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आधुनिक तकनीक के साथ आधुनिकीकरण के युग में प्रवेश कर रहा है भारतीय रेलवे

–By Usha Rawat —

भारतीय रेलवे आधुनिक स्टेशनों, आधुनिक ट्रेनों और आधुनिक तकनीक के साथ आधुनिकीकरण के युग में प्रवेश कर रहा है। वर्तमान में छह आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे में सेवारत हैं। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थानों को प्रदर्शित करने के लिए ‘भारत गौरव’ ट्रेनें शुरू की गईं. वित्त वर्ष 22 में रेलवे के कैपेक्स में 1,90,267 करोड़ रुपये का महत्‍वपूर्ण उछाल देखा गया। ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए स्टेशन पुनर्विकास मुख्य फोकस क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है। 572 आउटलेट्स के साथ 535 स्टेशनों पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद योजना’ लागू की गई। 2022 के दौरान दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000रूट किलोमीटर) पर कवच की तैनाती के लिए निविदाएं प्रदान की गईं। 2022 के दौरान, पूरे भारत में 21 रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) द्वारा इंडेंटिंग रेलवे/उत्पादन इकाइयों को लगभग 14000 उम्मीदवारों के पैनल की आपूर्ति की गई है। आरआरबी परीक्षाओं में पहली बार आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली शुरू की गई है।

1.    सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को शामिल करना

(i) सेमी हाई स्पीड सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेनें इंटीग्रल कोच फैक्ट्री/चेन्नई द्वारा स्वदेशी प्रयासों से निर्मित की गई हैं जो वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में सामने आई हैं।

(ii) इन ट्रेनों में अति आधुनिक विशेषताएं हैं जैसे त्वरित त्वरण, यात्रा समय में पर्याप्त कमी, 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति, ऑन-बोर्ड इंफोटेनमेंट और जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, रिट्रक्‍टेबिल फुटस्‍टेप्‍स और जीरो डिस्चार्ज वैक्यूम बायो शौचालय, सीसीटीवी कैमरे वैश्विक मानकों के अनुसार कैमरे अन्य समकालीन विशेषताएं उपलब्‍ध है।

(iii) वर्तमान में भारतीय रेलवे में छह वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जैसा कि नीचे बताया गया है:-

  • 2019 से नई दिल्ली – वाराणसी और नई दिल्ली – श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच दो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं।
  • बढ़ी हुई सुरक्षा विशेषताओं और यात्री सुविधाओं के साथ वंदे भारत ट्रेनों के तीन नए और उन्नत संस्करण हाल ही में मुंबई सेंट्रल- गांधी नगर राजधानी, नई दिल्ली-अम्‍ब अंदौरा और चेन्नई-मैसूर, नागपुर-बिलासपुर के बीच शुरू किए गए हैं।

2.    विस्टाडोम कोचों का परिचय

(i) विस्टाडोम कोच व्यापक बॉडी साइड विंडो के साथ-साथ छत में पारदर्शी खंडों के माध्यम से मनोरम दृश्य दिखलाते हैं, इस प्रकार ये यात्रियों को उन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने में सक्षम बनाता है जहां-जहां की वे यात्रा करते हैं।

(ii) 30.11.22 की स्थिति के अनुसार, भारतीय रेलवे के विभिन्न खंडों में 82 विस्टाडोम कोच उपलब्ध हैं, इसमें से एलएचबी प्लेटफॉर्म पर 35 विस्टाडोम कोच भी शामिल हैं, जिन्हें कई आधुनिक सुविधाओं और सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है, जैसे कि कोच की अंतिम दीवार पर बड़ी खिड़की के साथ ऑब्जर्वेशन लाउंज, पारदर्शी बड़ी खिड़कियां, छत में विद्युत रूप से नियंत्रित ओपलेसेंस ग्लास खिड़कियां, सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किए गए एफआरपी आंतरिक और एर्गोनॉमिक रूप से 180 डिग्री रोटेटिंग सुविधा के साथ डिज़ाइन की गई रिक्लाइनिंग सीटें, जीपीएस आधारित ‘सार्वजनिक संबोधन एवं यात्री सूचना प्रणाली (पीएपीआईएस), दोनों तरफ कम्पार्टमेंट एंट्री पर स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम और बायो टैंक के साथ एफआरपी मॉड्यूलर शौचालय, अलार्म सिस्टम के साथ एस्पिरेशन टाइप ऑटोमैटिक फायर डिटेक्शन , सीसीटीवी प्रणाली, आदि।

