बदरीनाथ के 19 नवम्बर और शेष धामों के कपाट इसी माह बंद होंगे: इस साल यात्रियों का रिकार्ड टूटा मगर मौतें भी सर्वाधिक
- अब तक चार धामों में कुल – 40,37,052 यात्री पहुंचे
- मरने वाले यात्रियों की संख्या-267 तक पहुंची
- केदारनाथ धाम के मृतक यात्रियों की संख्या -133
- यमुनोत्री के मृतकों की संख्या हुयी -47
- यात्रियों को पहुंचाने वाले वाहनों की संख्या -4,23,641 तक पहुंची
–-उषा रावत —
देहरादून, 5 सितम्बर । उत्तराखण्ड के पवित्र धामों की इस साल की यात्रा अब समापन की ओर बढ़ने लगी है। बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिये 19 नवम्बर को बंद होने जा रहे हैं। जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट इसी माह अक्टूबर में दीपावली के बाद बंद हो रहे हैं। सरकारी रिकार्ड के अनुसार अब तक चारों धामों में 40,37,052 तीर्थ यात्री इन चारों धामों में पूण्य लाभ अर्जित कर चुके हैं, जो कि अब तक का एक रिकार्ड ही है। लेकिन इसके साथ ही इस वर्ष की यात्रा में तीर्थयात्रियों के मरने का रिकार्ड भी बना है। अब तक कुल 267 यात्री स्वर्ग सिधार चुके हैं।
प्राचीन परम्परानुसार आज विजयादश्मी के अवसर पर धर्माधिकारियों, बेदपाठियों और मंदिर समिति के अधिकारियों की उपस्थिति में बदरीनाथ में इस पवित्र धाम के कपाट शीतकाल के लिये बंद करने की तिथि निकाली गयी। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के अनुसार पंचांग के अनुसार कपाट बंद करने का मुहूर्त 19 नवम्बर को 3 बज कर 35 मिनट पर निकला है।
शेष तीन धामों में से केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट सदैव भाई दूज के अवसर पर और गांगोत्री के कपाट दीवाली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व पर बंद होते हैं।
बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को दोपहर 3.35 मिनट पर शुभ मुहूर्त में बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्तूबर को अन्न कूट पर्व पर शीतकाल के लिए 12.01 मिनट पर बंद होंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्तूबर को भाई दूज के पावन पर्व पर 12 बजकर 09 मिनट पर सर्व सिद्धि योग, और अभिजीत मुहूर्त में बंद होंगे। उधर केदारनाथ धाम के कपाट भी भाई दूज के पावन पर्व पर 27 अक्तूबर को बंद कर दिए जाएंगे। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि भैया दूज पर्व की तिथि 26 अक्टूबर शाम से शुरू होकर 27 अक्टूबर दोपहर 12:00 बजे तक है इसलिए धामों के कपाट 27 अक्तूबर को ही बंद किए जाएंगे।