मणिपुर में सेना के काफिले पर हमला, असम राइफल्स के CO सहित 5 जवान शहीद
मणिपुर में शनिवार को सेना के काफिले पर उग्रवादी हमला हुआ है। इस हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर समेत 5 जवान मारे गए हैं। वहीं, 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और बेटे आशीष त्रिपाठी (5) की भी इस हमले में मौत हो गई है। घटना चुराचांदपुर जिले के सिंघट में हुई, जहां उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर IED अटैक कर दिया। मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट(MNPF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रहने वाले थे। उनका जन्म 1980 में हुआ था। उन्होंने सैनिक स्कूल रीवा में पढ़ाई की थी। असम राइफल्स में लेफ्टिनेंट कमांडेंड रहे त्रिपाठी को डिफेंस स्टडी में M.Sc. करने के बाद प्रोमोशन मिला था।
आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने को मणिपुर आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी गई है। हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए म्यांमार बॉर्डर पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आर्मी हेडक्वार्टर स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।
मणिपुर में उग्रवादी हमले में छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के बड़े बेटे कमांडिंग ऑफिसर विप्लव त्रिपाठी (41) शहीद हो गए। उनके साथ उनकी पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और 6 साल के बेटे अवीर त्रिपाठी की भी जान चली गई है। घात लगाए उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट कर उनकी गाड़ी को उड़ा दिया।
सुभाष त्रिपाठी का परिवार सुबह नाश्ता कर रहा था। इसी दौरान उन्हें बेटे के शहीद होने की खबर मिली। सुभाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी 6 दिन पहले ही रविवार को रायगढ़ लौटे हैं। वह पिछले साढ़े तीन महीने से अपने बड़े बेटे विप्लव के ही पास थे। पूरे परिवार ने साथ में दिवाली मनाई, घूमे और बेटे के जल्दी आने के वादे को लेकर लौटे थे।
कमांडिंग ऑफिसर विप्लव की करीब डेढ़ साल पहले ही मणिपुर में पोस्टिंग हुई थी। उससे पहले वह मेरठ कैंट में थे। पोस्टिंग के बाद करीब साल भर पहले घर आए थे। रिटायरमेंट के बाद भी रायगढ़ में रहने का वादा किया था
कमांडिंग ऑफिसर विप्लव त्रिपाठी के छोटे भाई अनय त्रिपाठी असम राइफल्स में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। वह जल्द ही ट्रेनिंग के लिए महू जाने वाला थे। इससे पहले परिवार के साथ खुशियां मना रहे थे। सब साथ बैठकर नाश्ता कर रहे थे, तभी उनको सेना की ओर से शहादत की सूचना मिली। उन्होंने इसकी जानकारी को कन्फर्म किया और फिर वे अपने बड़े भाई, भाभी और भतीजे का शव लेने के लिए मणिपुर रवाना हो गए हैं।