(iii) 30.11.22 तक 35 एलएचबी विस्टाडोम कोचों का निर्माण किया गया है (20-21 में 7, 21-22 में 15 और 22-23 में 30.11.22 तक 13 कोच)।

3. तेजस राजधानी ट्रेनों का परिचय

(i) भारतीय रेलवे पर स्लीपर कोच के साथ एलएचबी प्लेटफॉर्म पर अल्ट्रा-मॉडर्न तेजस ट्रेनें शुरू की गई हैं। इन अति आधुनिक ट्रेनों में निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएं हैं: स्वचालित प्रवेश द्वार, यात्री घोषणा/यात्री सूचना प्रणाली, आग और धुएं का पता लगाने वाली प्रणाली, सीसीटीवी कैमरे, बेहतर शौचालय – बायो-टॉयलेट के साथ वैक्यूम असिस्टेड फ्लशिंग आदि।

(ii) निम्नलिखित 4 राजधानी ट्रेनों के कोचों को 2021 में तेजस स्लीपर कोचों से बदला गया, जैसा कि नीचे दर्शाया गया है:-

ट्रेन सं. मार्ग क्षेत्रीय रेलवे
20501/02 अगरतला-आनंद विहार राजधानी एक्सप्रेस एनएफआर
12951/52 मुंबई-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस डब्ल्यूआर
12953/54 मुंबई-निजामुद्दीन अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस डब्ल्यूआर
12309/10 राजेंद्र नगर-नई दिल्ली (पटना राजधानी) एक्सप्रेस ईसीआर

 

एसी इकॉनमी कोच

(i) एलएचबी एसी थ्री-टियर कोच- एसी इकॉनमी कोच का एक नया संस्करण भी सेवा में प्रस्‍तुत किया गया है, जिसमें बेहतर सुविधाएं और यात्रियों को ले जाने की क्षमता में वृद्धि की गई है।

(ii) भारतीय रेल ने आम जनता की जरूरतों को पूरा करने और एसी क्लास में यात्रा की उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एसी इकॉनमी कोच शुरू करने की योजना बनाई है। इन कोचों को ट्रेनों में सामान्य स्लीपर क्लास कोचों में बदलने की योजना है।

(iii) 2020-21 में एक प्रोटोटाइप कोच तैयार किया गया। 30.11.22 तक 519 ऐसे कोचों का निर्माण किया गया है, जैसा कि नीचे बताया गया है:-

वर्ष

कुल
2020-21 1

2021-22

271
2022-23 ( 30.11.22 तक) 247
कुल

519

 

एलएचबी कोचों का प्रसार

(i) भारतीय रेल ने लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के बड़े पैमाने पर प्रसार के लिए निर्णय लिया है जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं, जिनमें चढ़ाई रोधी विशेषताएं हैं, विफलता संकेत प्रणाली के साथ एयर सस्पेंशन (द्वितीयक) और कम संक्षारक शेल आदि। इन कोचों में पारंपरिक इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) कोचों की तुलना में बेहतर यात्रा सुविधा और सुंदरता है। इसके लिए भारतीय रेल की उत्पादन इकाइयों ने 2018-19 से आईसीएफ कोचों का निर्माण बंद कर दिया है।

