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डॉ नित्यानंद के सपने करेंगे साकार, 25 तक श्रेष्ठतम राज्यों में होगा उत्तराखंड: धामी

देहरादून, 2 जून(उहि) । दून विश्वविद्यालय में बने डॉ नित्यानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र और उसी के प्रेक्षागार के दो दिवसीय वैज्ञानिक समागम के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ नित्यनानाद के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए संकल्प लिया कि हिमालय को समर्पित इस हिमालय ऋषि के सपनों को सरकार साकार करेगी और 2025 तक हमारा ये प्रदेश देश के श्रेष्ठतम राज्यों में गिना जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री के बारे में उनकी राय से इत्तेफाक न रखने वाले लोग भी कहते हैं कि वह जो कहते हैं करके दिखाते हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर हमने भी सूत्र वाक्य बुना है कि संकल्प का विकल्प नहीं। हमने चुनाव के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था और इसका खाका तैयार करने के लिए हमने समिति बना दी है। एक बेहतर राज्य कैसे बनें इसके लिये हम पांच विचार मंथन कर चुके हैं। इसी तरह राज्य का बजट बनाने के लिए भी हमने लोगों से सुझाव लिए हैं। 2025 तक हम जनता के सपनों के अनुरूप एक ऐसा राज्य बना सकेंगे जो देश के श्रेष्ठतम राज्यों में गिना जाय।


इस मौके पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने डॉ नित्यनानाद के साथ अपने 50 साल के अनुभव साझा करते हुए उनकी सादगी और हिमालय के प्रति उनके सरोकार के कई उदाहरण प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि एक शोधार्थी की याद में बने इस भवन में कार्यक्रम की शुरुआत शोधार्थियों के लिए आयोजन से होना एक सुखद बात है।

अथितियों का स्वागत करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने विश्वविद्यालय को लेकर अपना विज़न सामने रखा। प्रो डंगवाल ने कहा कि आज इस भवन में जीवन का संचार हो रहा है और आगे यह वाइब्रेंट रहने वाली है। हिमालय से सम्बद्ध विषय- भूगोल, भूगर्भशास्त्र, थिएटर,अम्बेडकर पीठ आदि का संचालन इसी भवन में होगा। गढ़वाली, कुमाउनी और जौनसारी यहां पढ़ाई जाएगी। सब कुछ हिमालय और डॉ नित्यनानाद के सपनों के अनुरूप होगा। एक नया नजरिया देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक स्त्री राज्य है। यहां एक महिला पेड़ों से चिपक कर पर्यावरण की रक्षा का सबक देती है जो पूरे विश्व के लिए अध्ययन का विषय बन जाता है।स्वाधीनता सेनानी कुंती देवी से लेकर बछेन्द्री पाल तक उत्तराखंड की कई महिलाओं का योगदान गिनाते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिला शोधार्थियों को सामर्थ्य देने के लिए हो रहे इस वैज्ञानिक समागम के अच्छे परिणाम निकलेंगे।
केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी विभाग से सम्बद्ध एसईआरबी के सचिव ने बताया कि दुनिया के औसत के हिसाब से विज्ञान में महिला शोधार्थियों की संख्या बहुत कम है। इसी बात के मददेनजर प्रधानमंत्री की पहल ऐसे आयोजन हो रहे है। उत्तराखंड सरकार और दून विश्वविद्यालय के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर पूर्व सांसद तरुण विजय, गढ़वाल विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति इस पी सिंह, अमेरिका से पधारे वैज्ञानिक डॉ वनाकार, प्रदेश के कई विज्ञान से जुड़े प्रतिष्ठानों के प्रमुख मौजूद थे।

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