चमोली की 54.50 करोड की जिला योजना अनुमोदित : आपदाओं के दृष्टिगत परिव्यय बढ़ाया गया
–गोपेश्वर से हरेंद्र बिष्ट-
चमोली जिला योजना की बहुप्रतीक्षित बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 का 54.50 करोड़ रुपए का विभागवार अनुमोदन किया गया। बैठक में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिले में सिंचाई एवं लोनिवि विभाग का परिव्यय स्वीकृति के विरुद्ध 50-50 लाख रुपए बढ़ाया गया
जिला मुख्यालय गोपेश्वर में राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृति शिक्षा एवं चमोली के प्रभारी मंत्री डाॅ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में मंत्री के जिले के चहुंमुखी विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारीयों को आपस में समन्वय बनाकर जनहित में गुणवत्ता एवं तेजी के साथ कार्य करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिला योजना में ऐसे कार्यों का चयन कर प्रस्ताव लाने के प्रयास करना चाहिए जोकि कम लागत के साथ पूरी हो सके और जनता को इसका अधिकाधिक लाभ मिल सके। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिन विद्यालयों में शौचालय, चाहरदीवारी, छत मरम्मत तथा फर्नीचर की आवश्यकता है।उसके लिए शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रस्ताव उपलब्ध करवाएं जाने चाहिए।
आपदा में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुर्ननिर्माण व मरम्मत संबधी प्रस्ताव एसडीएम के माध्यम से जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जो किसान वास्तविक रूप से खेती से जुड़े है, उनको चिन्हित कर सहकारिता के माध्यम से प्राथमिकता पर उन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज दर 5 लाख तक का ऋण उपलब्ध करवाएं। जल निगम, जल संस्थान, युवा कल्याण आदि विभागों के वचनबद्व मदों में जहॉ कार्मिकों का वेतन देय है या पूरानी देनदारियां है, उनके लिए शीघ्र धनराशि अवमुक्त किए जाने के भी निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड पूरे देश में पहला राज्य है। प्रदेश में 4447 आंगनबाडी केन्द्रों को बाल वाटिका के रूप में तैयार किया जा रहा है। पाठ्यक्रमों में मात्रभाष, भारतीय ज्ञान परम्परा आधारिक शिक्षा, स्वरोजपरक शिक्षा, स्वैच्छिक शिक्षा आदि विषयों को शामिल करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्वतीय जिलों में विद्यालयों में शिक्षकों के पद यथाशीघ्र भरे जाएंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रभारी मंत्री को विभागवार प्रस्तावित परिव्यय एवं उपलब्ध प्रस्तावों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शासन के निर्देशों के क्रम में जिला योजना के तहत उपलब्ध परिव्यय में से 50 प्रतिशत धनराशि चालू एवं बचनबद्व योजनाओं तथा मानदेय के लिए निर्धारित किया गया हैं । 15 प्रतिशत धनराशि स्वरोजगारपरक योजनाओं पर व्यय की जानी है।
अवशेष धनाराशि से ही नई योजनाओं को जिला योजना में शामिल किया जाना है। इसी आधार सभी विभागों का परिव्यय तैयार किया गया है। जिला नियोजन समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 की जिला योजना हेतु 54.50 करोड़ का परिव्यय अनुमोदान किया गया। जिसमें लोनिवि का परिव्यय 50 लाख बढाकर 4.5करोड, सिंचाई विभाग का परिव्यय भी 50 लाख बढाकर 3.80 करोड़ किया गया। इसके साथ ही अन्य विभागों के लिए जिला योजना के तहत परिव्यय निर्धारित किया गया।
जिला योजना समिति की बैठक में थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा,कर्णप्रयाग के अनिल नौटियाल, बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी के प्रतिनिधि रवीन्द्र सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिला नियोजन समिति के सदस्य आशा धपोला,अनिल सिंह, अवतार सिंह पुंडीर, प्रियंका बिष्ट, सूरज सैलानी, प्रदीप भट्ट, अनिल अग्रवाल, पूजा देवी, भागीरथी देवी, ममता देवी, बवीता त्रिकोटी, लक्ष्मी भण्डारी, कृष्णा सिंह बिष्ट,सीडीओ वरूण चौधरी, डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, एडीएम अभिषेक त्रिपाठी, एसडीएम अभिनव शाह, डीएसटीओ विनय जोशी सहित विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहें।