राजनीति

कांग्रेस पार्टी खड़ी हुयी संकट में घिरे पूर्व मंत्री हरक सिंह के साथ; विजिलेंस छापेमारी की निंदा

देहरादून 30 अगस्त।  उत्तराखंड कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत के समर्थन में खड़ी हो गयी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार के इशारे पर पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डाॅ0 हरक सिंह रावत एवं उनके बेटे के संस्थानों में बिजिलेंस द्वारा मारे गये छापे की घटना की कड़े शब्दों में निन्दा की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि एक ओर भाजपा से जुडे व्यवसायियों एवं नेताओं के भ्रष्टाचार को केन्द्र सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कंाग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक डाॅ0 हरक सिंह रावत भाजपा में थे तब तक उन पर कोई आरोप नहीं था परन्तु भाजपा छोडते ही वे भाजपा की आंख की किरकिरी बन गये हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के इशारे पर बिजिलेंस द्वारा की गई इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निन्दा की जानी चाहिए। इस कार्रवाई से भाजपा सरकारों ने राजनैतिक प्रतिद्वंदिता एवं प्रतिशोध की सभी सरहदें पार कर ली हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विश्वास करने वाला कोई भी राजनैतिक दल भाजपा सरकारों की विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने की इस नीति को उचित नहीं ठाहरायेगा। उन्होंने कहा कि विजिलेंस द्वारा द्वेषपूर्ण ढंग से केन्द्र व राज्य सरकार के इशारे पर डाॅ0 हरक सिंह रावत के परिजनों के संस्थानों में की गई छापेमारी की कार्रवाई अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार एवं राज्य की धामी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकारें दुर्भावना से ग्रसित होकर सी.बी.आई., ईडी व विजिलेंस जैसी संस्था का गलत इस्तेमाल कर विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करवा रही है। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र मे मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तब से लगातार विपक्ष के नेताओं का सी.बी.आई. और ईडी के माध्यम से उत्पीड़न किया जा रहा है तथा अब प्रदेशों में बिजिलेंस का भी इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के उत्पीडन के लिए किया जा रहा है।
करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी न्यायपालिका पर विश्वास करती है तथा किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ है परन्तु सत्ता के बल पर इस प्रकार से विपक्षी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई को लोकतांत्रिक व्यवस्था में कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केन्द्र व राज्य सरकार के इशारे पर किये गये इस कृत्य की भर्त्सना करती है।

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