(ii) पारंपरिक आईसीएफ कोचों वाली ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से एलएचबी कोचों से बदला जा रहा है। इसके अलावा, उत्पादन इकाइयों में एलएचबी कोचों के उत्पादन में भी वर्षों से लगातार वृद्धि हो रही है जैसा कि नीचे दर्शाया गया है:-:

 

वर्ष निर्मित एलएचबी कोचों की संख्या
2018-19 4429
2019- 20 6277
2020-21 4323

2021-22

6291
2022-23 (30.11.22 तक) 3263

 

रिकॉर्ड माल लदान

  • मिशन मोड पर, इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले आठ महीनों के लिए भारतीय रेलवे की माल ढुलाई पिछले साल की इसी अवधि की लोडिंग और कमाई को पार कर गई।
  • संचयी आधार पर अप्रैल-नवंबर 2022 तक पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 903.16 एमटी की ढुलाई के मुकाबले 978.72 एमटी की माल ढुलाई हुई, जो 8 प्रतिशत सुधार को दर्शाती है। रेलवे ने पिछले वर्ष 91127 करोड़ रुपये की तुलना में 105905 करोड़ रुपये की कमाई की है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत का सुधार दर्शाती है।
  • “हंग्री फॉर कार्गो” के मंत्र का पालन करते हुए भारतीय रेलवे ने व्यवसाय करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा वितरण में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप रेलवे में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कमोडिटी दोनों तरफ से नया ट्रैफिक आ रहा है। चुस्त नीति द्वारा समर्थित ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और व्यापार विकास इकाइयों का काम रेलवे को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर ले जाने में सहायता करता है।

