टीएमयू में सीखीं मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक की बारीकियां

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तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के मेडिकल लैब टेक्नीक्स विभाग की ओर से मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिकः ब्रिजिंग द गैप फ्रॉम क्लासरूम टू बेंच एंड बेंच टू बेडसाइड पर हुआ गेस्ट लेक्चर

 

ख़ास बातें :

  • मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक तकनीक तेज और विश्वसनीयः डॉ. मनीष
  • एसोसिएट डीन ने छात्रों से कहा, ज्ञान के साथ अनुभव भी लें
  • मुख्य वक्ता ने स्टुडेंट्स को अपने संस्थान में ट्रेनिंग का दिया निमंत्रण

मुरादाबाद, 24  दिसंबर ( भाटिया)। पायनियर सेंटर ऑफ बायोसाइंसेस फॉर एडवांस्ड ट्रेनिंग एंड रिसर्च, गाजियाबाद के डायरेक्टर डॉ. मनीष कुमार शर्मा ने मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक के मेडिकल टेस्टिंग में उपयोग को बताते हुए कहा, यह तकनीक ज्यादा तेज और परिशुद्ध होने के संग-संग कैंसर के इलाज और बचाव में भी गाइड करती है। उन्होंने विभिन्न प्रकार की मॉलिक्यूलर तकनीकों जैसे-आरटी-पीसीआर, माइक्रो एरे आदि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने डीएनए सैंपल, न्यूक्लिओटाइड, बफर, पीसीआर ट्यूब, प्राइमर्स, टेक पोजीमरेज आदि को कैसे पीसीआर मशीन से ऑपरेट करना भी बताया। डॉ. शर्मा ने जीवन के सेंट्रल डोग्मा के बारे में कहा, कैसे जैनेटिक इन्फॉर्मेशन डीएनए और आरएनए से प्रोटीन्स तक प्रवाहित होती है और मेडिकल साइंस के फील्ड में जांच के लिए इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। डॉ. मनीष तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के मेडिकल लैब टेक्नीक्स विभाग की ओर से मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिकः ब्रिजिंग द गैप फ्रॉम क्लासरूम टू बेंच एंड बेंच टू बेडसाइड पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पहले अतिथि वक्ता डॉ. मनीष कुमार, मुख्य अतिथि टीएमयू की एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन, आईआईसी की कॉर्डिनेटर प्रो. गीतांशु दावर, कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, एचओडी डॉ. रूचिकांत ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि को गुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

 

डॉ. मनीष ने छात्रों को जीन सिक्वेंशिंग के जरिए भविष्य में होने वाली बीमारी का अनुमान लगाना भी सिखाया। उन्होंने बताया कि कैसे अपने लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करने हम इससे बचाव कर सकते हैं। उन्होंने स्टुडेंट्स को ट्रेनिंग के लिए अपने संस्थान में आमंत्रित भी किया। अंत में उन्होंने स्टुडेंट्स के प्रश्नों का जबाव देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन ने कहा, जिस प्रकार आज की जेनेरेशन ने नई-नई चीजों में अपना योगदान दिया ऐसे ही नई नई जेनेरेशन को इनोवेटिव आइडियाज के बारे में सोचना चाहिए। न्यू जेनेरेशन अपने इन्नोवेटिव आइडियाज से पैरामेडिकल विभाग में एक नई क्रांति ला सकती है। छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करना चाहिए और अधिक से अधिक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना चाहिए।

 

कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार ने मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि के संग-संग कार्यक्रम की आयोजन समिति को धन्यवाद दिया। गेस्ट लेक्चर में फॉरेंसिक विभाग के एचओडी श्री रवि कुमार, आरआईटी की एचओडी श्रीमती प्रियंका सिंह के संग-संग फैकल्टी मेंबर्स डॉ. आभा तिवारी, डॉ. अर्चना जैन, श्री बैजनाथ दास, श्री देवेन्द्र सिंह, श्री आकाश चौहान, मिस प्रीति लाठर, मिस विवेचना, श्री विनय पाठक, श्री रोशन कुमार, श्री सागर देबनाथ आदि मौजूद रहे।

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