राजनीति

बेढंगे परिसीमन का खामियाजा भुगतना पड़ता है थराली के विधायकों को

–रिपोर्ट-हरेंद्र बिष्ट —
तो क्या थराली विधानसभा क्षेत्र के विधायक भूपाल राम टम्टा आगामी नगर निकाय एवं 2024 के लोकसभा चुनाव के मोड में आ गऐ हैं। जिस तरह से वह  अपनी विधानसभा क्षेत्र में अंतिम से अंतिम गांव में पहुंच कर जनता से रूबरू हो रहे है उससे तो कुछ यही लग रहा है।

दरअसल विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह से थराली आरक्षित विधानसभा क्षेत्र का गठन किया गया है आज तक आम जनता की तो छोड़िए जनप्रतिनिधियों तक की समझ में नही आ रहा है कि गठन भगोलिक आधार पर किया गया याकि किसी अन्य कारणों से। चमोली जिले में कुल 9 विकासखंड हैं। इनमें से अजीबोगरीब परिसीमन के तहत अकेले थराली विधानसभा क्षेत्र में 5 विकासखंडों के हिस्सों को लेकर थराली विधानसभा क्षेत्र का गठन कर दिया गया है।

इस विधानसभा क्षेत्र के दौरा करने को जिस तरह से विधायकों को पसीना बहाना पड़ा है। वह  शायद  ही राज्य के अन्य विधायकों को बहाना पड़ता हो। थराली विधायक को तीन-तीन कर्णप्रयाग, बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्रों की परिक्रमा करने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतिम गांव तक पहुंचना पड़ा है। ऐसी स्थिति में थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा के सामने आने वाले ढेड़ साल के दौरान होने वाले स्थानीय नगर निकाय चुनाव के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों में अपने विधानसभा क्षेत्र से बेहतरीन परिणाम देने के लिए शायद थराली के विधायक ने कमर कस ली है।

पिछले कई महीनों से थराली, देवाल, नारायणबगड़, नंदानगर एवं दशोली क्षेत्र में फैले विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह से अंतिम गांव तक पहुंचने का विधायक टम्टा प्रयास कर रहे हैं। उससे  फिलहाल दो चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए प्रयासों के रूप में माना जा रहा हैं। इसके अलावा 2024 में ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी उनके लिए अग्नि परीक्षा से कम नही है। फिलहाल जिस तरह से विधायक टम्टा ताबड़तोड़ दौर कर रहे हैं उससे उसके चुनावी मोड आने के रूप मेें देेखे  जाने के रूप में माना जा रहा है।

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