सुरक्षा

  1. सुरक्षा और लचीलापन बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) का प्रावधान – ट्रेन संचालन में डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपनाया जा रहा है। 2022 के दौरान 480 स्टेशनों में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किए गए हैं। 30.11.2022 तक 2837 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रदान किये गये हैं, जो भारतीय रेल के 44 प्रतिशत भाग को कवर करता है। 30.05.2022 को पूर्वी रेलवे के हावड़ा डिवीजन के बंदेल यार्ड में 1002 मार्गों के साथ भारतीय रेलवे में सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्‍टम चालू किया गया है।
  2. स्वचालित सिग्नलिंग (एबीएस) – भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर अधिक ट्रेनें चलाने के उद्देश्‍य से लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग एक लागत प्रभावी समाधान है। एबीएस को 2022 के दौरान 305 रूट किलोमीटर पर चालू किया गया है। 30.11.2022 तक, भारतीय रेवले पर 3643 रूट किलोमीटर पर एबीएस प्रदान किया गया है। रोल आउट को मिशन मोड में करने की योजना है। स्वचालित सिग्नलिंग के कार्यान्वयन से क्षमता में वृद्धि होगी जिसके परिणामस्वरूप और अधिक ट्रेन सेवाएं चलाना संभव होगा।
  3. कवच – आत्म निर्भर भारत की भावना से, कवच को राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के रूप में अपनाया गया है। भारतीय रेलवे ने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000 रूट किलोमीटर) पर कवच की तैनाती शुरू की है, जिसके लिए 2022 के दौरान निविदाएं प्रदान की गई हैं।
  4. लेवल क्रॉसिंग गेट्स की इंटरलॉकिंग: लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर सुरक्षा चिंता का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है। भारतीय रेलवे ने लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए 2022 के दौरान लेवल क्रॉसिंग गेट्स के दौरान 317 पर सिग्नल के साथ इंटरलॉकिंग प्रदान की है। अब तक 10986 एलसी फाटकों पर 30.11.2022 तक इंटरलॉकिंग के लिए गेट सिगनल प्रदान किए जा चुके हैं।
  5. एलसी फाटक पर स्लाइडिंग बूम: इंटरलॉक्ड स्लाइडिंग बूम का प्रावधान ट्रेन सेवाओं में व्यवधान को कम करने में बहुत प्रभावी हो गया है, विशेष रूप से, उपनगरीय क्षेत्रों में जब सड़क वाहनों द्वारा लेवल क्रॉसिंग गेट क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो स्लाइडिंग बूम इंटरलॉकिंग के प्रावधान के साथ, सिग्नलिंग सिस्टम ट्रेन संचालन पर न्यूनतम प्रभाव के साथ सामान्य रूप से कार्य करता रहता है। 2022 के दौरान 488 एलसी फाटकों पर स्लाइडिंग बूम (द्वार क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में) द्वारा एलसी फाटकों पर सुरक्षा बढ़ाने का कार्य पूरा कर लिया गया है।
  6. इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग: इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग (आईबीएस) का प्रावधान एक ब्‍लॉक स्‍टेशन को विकास और संचालन के दौरान आवश्यक जनशक्ति और सुविधाओं के रूप में बिना अतिरिक्‍त बिना अतिरिक्त आवर्ती राजस्व व्यय के लाइन क्षमता को बढ़ाने में लाभदायक सिद्ध हुआ है, 2022 के दौरान इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग सुविधा 67 ब्लॉक सेक्‍शन पर उपलब्‍ध कराई गई है इस प्रकार 30.11.2022 तक कुल 700 ब्लॉक सेक्शन में यह सुविधा उपलब्‍ध हो गई है।
  7. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के लिए सिग्नल डिज़ाइन ऑटोमेशन टूल (सिगडेट), एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित रूट कंट्रोल चार्ट जनरेटिंग सिस्टम को बुनियादी ढांचे के कार्यों में तेजी लाने, दक्षता में सुधार करने और सुरक्षित ट्रेन संचालन को सक्षम करने के लिए प्रस्‍तुत किया गया है।
  8. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग संस्करण 2.0 के लिए मानक विशिष्ट सर्किट स्थायी समिति द्वारा 29.03.22 को सिग्नल डिजाइन और सर्किट अनुमोदन में दक्षता में सुधार के लिए 100 मार्गों तक सभी भविष्य की स्थापनाओं में उपयोग के लिए जारी किए गए हैं।
  9. आधुनिक सिग्नलिंग के लिए उत्कृष्टता केंद्र: क्षमता निर्माण, अनुसंधान, डिजाइन और मानक के माध्यम से विशेषज्ञता और तकनीकी इनपुट प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य के साथ 24.05.2022 को सिकंदराबाद में आधुनिक सिग्नलिंग के लिए “उत्कृष्टता केंद्र” स्थापित किया गया है।

एक स्टेशन एक उत्पाद (ओएसपीओ) योजना

केंद्रीय बजट 2022-23 में वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को कौशल विकास के माध्यम से आजीविका के अवसर प्रदान करना है। पायलट प्रोजेक्ट 25.03.2022 को 19 स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए लॉन्च किया गया था। पायलट परियोजनाओं से प्राप्त अनुभव के आधार पर ओएसओपी नीति 20.05.2022 को जारी की गई थी।

इस योजना के तहत, भारतीय रेलवे एनआईडी/अहमदाबाद द्वारा विकसित डिज़ाइन के अनुसार स्टेशनों पर विशिष्ट रूप, अनुभव और लोगो के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किए गए बिक्री आउटलेट उपलब्‍ध करा रहा है, ताकि 15 दिनों के लिए मामूली पंजीकरण शुल्क 1000 रुपये पर स्‍वदेशी/स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित, बिक्री करने के लिए उच्‍च दृश्‍यता प्रदान की जा सके। आवंटन उन सभी आवेदकों को आवंटन कर दिया गया है, जो स्टेशनों पर ड्रॉ द्वारा रोटेशन के आधार पर योजना के उद्देश्यों को पूरा करते हैं। यह योजना 535 स्टेशनों पर 572 आउटलेट्स पर लागू की गई है। कुल 13560 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने 30 नवंबर, 2022 तक इस योजना के तहत दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठाया है। अप्रत्यक्ष लाभार्थियों को 5 प्रति आवंटन मानते हुए, कुल लाभार्थियों की संख्या 47,145 होने का अनुमान है।

