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भारत का पहला स्वदेशी ओवरहॉसर मैग्नेटोमीटर भू-चुंबकीय सैंपलिंग के लिए आवश्यक सेंसिंग प्रयोगों की लागत को कम करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है

Indian scientists have developed an Over Hauser Magnetometer, one of the most accurate magnetometers extensively used by all magnetic observatories around the world, making way for reducing the cost of sampling and sensing experiments essential for geomagnetic sampling. The sensor installed at Alibag Magnetic Observatory (MO) can absolve India’s dependence on commercial OVH magnetometers for performing geomagnetic field measurements.

भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ओवरहॉसर मैग्नेटोमीटर विकसित किया है, जो दुनिया भर की सभी चुंबकीय वेधशालाओं द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ऐसे सबसे अच्छे मैग्नेटोमीटर में से एक है, जो भू-चुंबकीय सैंपलिंग के लिए आवश्यक सैंपलिंग और संवेदन (सेंसिंग) प्रयोगों की लागत को कम करने का मार्ग प्रशस्त करता है। अलीबाग चुंबकीय वेधशाला (एमओ) में स्थापित सेंसर भू-चुंबकीय क्षेत्र मापन के लिए वाणिज्यिक ओवीएच मैग्नेटोमीटर के बारे में भारत की निर्भरता का समाधान कर सकता है।

ओवीएच मैग्नेटोमीटर अपनी उच्च सटीकता, उच्च संवेदनशीलता और कुशल विद्युत खपत के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन्होंने पूरी दुनिया के साथ-साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए सभी चुंबकीय वेधशालाओं में अनुप्रयोग प्राप्त किये हैं। अब तक भारत में ऐसे उद्देश्यों के लिए इनका आयात किया जाता रहा है।

आयात पर निर्भरता कम करने के लिए, भारत सरकार के डीएसटी के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान (आईआईजी) ने अपने प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मैग्नेटोमीटर विकसित किया है।

आईआईजी के इंस्ट्रूमेंटेशन प्रभाग की एक टीम ने ओवीएच सेंसर के कार्य को समझने के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक उपकरणों और सैद्धांतिक सिमुलेशन का उपयोग किया है। इस टीम ने आगे विभिन्न नियंत्रण प्रयोग किए हैं जिनमें सेंसर संरचना को बदलना और सेंसर के प्रदर्शन की जांच करना शामिल है। इससे इन्हें सेंसर पैरामीटर्स और उससे जुड़े इलेक्ट्रॉनिक्स को अनुकूल बनाने में मदद मिली, जिससे कारण एक बहुत ही कुशल और स्थिर ओवीएच सेंसर का निर्माण हुआ।

जियोमैग्नेटिक सैंपलिंग के लिए अलीबाग चुंबकीय वेधशाला (एमओ) में स्थापित सेंसर के साथ किए गए प्रयोगों में यह पाया गया कि इस सेंसर ने ‘जियोमैग्नेटिक डायरनल वेरिएशन’ को सटीक रूप से दोबारा प्रस्तुत किया और विभिन्न अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं जैसे कि जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म, अचानक आवेग आदि के संकेत दर्शाए। इस स्वदेश निर्मित मैग्नेटोमीटर का कार्य प्रदर्शन एक वाणिज्यिक ओवीएच सेंसर के समान है, जो वर्तमान में आईआईजी की चुंबकीय वेधशालाओं में स्थापित है।

इस सेंसर का वर्तमान में इसकी दीर्घकालिक स्थिरता के लिए परीक्षण किया जा रहा है। मौजूदा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की सहायता करने के लिए बाहरी अंतरिक्ष माहौल के लिए अपने सेंसर को अनुकूल बनाने के बारे में यह समूह बहुत उत्साहित है। इसके अलावा इस समूह को लगता है कि इस परियोजना की समझ, विशेष रूप से गतिशील परमाणु ध्रुवीकरण (डीएनपी) की अंतर्निहित प्रणाली, एक संवेदनशील चुंबकीय रिजोनेस इमेजिंग (एमआरआई) उपकरण को विकसित करने में भी संभावित सहायता प्रदान करेगी।

 

 

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चित्र 1: बायाँ पैनल आईआईजी के ओवीएच मैग्नेटोमीटर और दायाँ पैनल दो ओवीएच सेंसरों – आईआईजी (नीला) और वाणिज्यिक (लाल) के लिए अलीबाग चुंबकीय वेधशाला में पैनल भू-चुंबकीय क्षेत्र बनाम जून-जुलाई, 2020 के दो महीने लिए भू चुंबकीय क्षेत्र के प्लॉट को दर्शाता है।

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