एक से बढ़ कर एक हस्तियों के बावजूद आजादी के अमृतकाल में भी दिन नहीं बहुरे कोटद्वार रेलवे स्टेशन के

Spread the love

प्रभूपाल सिंह रावत 
उत्तराखण्ड प्रदेश का एक डेढ सौ वर्ष से अधिक पुराना कोटद्वार रेलवे स्टेशन आज सिर्फ एक मात्र ट्रेन के परिचालन की बजह से भारतीय रेलवे की सूची में स्थान बनाए हुए हैं । आजादी के 75 वे अमृतकाल में यह स्टेशन अभी भी सिर्फ एक ट्रेन डेस्टीनेशन (दिल्ली -कोट़द्वार) तक सीमित है । भारतीय रेल विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है परंतु कोटद्वार अभी भी मुख्य रेलवे स्टेशनों की श्रेणी में शामिल होने के लिए जूझ रहा है।


कोटद्वार रेलवे स्टेशन ब्रिटिश शासन में सन् 1856 में बनाया गया था। उस समय इस स्टेशन से रेल द्वारा लकड़ियों की ढुलाई होती थी। सन् 1904 से इस स्टेशन से सवारी गाड़ी का आना जाना प्रारम्भ हुआ क्योकि लैंसडाउन में ब्रिटिश सरकार द्वारा गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सैंटर खोला गया ।आजादी के बाद दिल्ली से देहरादून तक मंसूरी एक्सप्रेस चलाई गयी वह भी वाया नजीमाबाद होते हुए जिसमें तीन बोगियों को कोटद्वार के लिए जोड़ा गया। इन बोगियों को नजीबाबाद से पसेंजर गाड़ी द्वारा लाय जाता रहा । सन् 1996 -97 में सतपाल महाराज जी राज्य रेल मंत्री बने और उन्होंने दिल्ली से कोटद्वार के लिए एक नयी रेलगाड़ी गढ़वाल एक्सप्रेस चलाई।
मंसूरी एक्सप्रेस दिल्ली रेलवे स्टेशन से रात लगभग 10.50 चलती थी और यह गाड़ी देर रात करीब ढाई -तीन बजे नजीबाबाद पहुंचती थी जहां यह गाड़ी कोटद्वार की तीन बोगियों को छोड़कर देहरादून चली जाती थी । नजीबाबाद से सुबह साढ़े पांच बजे इन डिब्बों को एक पैसेंजर गाड़ी के साथ जोड़कर सुबह साढ़े छह बजे कोटद्वार लाया जाता था। इसी प्रकार कोटद्वार से दिल्ली के इन डिब्बों को रात नौ बजे पैसेंजर गाड़ी द्वारा नजीबाबाद लाया जाता था और फिर देर रात देहरादून से मसूरी एक्सप्रेस के आने पर इन डिब्बों को जोड़ा जाता था । मंसूरी एक्सप्रेस का आगमन सुबह साढ़े सात बजे दिल्ली में होता था।
गढ़वाल एक्सप्रेस पुराने दिल्ली स्टेशन से सुबह सात बजे कोटद्वार के लिए चलती थी जोकि दिन के ढाई-तीन बजे कोटद्वार पहुंचती थी । यह गाड़ी उसी दिन चार बजे करीब दिल्ली के लिए रवाना होती थी और रात को साढ़े दस बजे करीब दिल्ली पहुंचती थी ।
उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के कोटद्वार और दूर दराज पहाड़ी क्षेत्रों के लोग इन दोनों गाड़ियों से अपने गांव के लिए देश के विभिन्न शहरों से आना जाना करते थे। परंतु सन् 2020 से कोरोना महामारी के समय से इन दोनों गाड़ियों का परिचालन बंद हो रखा है ।
पिछले वर्ष रेलवे विभाग ने दिल्ली से कोटद्वार के लिए सिद्बबली जनशताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन आरम्भ किया। यह गाड़ी पुरानी दिल्ली से सुबह सात बजे चलती है और दिन में तीन बजे करीब कोटद्वार पहुंचती है और फिर यह गाड़ी उसी दिन चार बजे करीब दिल्ली के वापिस रवाना होती है ।
मंसूरी एक्सप्रेस का परिचालन न होने से क्षेत्रीय जनता को काफी परेशानी हो रही है क्योंकि रात को दिल्ली से कोटद्वार के लिए कोई ट्रेन उपलब्ध नहीं है । सिद्बबली जनशताब्दी एक्सप्रेस दिन के तीन बजे कोटद्वार पहुंचती है जोकि उपर पहाड़ी क्षेत्रों के जाने वाले यात्रियों को सूट नहीं करती क्योंकि पहाड़ों को जानें वाली बसें दो बजे तक निकल जाती है जिसके कारण सुबह बस के लिए उन्हें या तो रात को कोटद्वार रुकना पड़ता है और या तो उन्हें टैक्सी बुक करनी पड़ती है जोकि उन्हें मंहगा और असहज पड़ता है ।
लगता है गढ़वाल एक्सप्रेस के स्थान पर सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस को चलाया जा रहा है परंतु मसूरी एक्सप्रेस के स्थान पर रात को दिल्ली से कोटद्वार के लिए अभी तक किसी भी ट्रेन का परिचालन नहीं किया जा रहा है जिसके कारण जनपद पौड़ी के लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल का मुख्य द्वार है । यहां से पौड़ी, श्रीनगर,बद्रीनाथ केदारनाथ के लिए मुख्य राष्टीय राजमार्ग है । कोटद्वार चीला वन उद्द्यान और कालागढ़ वन रैंज से सटा हुआ है । इसके आगे दुगड्डा- सीधीखाल- रथुवाढाब-मैदावन पूरा वन क्षेत्र है जोकि जिम कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में आता है । इसके दायें तरफ़ चालीस किलोमीटर आगे राम गंगा नदी पर कालागढ़ डैम है । यह पूरा क्षेत्र जंगल सफारी और पर्यटन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
कोटद्वार मे सिद्बबली का प्रसिद्ध मंदिर है । यहां से तीस किलोमीटर दूर लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल्स का रेजीमेंटल सैंटर है। लैंसडाउन एक पर्यटक केंद्र भी है। इसके आगे ताड़केश्वर महादेव का मंदिर है । इन तीनों स्थानों पर पर्यटक और श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं। परंतु ट्रेन की सही तरह से उपलब्धता/ सुविधा न मिलने से उनको भी काफी परेशानी होती है ।
सांसद, पौड़ी श्री तीरथसिंह रावत जी व राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी तथा कोटद्वार से विधायक और उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्षा श्रीमती ऋतु खण्डूरी  से अपेक्षा की जाती है कि कोटद्वार के लिए अन्य शहरों से भी रेल सेवा का परिचालन शुरु करने का प्रयास करेंगे?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!