 

विषय आधारित भारत गौरव पर्यटक सर्किट ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थानों को प्रदर्शित करने के लिए एक नया पर्यटन उत्पाद यानी थीम आधारित पर्यटक सर्किट ट्रेन-‘भारत गौरव’ लॉन्च किया। इस योजना के तहत, समस्‍त देश में सेवा प्रदाता देश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण समृद्ध खजाने को प्रदर्शित करने में सक्षम होंगे। सेवा प्रदाताओं को भोजन, आवास, परिवहन, साइट दिखाने, टूर गाइड आदि सहित व्यापक टूर सेवाएं प्रदान करनी हैं। यह योजना रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में गुणक प्रभाव भी उत्पन्न करेगी।

  • पहली भारत गौरव ट्रेन, यानि, शिरडी यात्रा 14.06.2022 को शुरू की गई थी।
  • 21.06.2022 को नई दिल्ली से आईआरसीटीसी द्वारा श्री रामायण यात्रा का शुभारंभ किया गया। यह नेपाल (जनकपुर) में भगवान राम के महत्वपूर्ण स्‍थलों को कवर करने वाली पहली पर्यटक ट्रेन है।
  • इसके अलावा, दिव्य काशी-आदि अमावस्या टूरिस्ट ट्रेनें और ओणम हॉलिडे स्पेशल ट्रेने भी चलाई गईं।
  • कर्नाटक सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को भी भारत गौरव ट्रेन के संचालन के लिए भारतीय रेल द्वारा उनकी मांग के अनुसार एक रेक आवंटित किया गया है। माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 11.11.2022 को बेंगलुरु से ‘कर्नाटक-भारत गौरव काशी दर्शन’ ट्रेन की पहली यात्रा की शुरूआत की गई थी।

इसके अलावा, रेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय रेलवे ने 14.11.2022 से ढुलाई शुल्क में लगभग 33 प्रतिशत की रियायत दी है।

 

स्टेशन का पुनर्विकास

भारतीय रेल ने ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए रेलवे स्टेशनों के विकास को मुख्य फोकस क्षेत्र बनाया है। तीन रेलवे स्टेशन, अर्थात – पश्चिम मध्य रेलवे के रानी कमलापति स्टेशन, पश्चिम रेलवे के गांधीनगर कैपिटल स्टेशन और दक्षिण पश्चिम रेलवे के सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन को विकसित कर चालू कर दिया गया है। इसके तहत 48 रेलवे स्टेशनों पर काम चल रहा है; 19 रेलवे स्टेशन निविदा और योजना के विभिन्न चरणों में हैं। देश भर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास से रोजगार सृजन में वृद्धि के साथ अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे देश की आर्थिक वृद्धि की गति भी तेज होगी।

स्टेशनों के पुनर्विकास से यात्रियों को अधिक संतुष्टि मिलेगी। पुनर्विकसित स्टेशनों पर परिकल्पित  सुविधाओं में विशाल रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, स्थानीय उत्पादों के लिए निर्दिष्ट स्थान आदि का प्रावधान शामिल होगा। विकसित रेलवे स्टेशन को मेट्रो, बस, आदि जैसे परिवहन के विभिन्न साधनों से भी जोड़ दिया जाएगा और शहर के दोनों किनारों को भी स्टेशन के साथ जोड़ दिया जाएगा। स्टेशन के बुनियादी ढांचे के निर्माण में हरित भवन प्रौद्योगिकी और ‘दिव्यांगजनों’के लिए आवश्यक सुविधाएं तैयार की जाएंगी। स्टेशनों को यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इंटेलिजेंट बिल्डिंग की अवधारणा पर विकसित किया जाएगा। स्टेशन पुनर्विकास के माध्यम से रेलवे यात्रियों के साथ-साथ आम जनता के लिए स्टेशन पर‘सिटी सेंटर’ जैसा स्थान बनाया जाएगा।

