उत्तरकाशी की यमुनोत्री सीट पर भाजपा -कांग्रेस के टिकटार्थियों में अफरा तफरी: प्रदेश में भाजपा के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के टिकट कटने की संभावना

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उत्तरकाशी,12 दिसंबर (चिरंजीवी सेमवाल) । उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और सरकार शासन और प्रशासन भी पूरी तरह से चुनाव देर में आ चुका है ऐसे में राष्ट्रीय दलों की टिकट की चाहत के लिए संभावित उम्मीदवारों ने टिकट की दौड़ से लेकर के क्षेत्र भ्रमण भी तेजी से कर रहे हैं। उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री विधानसभा भौगोलिक दृष्टि से गंगा और यमुना घाटी में बंटी हुई है यहां लगभग 72 हजार मतदाता है ।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने कई वर्तमान विधायकों के टिकट उनकी परफॉर्मेंस देखकर काटने के संकेत दिये है। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे करवाया है इसके बाद पूरी रिपोर्ट लेकर जेपी नड्डा बीते महिने देहरादून पहुंचे थे। सूत्रों की माने तो वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड बीजेपी से चुनाव लडे सिटिंग तीन विधायकों के टिकट कटने तैय माने जा रहे है । जबकी 25 बीजेपी के सिटिंग विधायकों की अच्छी परफॉर्मेंस नहीं बताई जा रही है। कुछ बुजुर्ग विधायकों को पार्टी इस बार रिटायर्ड करने जा रहे हैं । पार्टी जीताओ उम्मीदवारों की तलाश मैं । सूत्रों की माने तो यमुनोत्री में बीजेपी के टिकट को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की पार्टी के उच्च पदाधिकारियों से गुफ्तगू हो चुकी है । उधर कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत भी यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र मे 2017 में किये गये टिकट वितण मे पुन: गलती को नहीं दोहराना चाहता है । भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दल यमुनोत्री विधानसभा में अपना सर्वे करा चुकी है। जिसमें की एक राष्ट्रीय दल ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को यमुनोत्री विधानसभा से अपने टिकट से चुनाव मैदान में उतारने जा रही है, लेकिन दीपक बिजल्वाण राजनीति के मंजे खिलाड़ी है । अब देखना वाली बात हो गी कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले किस राष्ट्रीय पार्टी का दामन थामते हैं । लेकिन इतना जरूर है कि यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में दीपक बिजल्वाण की धमक के आगे राष्ट्रीय पार्टियों में की चमक फीकी है ।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान:- मनवीर चौहान युवा भाजपा नेता है वर्तमान समय में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के पीआरओ रह चुके हैं। सीएम के जनसंपर्क अधिकारी रह चुके हैं श्री चौहान के द्वारा यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के स्यालना- खरादी ,थान नगाण गांव – बचाण गांव रोड, आदि कई सड़कों को स्वीकृत करवाया इसके अतिरिक्त कई इंटर कॉलेजों का उचीकरण किया हैं । इतना ही नहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. निशंक से यमुना घाटी का पृथक जनपद यमुनोत्री नाम की घोषणा करवाई थी। श्री चौहान भाजपा युवा नेताओं में टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। संगठन में मजबूत पकड़ एवं क्षेत्र में स्वच्छ छवि एवं भाजपा सरकार में चल रहा है युवाओं की सरकार के नारे के बीच मनवीर सिंह चौहान भाजपा के टिकट से प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। पार्टी यदि युवा नेता मनवीर सिंह चौहान को टिकट देती है तो मौजूदा विधायक की anti-incumbency से बचाना तैय है और यहां सीट बीजेपी की झोली मे जायेगी। पूर्व राज्य मंत्री जगवीर सिंह भंडारी:- जगबीर सिंह भंडारी नौगांव विकासखंड के पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं यह एक ईमानदार और जुझारू नेता है 2012 में भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें यह यमुनोत्री विधानसभा से अपने उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन श्री भंडारी निर्दलीय प्रत्याशी प्रीतम सिंह पंवार एवं कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी केदार सिंह रावत रावत के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे हालांकि उस चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बड़ा था।
