टाइगर रिजर्व प्रबंधन के मामले में 26वें स्थान पर लुड़का कार्बेट पार्क

-By Usha Rawat
देहरादून, 29 जुलाइ। वन्य जीव संरक्षण के लिये सन् 1936 में स्थापित भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क, जिम कार्बेट नेशनल पार्क, बाघों के संरक्षण के प्रयासों में पिछड़ गया है। बाघ दिवस पर जारी टाइगर रिजर्व प्रबंध प्रभावशीलता मूल्यांकन की पांचवें चक्र की रिपोर्ट में कार्बेट पार्क दूसरी श्रेणी में भी उत्तर प्रदेश के दुधवा पार्क के बाद 26वें स्थान पर चला गया है। हालांकि इसे भी दूसरे ग्रेड की बहुत अच्छा वाली श्रेण्ी में रखा गया है। सन् 1973 में शुरू किये गये प्रोजेक्ट टाइगर परियोजना में शामिल शुरुआती 9 रिजर्वों में से एक कार्बेट नेशनल पार्क भी एक था। उत्तराखण्ड का बाघ संरक्षण कितना लचर है वह इस समाचार से स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश में इस साल जनवरी से लेकर मई तक की पांच माह की अवधि में 12 बाघ और बाघिनें मर गये।
गत वर्ष जारी बाघ गणना रिपोर्ट के अनुसार बाघों की सबसे बड़ी आबादी 785 मध्य प्रदेश में है, इसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560), और महाराष्ट्र (444) हैं। रिपोर्ट में कार्बेट में लगभग 260 बाघ हाने का अनुमान लगाया गया था। भारत में वर्तमान में दुनिया की लगभग 75 प्रतिशत बाघ आबादी रहती है।
9 अप्रैल, 2022 को, मैसूरु में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के समारोह के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों की न्यूनतम आबादी 3167 घोषित की थी जो कि कैमरा-ट्रैप क्षेत्र से अनुमानित थी। अब, नवीनतम् कैमरा-ट्रैप्ड और गैर-कैमरा-ट्रैप्ड बाघ उपस्थिति क्षेत्रों, दोनों से भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण के अनुसार बाघों की आबादी की ऊपरी सीमा 3925 और औसत संख्या 3682 अनुमानित है। जोकि प्रति वर्ष 6.1प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। नवीनतम् रिपोर्ट के अनुसार मध्य भारत और शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, विशेष रूप से मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र राज्यों में।
आज, 29 जुलाई 2023 को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मनाए गए वैश्विक बाघ दिवस के अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उत्तराखंड और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और पर्यटन मंत्रालय श्री अजय भट्ट के अलावा बाघ रेंज वाले राज्यों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

आज जारी टाइगर रिजर्व का प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन- पांचवें चक्र की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार:-
देश के विविध बाघ अभयारण्यों के विश्लेषण में समानता लाने और किए जाने वाले मूल्यांकन के संबंध में मूल्यांकनकर्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए, तकनीकी मैनुअल में पिछले चक्रों से मानदंडों को थोड़ा बेहतर किया गया है। एमईई फ्रेमवर्क के छह तत्वों में से प्रत्येक के मूल्यांकन के लिए, भारत में टाइगर रिजर्व के एमईई के लिए 33 मानदंड विकसित किए गए हैं। विभिन्न मानदंडों/संकेतकों को अलग-अलग वेटेज देने के बाद स्कोरिंग को अधिक उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए मूल्यांकन के एक भाग के रूप में एक विस्तृत मैट्रिक्स विकसित और शामिल की गई।