 

यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय

• उपनगरीय खंड पर एसी स्थानीय सेवाओं और प्रथम श्रेणी की एकल यात्रा किराया संरचना में कमी/युक्तिकरण।

• वातानुकूलित सामान्य लोकल ट्रेन सेवाओं के लिए त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक सीजन टिकट जारी करने का प्रावधान किया गया है।

• कोविड-19 के कारण लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में रद्द किए गए द्वितीय श्रेणी के अनारक्षित कोचों को बहाल कर दिया गया है।

• अर्धसैनिक बलों/रक्षा बलों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए पूर्ण टैरिफ दरों (एफटीआर) पर विशेष ट्रेनें/डिब्बे बुक किए जाते हैं। मूल रसीद/फोल्डर, मूल रसीद/फोल्डर खो जाने जैसे आवश्यक दस्तावेजों को देर से जमा करने के कारण रिफंड के कुछ मामले लंबित थे, जिसके लिए टैरिफ नियमों के अनुसार कोई रिफंड/आंशिक रिफंड स्वीकार्य नहीं था। इसे देखते हुए, जनवरी 2022 से अर्धसैनिक बलों/ रक्षा बलों द्वारा फुल टैरिफ रेट्स (एफटीआर) पर विशेष ट्रेनों की बुकिंग के लिए टैरिफ नियमों से परे भी ऐसे सभी रिफंड मामलों को तय करने के लिए जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को शक्तियां सौंपी गई हैं।

• एनएसजी-5 और एनएसजी-6 श्रेणी के स्टेशनों पर अनारक्षित टिकट जारी करने के लिए स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) योजना को पायलट आधार पर एनएसजी-4 और एसजी-3 स्टेशनों तक विस्तारित किया गया है (एक वर्ष के लिए पायलट)।

• डीआरएम को वाईटीएसके की नियुक्ति के लिए जेएजी स्तर की स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार करने, वाईटीएसके स्थान को स्थानांतरित करने के लिए अनुमोदन प्रदान करने, वाईटीएसके कार्यालय की सुविधाओं को कम करने और वाईटीएसके लाइसेंसधारी के कार्यकाल का विस्तार करने के लिए अधिकृत किया गया है। ये शक्तियां पहले क्षेत्रीय रेलवे के सीसीएम (पीएम)/सीसीएम (पीएस) के पास उपलब्ध थीं।

• दिव्यांगजनों को फोटो पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए एक एप्लिकेशन विकसित किया गया है। आवेदन सिकंदराबाद (दक्षिण मध्य रेलवे), चेन्नई (दक्षिण रेलवे) और मुंबई (मध्य रेलवे) डिवीजनों में 01.10.2022 से शुरू किया गया है।

• आरक्षण कोटा के वितरण को अंतिम रूप देने में जोनल रेलवे को सुविधा प्रदान करने के लिए उपलब्ध स्थान का मनोनुकूल इस्तेमाल करने, राजस्व को अधिकतम करने और सार्वजनिक मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, सीआरआईएस ने आइडियल ट्रेन प्रोफाइल के रूप में ज्ञात ट्रेन के आरक्षित वर्गों के लिए डेटा-संचालित कोटा अनुकूलन के लिए एक यूटिलिटी विकसित की है। उपयोगिता उपयोगकर्ता को मांग का पूर्वानुमान लगाने, सर्वोत्तम दूरस्थ स्थानों का चयन करने और मौजूदाबर्थ/सीट क्षमता को एक मन-मुताबिक कोटा में विभाजित करने की सुविधा प्रदान करती है। यह जोनल रेलवे को छुट्टियों, त्योहारों, मौसम आदि के कारण बदलती मांग को पूरा करने के लिए ट्रेन कोटा की समय-समय पर समीक्षा करने में मदद करेगा।

