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पशु चिकित्सक के गायब रहने से पशुपालकों में भारी रोष

रिखणीखाल, 12 मई (प्रभु पाल रावत)

राजकीय पशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र कोटडीसैण के पशु चिकित्सक के अक्सर गायब रहने से क्षेत्र वासियों में रोष है।

रिखणीखाल से स्थानीय पशुपालक व सामाजिक कार्यकर्ता श्री देवेश आदमी ने जानकारी दी है कि बेलगाम पशु चिकित्साधिकारी ,कोटडीसैण डॉक्टर पल्लवी जायसवाल प्रायः अपने मूल तैनाती स्थल से गायब,नदारद व कार्य के प्रति उदासीन रवैया अपनाये रहती हैं।जिस कारण स्थानीय पशुपालकों में असंतोष है,उन्हें असुविधा,समय व धन की बरबादी से दो चार होना पड़ता है।

अस्पताल में कुक्कुट,पशु रोकथाम की बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयों का टोटा व घाटा जगजाहिर है।अनेकों बार पत्र के माध्यम से विभाग को अवगत कराया गया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं।वही ढाक के तीन पात व समस्या जस की तस बनी है।अब ऐसे में नाकारा अधिकारियों के कारण कैसे किसानों की आय में वृद्धि होगी,ऐसे में अधिकांश पशुपालक,कुक्कुट पालक अपने व्यवसाय से मुंह मोड़कर दूसरे कार्य में रूचि ले रहे हैं जो कि अनेकों सालों से खूब फल फूल रहा था,उस पर इन जैसे कर्मचारियों की बेरुखी व उदासीनता ने ग्रहण लगा दिया।

आखिर जिलाधिकारी,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पौड़ी,पशुपालन मंत्री क्यों न इसका संज्ञान ले रहे हैं और तय करें कि पशुपालको को किसके भरोसे छोडा गया है।
ये वही पशु चिकित्साधिकारी हैं जिन्होंने दो वर्ष पहले ग्राम नावेतल्ली में बीमार बकरियों के इलाज के लिए जाने से साफ मना कर दिया था,उनका कहना था कि ग्राम नावेतल्ली के लिए सड़क नहीं है।मैं पैदल नहीं जाऊंगी तथा फोन स्विच ऑफ कर दिया।

क्या जिलाधिकारी ,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी इस पर अपना ध्यान आकर्षित करेंगे या जैसे चल रहा है वैसे ही चलने देगें? अब क्षेत्रीय पशुपालक इंतजारी में है।

 

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