राजनीति

कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा – नारी शक्ति उत्सव प्रदेश भाजपा का पश्चाताप है या खालिश राजनीति ?

–,uttarakhandhimalaya.in—

देहरादून, 21 मार्च । धामी सरकार द्वारा इस बार चैत्र नवरात्र को सरकार नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाने के फैसले को हास्यास्पद ठहराते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने धामी सरकार पर जोरदार कटाक्ष करते हुए पूछा कि यह भाजपा सरकार का पश्चाताप है या महज राजनीति?

दसोनी ने कहा कि 6 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को अचानक नारी शक्ति का सम्मान करने की जो सूझी है वह अपने आप में हास्यास्पद है। दसोनी ने कहा कि कोई उत्सव मनाने से या पूजा पाठ से नारी शक्ति या मातृशक्ति का सम्मान नहीं होता वह सम्मान तो कृत्यों में परिलक्षित होना चाहिए। दसोनी ने कहा कि पिछले दिनों जो कुछ भी राज्य के अंदर घटित हुआ उससे तो यह साफ दिखता है कि भारतीय जनता पार्टी की मातृशक्ति के प्रति क्या सोच है ।
दसोनी ने कहा की पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी जिसकी हत्या भाजपा के पूर्व दायित्वधारी के पुत्र ने कर दी वह भी प्रदेश की ही नारी शक्ति थी, अंसल ग्रीन वैली में प्रवीण भारद्वाज की पत्नी के साथ जिस तरह से भाजपा के पार्षदों ने अभद्रता की वह नारी भी शक्ति स्वरूपा थी। जिस महिला का 3 सालों तक पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार ने यौन उत्पीड़न किया वह भी नारी थी, प्रीति नेगी जो पूर्व विधायक महेश नेगी से अपनी बच्ची के लिए पिता का अधिकार मांग रही है वह भी नारी है, वही भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष विनय गोयल जिन्होंने मातृशक्ति का अपमान यह कहकर किया की प्रचारकों की भी शारीरिक जरूरत होती हैं और अच्छे घर की महिलाएं राजनीति में प्रवेश नहीं करती भाजपा बताएं कि वह कौन सा सम्मान था??
दसोनी ने कहा की एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में लगातार महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराध बढ़े हैं। दसौनी ने जानकारी देते हुए कहा कि एनसीआरबी के अनुसार अकेले 2019 में 534 महिलाओं के साथ उत्तराखंड में बलात्कार हुआ जो अपने आप में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण आंकड़ा है।

दसोनी ने कहा कि यह बात अपने आप में दुखद है कि केंद्रीय सांख्यिकी एवम कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाले सामाजिक आंकड़ा प्रभाग की रिपोर्ट ” विमेन एंड मेन इन इंडिया- 2022 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में महिलाओं के प्रति मानसिक शारीरिक एवं भावनात्मक अपराधों में व्यापक आधार पर वृद्धि हुई है।

दसौनी ने कहा कि ये भाजपा का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है कि प्रदेश की मातृ शक्ति के साथ जब-जब अत्याचार और अन्याय होता है तो भाजपा की महिला मोर्चा उस प्रकरण की निंदा में एक शब्द अपने मुखारविंद से नहीं निकालती।

दसौनी ने कहा की भाजपा की कथनी और करनी में अंतर इस बात से पता चल जाता है की महिला अपराध के तहत दर्ज मामलों की कुल संख्या में, उत्तराखंड एक बार फिर सभी हिमालयी राज्यों में 573 मामलों के आंकड़े के साथ शीर्ष पर है ।

 

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