावेश टीम के कुशल संयोजन एवं सहयोग से मुनिश्री की आहारचर्या का सफल संपादन किया गया। मुनि श्री को आहार दान में छात्र- छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिसा लिया। दोपहर सामयिक की प्रक्रिया करने के बाद मुनिश्री छात्रों के समूह के साथ कैलसा रोड होते हुए अमरोहा की दिशा में विहार किया। इस मौके पर टिमिट निदेशक प्रो. विपिन जैन, टीएमयू हॉस्पिटल के निदेशक श्री विपिन जैन आदि की भी मौजूदगी रही।