केदार सिंह रावत:- केदार सिंह रावत भाजपा की वर्तमान विधायक इससे पूर्व 2007 से 2012 तक श्री रावत कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। इससे पूर्व जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वर्तमान में चंद लोगों लोगों ने घेर लिया है। जिसके चलते क्षेत्र में लोग भाजपा के हार की एंटी इनकंबेंसी सबसे बड़ी वजह बन रही है। दूसरी और श्री रावत पहले बीजेपी में रह चुके हैं । उसके बाद 10- 15 साल तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद 2017 में बीजेपी में घर वापसी हुई है। इससे वर्तमान में यमुनोत्री विधानसभा सीट से पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता 2022 की टिकट को लेकर के चुनाव मैदान में खड़े हैं जो की केदार रावत के लिये मुश्किलें खडी कर दी हैं। दुसरी और यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र कि जो ज्वलंत समस्या है उनको लेकर के केदार रावत फिसड्डी साबित हुए हैं। वर्तमान में यमुनोत्री पृथक जनपद बनाओ ,नगर पंचायत बड़कोट पेयजल समस्या सहित दर्जन भर से अधिक इंटर कॉलेजों के भवन नहीं बने है। विपक्ष का कहना है कि विधायक केवल केंद्र योजनाओं के सहारे अपनी चुनाव नैया पार लगाने चाह रहे हैं । विपक्ष का आरोप है कि पीएमजेडीवाई की सड़कों को अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं । पीएमजीएसवाई कि सड़कों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर की भारी आक्रोश का माहौल है । दूसरी और क्षेत्र में श्रमकार्ड के नाम पर गांव के सीधे -साधे लोगों से लाखों रुपए ले गए थे उससे कई लोगों के श्रमिक कार्ड ही नही बननाये गये इस पर विधायक की चुपकी से बीजेपी की क्षेत्र में किरकिरी हो रही है । सोशियल मीडिया में इसका वीडियो वायरल भी हो रहा हैं । जो कि पूरे रवांई घाटी में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग इस पर मुदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं । जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है । गरीबों के लाखों लाखों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। यही वजह रही कि बीजेपी को जगह जगह विरोध झेलना पडा है।
पूर्व राज्य मंत्री रामसुंदर नौटियाल :– श्री नौटियाल लंबे समय से पत्रकारित के क्षेत्र में रहे इसके साथ भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं । त्रिवेंद्र सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं । रामसुंदर नौटियाल इस समय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने इससे पूर्व क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर के लंबे समय से संघर्ष रत रहे ,टिहरी झील के व विस्थापित के मामला को लेकर यातायात से जुड़े मुद्दों को लेकर के जन संघर्षों के साथ जुड़े हुए हैं ।
लक्ष्मण सिंह भंडारी :- लक्ष्मण भंडारी की धर्मपत्नी श्रीमती अशर्फी भण्डारी ब्लाक प्रमुख रहते तत्कालीन तिवाड़ी सरकार में जनसहयोग से दशगी हातड़ व भंडारस्यूं पट्टियों को ओबीसी का दर्जा दिलवाने में कामयाब। कर्मचारी संगठनों में लीडरशिप
समाज सेवा के लिए 30 दिसंबर 2006 को सरकारी सेवा से त्यागपत्र व भाजपा ज्वाइन की
_ फार्मेसी काउंसिल में उपाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित।
क्षेत्रीय जनता की पीड़ा को साझा कर समय समय पर आपदा राहत व सड़कों की स्वीकृति हेतु आंदोलन ।
लक्ष्मण सिंह भंडारी 2014 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते।
संजय डोभाल:- सजय डोभाल एक सरण और मृदु भाषी नेताओं में गिने जाते हैं । वर्ष 2009 मे जिला पंचायत अध्यक्ष से निर्दलीय उम्मीदवार थी 1 वोट से हार गए थे जिसके बाद क्षेत्र के लोगों की इनके प्रति बड़ी संपत्ति थी 2017 में इन्हें कांग्रेस पार्टी ने यह यमुनोत्री विधानसभा से टिकट दिया था जिस पर इन्हें बीजेपी के विधायक केदार रावत से महज 2500 हजार वोटों से हार गये थे। वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। 2022 में पुन: यमुनोत्री विधानसभा से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लाने की तैयारी में जुटे हैं अब देखने वाली बात होगी कॉन्ग्रेस किस को उम्मीदवार घोषित करती है। ये तो अआने वाला समय बताएगा बतायागा कि संजय डोभल नेता प्रतिपक्ष प्रथम सिंह चौहान की गुट के जाने जाते हैं , लेकिन इस समय हरीश रावत एवं गणेश गोदियाल की जोडी टिकट किसे टिकट देते हैं ये देखने वाली बात होगी।

दीपक बिजल्वाण:- पुरोला छात्र राजनीति से उभरे बिजल्वाण बिजल्वाण राजा आंदोलनकारी स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद बिजल्वाण का पुत्र है जिन्होंने सबसे कम उम्र में खावली सेरा से क्षेत्र पंचायत सीट जीतकर प्रमुख के चुनाव में बड़े-बड़े नेताओं की राजनीति को मात दी। उसके बाद 2014 में रामा वार्ड से जिला पंचायत सदस्य जीतकर डीपीसी मेंबर रहे हैं। और 2019 के पंचायत चुनाव में हुडुली वार्ड से जिला पंचायत सीट से जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष निर्दलीय जीते हैं। इस जीत को उत्तरकाशी जनपद नहीं अपितु पूरा उत्तराखंड दीपक बिजल्वाण का लोहा मान चुके है। श्री बिजल्वाण एक युवा उभरता चेहरा है पिछले 2 वर्षों से यमुनोत्री विधानसभा के प्रत्येक गांव में क्षेत्र भ्रमण कर जन समस्याओं को त्वरित गति से मौके पर निस्तारित कर राजनीति को एक नया रूप दे दिया है।

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