कहीं ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल की सुरंगों के धमाकों का परिणाम तो नहीं सारी गांव का भूस्खलन ?
गौचर, दिग्पाल गुसांईं। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन को भले ही आने वाले दिनों में विकास की धुरी माना जा रहा हो लेकिन जिस प्रकार से टनलों के निर्माण में अंधाधुंध विस्पोटकों का प्रयोग किया जा रहा है इससे यह परियोजना लोगों के लिए नासूर भी साबित होने लगी है।इसका जीता-जागता उदाहरण गत दिवस सारी गांव में विना बरसात के हुआ भूस्खलन है।
सरकार द्वारा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए कई दौर की बैठकें आयोजित की गई ।तब कास्तकारों ने तमाम जनहित के मामलों को उठाने के साथ साथ भविष्य की आशंकाओं से भी अवगत कराया था।तब रेलवे के अधिकारियों सहित शासन प्रशासन के नुमाइंदों ने बड़ी चतुराई से ही प्रभावितों को मनाने का प्रयास किया।इन बैठकों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ साथ टनलों के निर्माण में विस्फोटकों का प्रयोग न करने की बात भी प्रमुखता से उठाई गई थी। लेकिन अब जब रेल लाइन के टनलों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया तो जहां प्रभावितों को रोजगार देने में आनाकानी की जा रही वहीं अंधाधुंध विस्फोटकों का प्रयोग कर लोगों को परेशानी में डालने का काम किया जा है।रात दिन हो रहे भारी भरकम विस्फोटों से जहां टनलों के आसपास की जमीन पूरी तरह हिल गई है वहीं लोगों की मकानों में दरारें पड़ गई हैं।जिन लोगों के मकानों में दरारें पड़ गई हैं वे मुआवजे के लिए गिड़गिड़ा रहे लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है।जमीन इतनी हिल गई है कि आने वाले दिनों में पहाड़ों के दरकने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसका जीता-जागता उदाहरण गत दिवस गौचर के समी अलकनंदा नदी तट से सटे हुए सारी गांव के समीप विना बरसात के हुए भूस्खलन से लोगों को काफी नुक़सान पहुंचा तो है।यह स्थान रानौ व आई टी बी पी के समीप बनाए जा रहे टनलों की चंद दूरी पर है आसंका व्यक्त की जा रही है विस्फोटकों के कारण ही यह भूस्खलन हुआ हो बहरहाल यह तो भू सर्वेक्षण विभाग की जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन लोगों की आशंकाएं इसी ओर इशारा कर रही हैं। ताजुब तो इस बात का है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा विस्फोटकों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी रेलवे द्वारा कैसे विस्फोटों का प्रयोग किया जा रहा है यह सोचनीय विषय है।आसन विधानसभा चुनाव में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे मुकेश नेगी का कहना है ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना कांग्रेस शासनकाल से स्वीकृत है विकास की परियोजनाओं का हम भी समर्थन करते हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं विकास से पहले लोगों का बिनाश किया जाय। गौचर के समीप दो टनल बनाई जा रही हैं इनसे होने वाले नुक़सान की भरपाई के लिए दीर्घगामी योजना बनाई जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। समय रहते विस्फोटकों के प्रयोग पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में स्थिति असहनीय हो सकती है।