ब्लॉग

धामी ने मोदी से माँगा टिहरी बांध : उत्तराखंड प्रेम की अग्निपरीक्षा : हजारों मेगावाट बिजली का है सवाल

-जयसिंह रावत –

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की वृहस्पतिवार को दिल्ली में हुयी मुलाकात के बाद टिहरी बांध के स्वामित्व का मामला एक कदम आगे बढ़ने की संभावना बन गयी है। इस मुलाकात में धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टिहरी बांध के साथ ही टीएचडीसी का स्वामित्व उत्तराखंड को सौंपने की मांग की है। यह बांध उत्तराखंड में है और केंद्र सरकार के साथ इसका स्वामित्व उत्तरप्रदेश के पास है। जबकि राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 43 के अनुसार दोनों राज्यों में परिसम्पत्तियों का बंटवारा जो जहां है और जैसा है के आधार पर होना था। लेकिन 80 सांसदों वाले उत्तरा प्रदेश की प्रचंड राजनीतक शक्ति के आगे उत्तराखंड का क़ानूनी अधिकार अब तक बौना साबित होता रहा है। उत्तराखंड और उत्तरा प्रदेश के बीच परिसम्पत्तियों के बंटवारे में केंद्र सरकार की भूमिका पंचाट की है लेकिन उत्तरप्रदेश की राजनीतिक शक्ति को देखते हुए केंद्र सरकार उत्तरा प्रदेश को नाराज करने से परहेज करती रही है।

राज्य सरकार की विग्यप्ति के अनुसार  मुलाकात के दौरान धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि टीएचडीसी इण्डिया लि० भारत सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का संयुक्त उपक्रम है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 47 (3) के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी इण्डिया लि० में किये गये पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए क्योंकि टीएचडीसी इण्डिया लि० का मुख्यालय उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है। टीएचडीसी इण्डिया लि0 की लगभग 70 प्रतिशत परियोजनाऐं उत्तराखण्ड राज्य में ही स्थित है।

उक्त परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली पुनर्वास, कानून व्यवस्था तथा अन्य सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना भी उत्तराखण्ड राज्य को करना पड़ता है। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 2012 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-131 के अन्तर्गत टीएचडीसी इण्डिया लि० में उत्तर प्रदेश के स्थान पर उत्तराखण्ड राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हेतु मूल वाद संख्या 05 / 2012 मा0 सर्वोच्च न्यायालय में योजित किया गया था जो सम्प्रति विचाराधीन है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से टीएचडीसी इण्डिया लि की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखण्ड राज्य को स्थानान्तरित करने में केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया।

भारत का अब तक का सबसे बड़ा और दुनियां के आठ सबसे बड़े बाधों में सुमार टिहरी बांध को बनाने वाली टिहरी हाइड्रो डेवेलपमेट कारपोरेशन लि0 (टीएचडीसी) का गठन टिहरी बांध से संबंधित 2400 मेगावाट की तीन परियोजनाओं तथा अन्य जलविद्युत परियोजनाओं के विकास, परिचालन और अनुरक्षण के लिये कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 1988 में किया गया।

पूर्व में कंपनी की इक्विटी की अंशभागिता भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य 75 अनुपात 25 थी। रणनीतिक अनुसरण में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में भारत के राष्ट्रपति के द्वारा धारित इक्विटी के विधिक एवं मालिकाना हितों के अधिग्रहण हेतु एनटीपीसी और भारत के राष्ट्रपति के मध्य25 मार्च 2020 को अंश भागिता क्रय करार निष्पादित किया गया जिसके बाद टीएचडीसी में इक्विटी की अंशभागिता एनटीपीसी लि0 उवं उत्तर पद्रेष के सरकार के मध्य 74.496 एवं 25.504 के अनुपात में हो गया।

कंपनी की प्राधिकृत शेयर पूंजी 4000 करोड़ रुपये है और 30 सितम्बर 2021 के प्रदत्त पूंजी 3665.88 करोड़ रुपये है। टीएचडीसी ऐसा सार्वजनिक उपक्रम है जिसने अपने शुरुआती 1000 मे0वा0 के टिहरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट  के वाणिज्यिक प्रचालन के प्रथम वर्ष 2006-07 से ही लाभ अर्जित करना शुरू कर दिया था।

टीएचडीसी का गठन 2400 मे0वा0 के टिहरी हाइड्रो पावर काम्लेक्स, जिसमें 1000 मे0वा0 की टिहरी हाइड्रो पावर प्रोजैक्ट, 1000 मे0वा0 की टिहरी पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट और 400 मे0वा0 की कोटेश्वर बांध परियोजना शामिल हैं के साथ ही अन्य जल विद्युत परियोजनाओं के विकास, परिचालन और अनुरक्षण के लिये किया गया था। लेकिन बाद में टीएचडीसीदेश के अन्य राज्यों के साथ ही पड़ोसी देश भूटान मं भी अपनी परियोजनाएं स्थापित करने के फलस्वरूप एक बहु परियोजना संगठन के रूप में उभर गयी। कंपनी ने अपने व्यवसाय का  विस्तार, नवीनीकरणीय ऊर्जा श्रोत एवं ताप विद्युत संयंत्रों में भी किया।

वर्तमान में टीएचडीसी के पास कुल 4696 मे0वा0 क्षमता की जल, ताप, सौर और पवन ऊर्जा की 11 परियोजनाएं हैं। इनमें 1000 मे0वा0 के टिहरी पावर प्रोजेक्ट, 400 मे0वा0 की कोटेश्वर परियोजना, 24 मे0वा0 की ढुकुवां लघु जलविद्यत परियोजना, 50 मे0ाव की पाटन पवन फार्म, 63 मे0वा0 की देवभूमि द्वारका पवन फार्म एवं 50 मे0वा0 की कारसरगाड सौर विद्युत परियोजना परिचालित हो रही है। इनके अलावा कंपनी द्वारा 2764 मे0वा0 की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं जिनमें 1000 मे0वा0 की टिहरी पम्प स्टोरेज, 444 मे0वा0 की बीपीएचईपी तथा 1320 मे0वा0 की खुर्जा परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं के अलावा भी टीएचडीसी उत्तर प्रदेश में एसपीवी के माध्यम से 2000 मे0वा0, यूएमआरईपीपी के तहत 600 मे0वा0 की ललितपुर और 800 मे0वा0 की झांसी सौर उर्जा पार्कों का निर्माण कर रही है।

उत्पादनरत् परियोजनाएं

1-टिहरी बांध हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रथम चरण-1000 मे0वा0

2-कोटेश्वर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट-400 मेवा0

3-ढुकुवां हाइड्रो प्रोजेक्ट

निर्माणाधीन परियोजनाएं:-

1-टिहरी पंप स्टोरेज प्लाण्ट -1000मे0वा0

2-विष्णुगाड-पीपलकोटी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट-444

परियोजना सर्वेक्षण और जांच

1-झेलम तमक , चमोली-108 मे0वा0

2-बोकांग बेलिंग, पिथौरागढ़ -165 मे0ाव

3-मलशेज घाट (महाराष्ट्र)-700 मे0वा0

4-बुनाखा (भूटान में) -180 मे0वा0

5- संकोश बहुउद्ेशीय परियोजना, भूटान- 2585 मे0वा0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!