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महिला उत्तरजन की बेटियों ने अभावग्रस्त बच्चों को दीपावली की मिठाई, फुलझड़ियाँ और चक्रियाँ बांटीं

देहरादून, 24 अक्टूबर (उ हि)। हाँ हो सकते हैं। यह सच है। *महिला उत्तरजन* की गीत गायन टोली में रहीं कुछ छात्राओं की पहल को देखकर ऐसा लगता है। ये बेटियाँ हैं तो बहुत छोटी लेकिन इनके विचार बड़े हैं। इनकी पहल बड़ी है। आज दीपावली के अवसर पर उन्होंने बल्लुपुर और काली मन्दिर, रायपुर रोड के झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले अभावग्रस्त बच्चों को मिठाई, फुलझड़ियाँ और चक्री देकर उनकी खुशियों में शामिल होने की पहल की। इसके लिये उन्होंने अपने आपस में सहयोग करने के अलावा अपनी शिक्षिकाओं, गुरुजनों और परिचितों से कुछ पैसे इकट्ठा किये। इस कार्य में: बीना मैम, अनुपमा मैम, पूनम मैम, रश्मि मैम, प्रेमलता मैम, संध्या मैम, पार्वती मैम, शिवानी पेटवाल मैम, बीना कंडारी मैम, रीना रीना पटवाल मैम, मनवरसिंह रावत, सुषमा रावत, रोहन नेगी, अपूर्व आनन्द, लोकेश नवानी, विजय जुयाल जी तथा छात्राओं में भाग्यरथी, प्रियंका, शैली, महिमा, सुमन, मेघा, आरती, सुप्रिया, दीपक नेगी, विपिन पंवार, अमीषा, विशाखा, रेखा, सरिता, विकास कुमार, ऋतु, नीतू और कार्तिकी ने यथासम्भव आर्थिक मदद की

■ इन छात्राओं ने ongc महिला पोलिटेकनीक में *महिला उत्तरजन* की एक टीम बनाई थी और 22 जनवरी 2022 में भी इसी तरह अपनी शिक्षिकाओं और अन्य लोगों से पैसे, 100 कम्बल, स्वेटर और दूसरे गरम कपड़े एकत्र करके निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों व उन के बच्चों में बाँटे थे।
■ इस बार उन्होंने फिर विचार बनाया कि इस दीपावली में अभावग्रस्त बच्चों के पास जाकर उनको मिठाइयाँ, फुलझड़ियां और चक्री बांटे जाएँ। इसके लिये उन्होंने पटाखे और मिठाइयाँ खरीदे, खुद अलग-अलग पैकिंग की और आज बल्लुपुर और किशननगर चौक में जाकर ऐसे लगभग 30 बच्चों का पता लगाया।
■ सकारात्मकता, आशावाद और उम्मीदों से भरी ये बेटियाँ भी एक सुन्दर दुनिया की कल्पना करती हैं। इससे सिद्ध होता है कि बेटियाँ भी बड़ा दिल और बड़े विचार रखती हैं। ये बेटियाँ ऐसे संवेदनशील मनुष्य हैं जो दूसरों को खुशी देकर, उन्हें खुश देखकर खुश होना चाहती हैं। इनमें सच्ची मानवता के दर्शन होते हैं।
■ इस पहल में सबसे अधिक सक्रिय पूजा बिष्ट ने कहा कि जरूरतमंद बच्चों की खुशियों में शामिल होना मुझे सच्ची सेवा लगती है। यही मानवीय सेवा है।
■ पूजा ने यह भी कहा कि जिस तरह कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता ठीक उसी तरह किसी की सहायता या खुशी के लिये किया गया सहयोग भी बड़ा या छोटा नहीं होता। बस मन में किसी की मदद की भावना होनी चाहिए ताकि किसी को छोटी-सी खुशी मिल सके।
■ बेटियों की ऐसी बातें सुनकर, खासकर सामाजिक पहल करती बेटियों की, जो दुनिया को इतना ही जानती हैं, एक अद्भुत अनुभूति महसूस होती है। उनका यह दूसरा कदम स्वागतयोग्य है। आज सुबह 7-30 बजे बल्लूपुर और काली मन्दिर, रायपुर रोड के 50 से अधिक बच्चों को पूजा बिष्ट, सपना, आरती, भाग्यरथी, महिमा और सुमन ने मिलकर मिठाई, फुलझड़ियाँ और चक्रियां बांटीं।
■ *करुणा, उम्मीदों और अच्छी दुनिया के सपनों से भरी इन बेटियों को सलाम है।*

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