51 टाइगर रिज़र्व में से प्रत्येक के लिए सभी 33 ‘मानदंडों/संकेतकों’ के स्कोर को एक साथ एकत्रित किया गया और प्रत्येक टाइगर रिज़र्व के लिए एक प्रतिशत रेटिंग की गणना की गई। इस व्याख्या ने परिणामों को अधिकतम संभावित स्कोर के प्रतिशत के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया: 50-59% को ‘उचित’ के रूप में मूल्यांकित किया गया; 60-74% को ‘अच्छा’ माना गया; 75-89% को ‘बहुत अच्छा’ और >=90% को “उत्कृष्ट” के रूप में दर्जा दिया गया है। एमईई के 5वें चक्र के दौरान टाइगर रिजर्व द्वारा किए गए पर्याप्त सुधार (उच्च स्कोर अर्थात> = 90%) को समायोजित करने के लिए इन श्रेणियों में थोड़ा संशोधन और “उत्कृष्ट” श्रेणी की शुरुआत की गई थी। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा गया कि ये श्रेणियां एमईई के पिछले चक्रों के साथ तुलनीय हों, यानी, पिछले चक्रों की बहुत अच्छी श्रेणी को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया था, अर्थात, इस चक्र की बहुत अच्छी और उत्कृष्ट श्रेणियां।
2022 में टाइगर रिजर्व के एमईई के पांचवें चक्र के परिणाम 51 टाइगर रिजर्व के लिए 78.01% (50% से 94% के बीच) के समग्र औसत स्कोर का संकेत देते हैं।
कुल 12 टाइगर रिजर्व ने ‘उत्कृष्ट’ श्रेणी हासिल की है, इसके बाद 21 टाइगर रिजर्व ‘बहुत अच्छी’ श्रेणी में, 13 टाइगर रिजर्व ‘अच्छी’ श्रेणी में और 5 टाइगर रिजर्व ‘उचित’ श्रेणी में हैं।
टाइगर रिजर्व के एमईई के 5वें चक्र ने देश में टाइगर रिजर्व नेटवर्क (टीआरएन) के संचालन में उत्कृष्ट गुणात्मक और मात्रात्मक अंतर्दृष्टि प्रदान की है। टीआरएन में कई ‘ताकतें’ हैं जिन्हें उच्च स्तर की उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए बनाए रखा जाना चाहिए और यहां तक कि सुधार भी किया जाना चाहिए।
वैश्विक बाघ दिवस मनाने के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और पर्यटन मंत्रालय श्री अजय भट्ट ने भी भाग लिया।
तालिका: बाघ अभयारण्यों का स्कोर और रेटिंग
—————————————————
क्र.सं. | राज्य | टाइगर रिजर्व | श्रेणी |
1 | केरल | पेरियार |
उत्कृष्ट |
2 | मध्य प्रदेश | सतपुड़ा | |
3 | कर्नाटक | बांदीपुर | |
4 | कर्नाटक | नागरहोल | |
5 | मध्य प्रदेश | कान्हा | |
6 | कर्नाटक | बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर | |
7 | तमिलनाडु | अन्नामलाई | |
8 | महाराष्ट्र | पेंच | |
9 | कर्नाटक | भद्रा | |
10 | कर्नाटक | काली (डंडेली–अंशी) | |
11 | ओडिशा | सिमलीपाल | |
12 | तमिलनाडु | मुदुमलई |
13 | मध्य प्रदेश | पेंच (म.प्र.) |
बहुत अच्छा |
14 | महाराष्ट्र | तदोबा–अंधारी | |
15 | असम | मानस | |
16 | महाराष्ट्र | मेलघाट | |
17 | तमिलनाडु | सत्यमंगलम | |
18 | केरल | परम्बिकुलम | |
19 | असम | काजीरंगा | |
20 | महाराष्ट्र | नवेगांव–नागझिरा | |
21 | मध्य प्रदेश | बांधवगढ़ | |
22 | मध्य प्रदेश | पन्ना | |
23 | तमिलनाडु | कलाकाड–मुंडनथुराई | |
24 | आंध्र प्रदेश | एनएसटीआर | |
25 | उत्तर प्रदेश | दुधवा | |
26 | उत्तराखंड | कॉर्बेट | |
27 | महाराष्ट्र | सह्याद्री | |
28 | तेलंगाना | अमराबाद | |
29 | महाराष्ट्र | बोर | |
30 | अरुणाचल प्रदेश | पक्के | |
31 | बिहार | वाल्मिकी | |
32 | पश्चिम बंगाल | सुंदरवन | |
33 | ओडिशा | सतकोसिया | |
34 | तेलंगाना | कवल |
अच्छा |
35 | राजस्थान | रणथमभोर | |
36 | अरुणाचल प्रदेश | कमलांग | |
37 | मध्य प्रदेश | संजय–दुबरी | |
38 | उत्तर प्रदेश | पीलीभीत | |
39 | छत्तीसगढ | अचानकमार | |
40 | उत्तराखंड | राजाजी | |
41 | असम | ओरंग | |
42 | झारखंड | पलामू | |
43 | राजस्थान | सरिस्का | |
44 | पश्चिम बंगाल | बुक्सा | |
45 | तमिलनाडु | श्रीविल्लुपुथुर मेगालामाई | |
46 | राजस्थान | मुकुंदरा | |
47 | अरुणाचल प्रदेश | नमदाफा |
उचित |
48 | छत्तीसगढ | उदंती–सीतानदी | |
49 | असम | नामेरी | |
50 | छत्तीसगढ | इंद्रावती | |
51 | मिजोरम | डम्पा |