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देश और देशवाशियों को संकट से निकलने के लिए है हाथ से हाथ जोड़ो : मोहन प्रकाश

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देहरादून 25 जनवरी।  कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य मोहन प्रकाश एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा 26 जनवरी से देशभर में चलाये जाने वाले हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के बारे में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा की आज देश के सामने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की घटती आमदनी, चीनी घुसपैठ और साम्प्रदायिक विद्वेष के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए  भारत जोड़ो यात्रा के तत्काल बाद  हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया जा रहा है।

मोहन प्रकाश ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार विश्व के सबसे युवा देश के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं दे पाई। देश के प्रत्येक परिवार को महंगाई की आग में झोंक दिया। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का कोरा झांसा दिया गया। समाज के पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्गों को तरक्की का पर्याप्त अवसर नहीं दिया। अवसर बस अपने धन्ना सेठ दोस्तों के लिए सृजित किये गये और इन सब नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भारत को नफरत, निराशा और नकारात्मकता के दलदल में धकेल दिया। आज भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश के संसाधनों का रूख मुट्ठीभर लोगों की ओर मोड़ा जा रहा है। इसलिए राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भाजपाई सत्ता की नफरत,  निराशा और नकारात्मकता की जड़ता को तोड़ रहे हैं और भारत को जोड़ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में लाखों-करोड़ों लोग पैदल चल रहे हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह पद यात्रा अब जम्मू पहुंच गई है और 3900 किलोमीटर लम्बी यात्रा का आज 131वां दिन है।

मोहन प्रकाश ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी इस भारत जोड़ो अभियान को और अधिक व्यापकता प्रदान करने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जन संवाद कार्यक्रम ‘‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’’ चलाएगी जिसका नेतृत्व ब्लाॅक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत भारत के 6 लाख गांवों, 2.50 लाख ग्राम पंचायतों और 10 लाख मतदान बूथों तक पहुंचकर राहुल गांधी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुंचाई जाएगी।

प्रकाश ने कहा मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रू0 का था, आज 1050 रू0 के पार है। पेट्रोल के दाम 70रू. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रू0 प्रति लीटर के पार हो गए हैं, जबकि डीजल के दाम 55 रू0 प्रति लीटर से बढ़कर 90 रू0 प्रति लीटर के करीब पहुंच गये हैं। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रू0 प्रति किलो थी, वह 200 रू0 प्रति किलो को पार कर गई है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमतें लगातार घट रही हैं मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही हैं। बीते 8 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्टस् पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रूपए जनता की जेब से निकले गए हैं।

हाल ही में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 5 प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति है और नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की मात्र 3 प्रतिशत सम्पत्ति। विडंबना यह है कि नीचे के इन 50 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है और ऊपर के 10 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी केवल 3 प्रतिशत है जबकि उनके पास देश की 70-80 प्रतिशत सम्पत्ति है।आक्सफैम’ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की विभीषिका में भी देश के 100 बड़े पूंजीपतियों ने 13 लाख करोड़ रूपए कमाए पर 12 करोड़ मेहनतकश लोगों ने अपना रोजगार खो दिया। मोदी जी के कई मित्रों की आय तो 1000 करोड़ प्रतिदिन बढ़ रही है। महामारी की विभीषिका में 84 करोड़ लोगों की आमदनी घट गई लेकिन सरकार की मेहरबानी धन्नासेठों पर रही। उनका 10 लाख करोड़ रूपए से अधिक का बैंक कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया। मोदी सरकार की सरपरस्ती में 5,35,000 करोड़ रूपए के बैंक फ्राॅड हुए और नियोजित रूप से विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोक्सी, ऋषि अग्रवाल और संदेसरा बंधु जैसे कई लोगों को देश से भगा दिया गया। आजादी के बाद से मई 2014 तक देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रूपए था जो मोदी सरकार के बीते 8 साल के कार्यकाल में बढ़कर 155 लाख करोड़ रूपए हो गया है। हाल में आई ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ रिपोर्ट ने बताया कि भारत में भुखमरी के हालात ये हैं कि हम पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ गये हैं। 116 देशों की सूची में हमारा देश 101वें पायदान पर लुढक गया है।

हाल ही में एन.एस.ओ. की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि देश में किसानों की औसत आमदनी मात्र 27 रू0 प्रतिदिन रह गई है, जो मनरेगा मजदूरी से भी कम है। वादे आय दोगुनी करने के और असलियत में किसानों की आय दसियों गुना कम कर दी गई। एन.एस.ओ. की रिपोर्ट में यह भी चैकाने वाला तथ्य सामने आया कि देश के हर किसान पर औसत रू0 74,000 कर्ज है। एक तरफ सरकार किसानों का कर्ज माॅफ करने से इनकार करती है, दूसरी तरफ पार्लियामेंट्री कमेटी ने यह खुलासा किया है कि 2020-21 में मोदी सरकार ने काॅर्पोरेट टैक्स में कमी करके देश को 184000 करोड़ रू0 का नुकसान पहुंचाया है।
बीते 8 वर्षों में भारत के नागरिकों के मनोबल को तोड़ा गया है, उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। हाल ही मे आई केन्द्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में कुल 164033 लोगों ने आत्महत्याएं की, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा रोज कमाकर आजीविका चलाने वालों का है, जो 42004 है। उनके अलावा 23179 गृहिणियाँ, 13714 बेरोजगार, 13089 छात्र और 10881 किसान भी आत्महत्या को मजबूर हुए हैं।

भारत की भूभागीय अखंडता को भी तोड़ा जा रहा है। चीन लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक भारत की सीमा में न सिर्फ 2000 किलोमीटर घुसा है, बल्कि स्थाई सैन्य इन्फ्रसस्ट्रक्चर के साथ-साथ पूरी रिहाइशी काॅलोनी भी बना रहा है और सत्ताधीश आॅंख मूंदकर बैठे हुए हैं। इतना ही नहीं सरहदों के साथ-साथ चीन को व्यापार की हदें भी पार करा दी गई हैं। आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक 100 बिलियन डॉलर का आयात कर भारत के एम.एस.एम.ई. सेक्टर को तबाह किया जा रहा है।

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