 

रेलवे कर्मियों के लिए किए गए महत्वपूर्ण उपाय

• एमएसीपीएस के तहत उच्च वेतन प्राप्त करने वाले अराजपत्रित कर्मचारियों को राष्ट्रीय अवकाश भत्ता प्रदान करना

• कक्षा I से VIII के रेलवे स्कूल शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता के मानदंडों में संशोधन

• 56(जे) के तहत आवधिक सेवा समीक्षा के संबंध में कार्यान्वयन

• पीपी/एपीपी को राशन मनी भत्ता बंद करना

• सीसीएल और डब्ल्यूआरआईएल पर अराजपत्रित आरपीएफ/ आरपीएसएफ कर्मियों को राशन मनी भत्ता की स्वीकार्यता

• विविध श्रेणी के शिक्षकों को सीएएस के तहत चयन ग्रेड प्रदान करने के लिए उच्च योग्यता प्राप्त करने की शर्त में छूट।

• 60 दिनों के विशेष मातृत्व अवकाश की मंजूरी।

• अराजपत्रित आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों के लिए राशन मनी भत्ते में संशोधन रेलवे के सभी पात्र ग्रुप सी कर्मचारियों को बिना किसी वेतन सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता प्रदान करना वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए अराजपत्रित रेल कर्मचारी को 78 दिनों के पीएलबी का भुगतान।

• वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को 30 दिनों का तदर्थ बोनस देना सीनियर कमर्शियल क्लर्क से गुड्स गार्ड और सीनियर कमर्शियल क्लर्क से ईसीआरसी में प्रमोशन से जुड़े मामलों में एमएसीपीएस का रेगुलेशन।

• सीडीएमएस और स्टेशन मास्टर प्रशिक्षुओं के लिए वजीफे की दरों में संशोधन

• कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान परिवहन भत्ते का विनियमन आवासों में बदलाव से जुड़े बिना एफएमए के विकल्प में बदलाव मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस)

1. भारतीय रेल के सभी कैडर से एचआरएमएस के ट्रांसफर मॉड्यूल के लॉन्च के माध्यम से संबंधित एचआर पहलुओं से जुड़ी प्रक्रिया में डिजिटल माध्यमों के लिए एक व्यापक बदलाव को 15.08.2022 से लागू करना और अनुरोध, आपसी, जीवनसाथी आधार जैसे सभी आधारों पर अंतर-रेलवे स्थानांतरण से संबंधित पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आदि।

2. 12 लाख पदों के संबंध में एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने और रिक्तियों के निर्धारण, स्वीकृतियों और वरिष्ठता आदि की पुस्तिका के मामले में प्रभावी मानव श्रम योजना सुनिश्चित करने के लिए, एचआरएमएस के कैडर प्रबंधन मॉड्यूल का विकास पूरा हो गया है और 02.12.2022 से लागू किया गया है।

 

मानव श्रम योजना (एमपीपी)

  1. कौशल विकास

रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश स्तर का प्रशिक्षण देकर युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सितंबर 2021 में भारतीय रेल में रेल कौशल विकास योजना शुरू की गई है। योजना के तहत संबंधित तकनीकी ट्रेडों में क्षेत्रीय रेलवे और उद्योग इकाइयों के उत्पादन के लिए 90 से अधिक प्रशिक्षण स्थानों पर प्रवेश स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अभ्यर्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। आरकेवीवाई की निगरानी के लिए एक समर्पित वेबसाइट विकसित की गई है। रेल कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों को इस तरह के प्रशिक्षण के आधार पर रेलवे में रोजगार पाने का कोई दावा नहीं होगा। अब तक लगभग 13,500 युवाओं ने आरकेवीवाई के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

 

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