केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट भी हुये बंद ; चारधाम यात्रा में इस बार 245 यात्रियों की हुयी मौत

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-By-Adit S. Rawat-
देहरादून, 15 नवम्बर। भाईदूज के अवसर पर आज बुधवार को पूर्व घोषित मुहूर्त के अनुसार उत्तराखण्ड के चार धामों में से भगवान केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिये बंद हो गये। गंगोत्री के कपाट मंगलवार को बंद हा गये थे और अब बदरीनाथ के कपाट आगमी 18 नवम्बर को बंद होने हैं जिसके लिये धार्मिक प्रकृयाऐ शुरू हो गयी हैं। इस बार केदारनाथ धाम में 19,57,850 तीर्थयात्रियों ने पहुंच कर पुण्य लाभ कमाया जबकि विभिन्न कारणों से 120 तीर्थ यात्रियों ने जानें भी गंवाई हैं।

आज 15 नवम्बर की प्रातःकाल समय 08ः30 बजे बाबा केदारनाथ के कपाट पूर्व परम्परानुसार शीतकाल के लिए बन्द हो गये हैं। भारतीय सेना के बैण्ड की मधुर ध्वनि व श्रद्धालुओं के भोले के जयकारों के बीच विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कपाट बन्द होने की प्रक्रियाशुरू हुई। निर्धारित परम्पराओं व पूजा अर्चना के उपरान्त बाबा की डोली ने केदारनाथ धाम से अपने निर्धारित पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। डोली का आज रात्रि प्रवास रामपुर में रहेगा। 16 नवम्बर 2023 को बाबा केदार की उत्सव डोली रामपुर से प्रातःकाल प्रस्थान कर फाटा, नारायणकोटि होते हुए रात्रि विश्राम हेतु श्री विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवम्बर 2023 को श्री केदारनाथ जी की उत्सव डोली प्रातः काल श्री विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी से प्रस्थान कर लगभग 11ः00 बजे पंच केदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में प्रवेश करेगी तथा पूर्व परम्परानुसार अपने गद्दी स्थल पर विराजमान रहेंगे।

आज ही प्राचीन परम्परानुसार भाईदूज के अवसर पर यमुनोत्री के कपाट भी शाीतकाल के लिये बंद हो गये। यमुनोत्री के दर्शन अब शीतकाल में खरसाली में हो सकेंगे। गत दिवस अन्नकूट के पर्व पर गंगोत्री के कपाट बंद हो गये थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस यात्रा सीजन में केदारनाथ में 19,57,850 यात्रियों ने, गंगोत्री में 9,05,174 और यमुनोत्री में 7,35,194 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किये। इस साल तीर्थ यात्रियों की रिकार्ड आमद तो रही साथ ही बड़ी संख्या में यात्रियों ने चारधाम यात्रा पर जानें भी गंवाई है। इस यात्रा सीजन में केदारनाथ यात्रा में 120, गंगोत्री में 30 तथा यमुनोत्री यात्रा में 39 यात्रियों की मौतें हुयी हैं। बदरीनाथ में भी अब तक 46 यात्री जानें गंवां चुके हैं।

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