उद्यान विभाग की लापरवाही से बरबाद हो रहा काश्तकारों का माल्टा : लंगूर- बन्दर खा रहे माल्टे
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रुद्रप्रयाग, 2 मार्च। विपणन की ब्यवस्था न होने से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में उद्यान के नाम पर धन की बर्बादी हो रही है।सरकारी लापरवाही से काश्तकार की फसल बन्दर, जंगली जानवरों, पक्षियों तथा सड़ने से चौपट हो रही है। काश्तकार काली पट्टी लगाकर माल्टा ओने पौने दामों बेच रहे हैं।
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में उद्यान विभाग फल पौध वितरित करता है, लेकिन उसकी खरीदारी की कोई ब्यवस्था नही करता, फलों की बिक्री न होने से बन्दर, जंगली जानवर, पक्षियाँ नष्ट्र कर देते है या पेड़ पर ही सड़ने लगता है। विपणन ब्यवस्था नही होने से फल पौध वितरण में उद्यान विभाग धन की बर्बादी कर रहा है।
माल्टा फल पहाड़ में आर्थिकी का एक अच्छा साधन बन सकता है, लेकिन विपणन की कोई ब्यवस्था नही है, Aऔर B ग्रेड का कोई समर्थन मूल्य घोषित नही है Cग्रेड का समर्थन मूल्य चाय के एक कप की कीमत से कम मात्र 8 रु किलो घोषित है जो कि क्रय केन्द्र तक माल्टा ले जाने में भाड़ा के लिए पूरा नही होता है।
उद्यान विभाग का किसान को प्रोत्साहित कर A,Bग्रेड का माल्टा तैयार करके अच्छी आमदनी करने का कोई कार्यक्रम नही है, जिस कारण किसान के सामने समस्या है कि वह A, B ग्रेड का माल्टा कहाँ ले जायेगा । C ग्रेड को भी विभाग नही खरीदता ,किसी जूश बनाने वाले को दे कर अपना पल्ला झाड़ देता है।
रूद्रप्रयाग जनपद के औरिंग गाँव निवासी 90 वर्षीय पूर्व सैनिक श्री अजीतसिंह ने उद्यान विभाग की योजना में कुछ वर्ष पूर्व 200 पेड़ अपनी नाप भूमि में माल्टा के लगाये थे । प्रतिवर्ष 50 कुन्तल अच्छी गुणवत्ता का माल्टा तैयार होता है लेकिन विपणन ब्यवस्था न होने से फसल बर्बाद हो जाती है।
वर्ष 2021 में जिला उद्यान अधिकारी रूद्रप्रयाग से पेड़ काटने की अनुमति मांगी । इस वर्ष मुख्यमंत्री से माल्टा खरीदने की ब्यवस्था की माँग की, ऐसा न होने पर पेड़ काटकर खेत खाली करवाने हेतु निवेदन किया, लेकिन आज तक उत्तर नही मिला । जिसके विरोध में समाजसेवी और जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड रूद्रप्रयाग और चमोली के पूर्व सदस्य श्री नरेन्द्र सिंह कण्डारी ने काली पट्टी लगाकर राष्ट्रीय राजमार्ग रूद्रप्रयाग- गोरीकुण्ड के भीरी बाजार में माल्टा बेचकर अपना विरोध दर्ज किया। सरकार A,B,C ग्रेड का उचित समर्थन मूल्य घोषित करके मोटे अनाज की तर्ज पर उद्यान विभाग के माध्यम से माल्टा की प्रतिवर्ष फसल तैयार होते ही विपणन ब्यवस्था सुनिश्चित करें, जिससे किसान की आय बढ़ेगी,