Front Page

धामी सरकार का 65.57 करोड़ का बजट पेश: आमदनी कम खर्चा बहुत ज्यादा

-उषा रावत द्वारा

देहरादून, 14 जून । उत्तराखण्ड विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन वित्तमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने राज्य का बजट पेश किया जिसमें कर्ज समेत कुल राजस्व प्राप्ति 63.77 हजार करोड़ एवं खर्च 65.57 हजार करोड़ दर्शाया गया है। बजट में कुल राजस्व घाटा 1796.94 करोड़ का है। लेकिन राजकोषीय घाटा अब भी चिन्ता का विषय बना हुआ है। इस बजट का जहां सत्ता पक्ष ने विकासोन्मुख और सर्वहितकारी बताया है वहीं विपक्ष ने बजट का निराशाजनक बताया है।

विधानसभा के इस सत्र के पहले दिन मंगलवार को धामी सरकार के वित्तमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने जो बजट पेश किया उसमें कुल व्यय 65571.49 रुपये और कुल राजस्व 63774.55 करोड़ अनुमानित है। कुल राजस्व में करों से 24500.72 करोड़ और करेत्तर आय 26973.55 करोड़ अनुमानित की गयी है। इस प्रकार सारे श्रोतों से कुल मिला कर 51,474.27 करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद की गयी है। बजट आवश्यकताओं की पूर्ति संभव न होने पर बाजार से 12,275.00 करोड़ रुपये का कर्ज उठाने का प्रवाधान भी किया गया है। लेकिन इस सबके बावजूद बजट की कुल व्यय राशि 65,571.49 से कुल राजस्व प्राप्ति 1,796.94 करोड़ पिछड़ रही है।


बजट के खर्चों में 6,017.85 करोड़ रुपये कर्जों की ब्याज अदायगी और 5,568.24 करोड़ मूलधन की किश्त की अदायगी भी शामिल है। जाहिर है कि चालू वित्त वर्ष में भी उत्तराखण्ड सरकार अपने संसाधनों से ज्यादा कर्ज के भरोसे है। क्योंकि राज्य का अपना कर राजस्व केवल 15,37,0 करोड़ 55 लाख और 89 हजार रु0 अनुमानित है। इसके अलावा 5,520 करोड़ 78 लाख 65 हजार करेत्तर आय आने की आशा जताई गयी है जबकि बजट खर्च जुटाने के लिये 12,275 करोड़ कर्ज उठाने की बात बजट प्रावधानों में की गयी है। राज्य को केन्द्रीय करों से राज्य के हिस्से केरूप् में 9,130.16 करोड़ मिलने का अनुमान लगाया गया है। चिन्ता का विषय यह है कि बजट में अपूरित घाटा जिसे राजकोषीय घाटा कहते हैं, उसकी रकम 8,503.70 करोड़ तक पहुंच गयी है। जबकि आरबीआइ की गाइडलाइन के तहत राजकोषीय घाटा 3 प्रतिशत से कम होना चाहिये।


इस प्रकार देखा जाय तो बजट में स्वयं का कर राजस्व 23.48 प्रतिशत, करेत्तर राजस्व 8.43 प्रतिशत, केन्द्रीय करों से 13.94 प्रतिशत, केन्द्र से सहायता अनुदान के रूप में 32.77 प्रतिशत और लोक ऋण से 18.75 प्रतिशत राजस्व अनुमानित है। जबकि खर्चों में वेतन, भत्ते, मजदूरी और प्रतिष्ठान पर 27.19 प्रतिशत, निवेश ऋण पर 9.09 प्रतिशत, ब्याज अदायगी पर 9.18 प्रतिशत,वृहद निर्माण पर 16.07 प्रतिशत पेंशन अनुतोषिक पर 12.49 तथा अन्य खर्चों पर 14.72 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ बेरोजगारी व मंहगाई बढ़ाने वाला बजट बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केअनुसार बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। बजट का आकार बढ़ाया गया है परन्तु आय के श्रोत नहीं बताये गये हैं। बजट में ऐसे विभाग जो गांव, गरीब, दलित व कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने वाले हैं उनके बजट जैसे कृषि विभाग, समाज कल्याण विभाग, एस.सी.पी., एस.टी.पी., स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी तथा पंचायतों के बजट में कुछ नहीं किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए बजट मात्र 25 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। बजट में पयर्टन, महिलाओं, नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है। विगत वर्ष की भांति इस बजट में भी पटवारिायों को मोटर साइकिल देने जैसी कोरी घोषणायें की गई है।

बजट की खास बातें

  • सरकारी विभागों में नवपरिवर्तन पर सरकार का फोकस।
  • कर्षि क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर कार्य।
  • बेहतर कनेक्टिविटी बनाने पर कार्य।
  • पूंजीगत परियोजनाओं से बनेगा राज्य का भविष्य सुनहरा।
  • केंद्र पोषित व बाह्य सहायतित योजनाओं को तेजी से लागू करेंगे।
  • 1 हजार 930 करोड़ की योजना से टिहरी झील का विकास।
  • ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर कार्य।

 

स्वच्छ पेयजल पर फोकस

  • 1 हजार 750 की लागत से देहरादून से मसूरी परियोजना की भारत सरकार से स्वीकृति।
  • चाय विकास योजनाके लिए4 करोड़ का प्रावधान।
  • चाय बागानों को टी टूरिज्म के लिए तैयार किया जाएगा।
  • 1 हजार 750 की लागत से देहरादून से मसूरी परियोजना की भारत सरकार से स्वीकृति।
  • 2 हजार 812 करोड़ की अर्बन योजना की स्वीकृति।
  • स्वच्छ पेयजल के लिए जायका के माध्यम से 1 हजार 600 करोड़  की योजना।
  • 14 हजार 387 करोड़ की वाह्य सहायतित योजना की सौगात केंद्र ने दी है।

 

बागवानी विकास योजना के लिए 17 करोड़

  • मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 20 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
  • सामुदायिक फिटनेस उपकरण (ओपन जिम) के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया।
  • गौसदनों की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
  • मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 17 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
  • मेरी गांव मेरी सड़क के तहत प्रत्येक विकासखंड में दो सड़क निर्माण के लिए48 करोड़ की धनराशि।
  • अटल उत्कर्ष विद्यालय योजना के लिए28 करोड़।
  • देहरादून में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थान सीपेट की स्थापना के लिए 10 करोड़।
  • मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना के लिए तहत00 करोड़।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!