पानी की बर्बादी न रोकी तो 2050 के बाद बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे
ख़ास बातें
- डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की प्रतिनिधि ने बताए बर्बादी रोकने के तरीके
- प्रश्नावली के जरिए छात्रों को समझाया जल संरक्षण का महत्व
- सोचिएगा, अगर पानी आज नहीं हो तो क्या होगा: प्रो. द्विवेदी
–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया
वर्ल्ड वाइल्ड फण्ड- डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, दिल्ली की परियोजना अधिकारी श्रीमती नेहा भटनागर ने पानी की बर्बादी पर चिंता जताते हुए कहा, यदि इसी रफ्तार से हम पानी की बर्बादी करते रहे तो 2050 तक पीने का पानी धरती से पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। श्रीमती भटनागर ने डेली यूज हो रहे वाटर के वेस्टेज को कम करने के तरीकों के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने प्रश्नावली के जरिए छात्रों को जल संरक्षण का महत्व समझाते हुए कहा, जल संरक्षण बेहद जरूरी है। हम दैनिक जीवन में कम वाटर का उपयोग करके वाटर को बचा सकते हैं। श्रीमती भटनागर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़- एफओईसीएस में कॉलेज एनएसएस यूनिट की ओर से वाटर फुट प्रिंट पर आयोजित वर्कशॉप में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इससे पहले श्रीमती नेहा भटनागर ने बतौर मुख्य अतिथि, एफओईसीएस के निदेशक और प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी और कॉलेज एनएसएस कोऑडिनेटर डॉ. अभिनव सक्सेना ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। संचालन बीएससी ऑनर्स-मैथमेटिक्स फ़ाइनल ईयर के हिमांशु सिंह और श्रुति ने किया।
एफओईसीएस के निदेशक प्रो. द्विवेदी ने जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, लोग सबमर्सिबल का उपयोग करके सड़कों की अनावश्यक धुलाई, अपने वाहन की धुलाई, उद्योग आदि में बहुत ज्यादा पानी बर्बाद कर रहे हैं। जो लोग पानी के महत्व को नहीं जानते हैं, उन्हें जागरूक करने की जरूरत है। पानी की लगातार बर्बादी मनुष्य के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के लिए भी बेहद हानिकारक हैं। जरा आप सोचिएगा, अगर पानी आज नहीं हो तो क्या होगा? ऐसी भयावह स्थिति अपने आप में एक बड़ा सवाल है। इस अवसर पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, दिल्ली के श्री उमेश चंद्र के अलावा गणित के विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. आलोक गहलोत, डॉ. कामेश कुमार, डॉ. गोपाल कुमार गुप्ता, डॉ. अजय उपाध्याय, डॉ. दीप्तोनिल बनर्जी, श्री मुकेश कुमार, श्री अशोक कुमार, श्री विजेंद्र सिंह रावत, श्री नीरज कौशिक, श्री अमित कुमार आदि मौजूद रहे। अंत में डॉ. असीम अहमद ने सभी का आभार व्यक्त किया।