राजनीति

उत्तराखण्ड में सबसे कम अपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी पहुंचेंगे विधानसभा

देहरादून, 4 फरबरी ( उहि)। राजनीति के अपराधीकरण के मामले में गोवा जैसा बहुत छोटा राज्य उत्तर प्रदेश से टक्कर लेता नजर आ रहा है, जबकि माफिया तत्वों और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण के बावजूद इस बार सबसे कम अपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी उत्तराखण्ड विधानसभा में पहुंचने जा रहे हैं। वर्तमान में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुये हैं उनमें अपराधिक पृष्ठभूमि के सर्वाधिक प्रत्याशी उत्तर प्रदेश से तथा उसके बाद गोवा के चुनाव मैदान में हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान विधानसभा चुनावों में अपराधिक पृष्ठ भूमि के सर्वाधिक 26 प्रतिशत प्रत्याशी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें 20 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या, डकैती और बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि गोवा जैसा राज्य जिसकी जनसंख्या उत्तर प्रदेश के एक जिले के बराबर है, वहां 26 प्रतिशत अपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी शासन में आने के लिये प्रयास कर रहे हैं। इनमें 18 प्रतिशत प्रत्याशियों पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं। वर्तमान चुनावों में अपराधिक पृष्ठभूमि के मामले में पंजाब तीसरे नम्बर पर है जिसके 25 प्रतिशत प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं जिनमें 17 प्रतिशत के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास के जैसे मामले दर्ज हैं। पंजाब के बाद मणिपुर में 20 प्रतिशत प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के और 15 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर प्रवृति के अपराध दर्ज हैं। जबकि उत्तरखण्ड के प्रत्याशियों में केवल 17 प्रतिशत के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें केवल 10 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव मैदान में अपराधिक पृष्ठभूमि के सर्वाधिक प्रत्याशी उतारने वाला शिरोमणि अकाली दल है जिसने 68 प्रतिशत अपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी मैदान में उतार रखे हैं जिनमें से 63 प्रतिशत पर गंभीर अपराधों के मुकदमें चल रहे हैं। दूसरे नम्बर समाजवादी पार्टी है, जिसके 56 प्रतिशत प्रत्याशियों पर अपराधिक केस चल रहे हैं जिनमें से 41 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले विचाराधीन है। सपा से राष्ट्रीय लोकदल भी ज्यादा पीछे नहीं है जिसके 51 प्रतिशत प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं जिनमें से 46 प्रतिशत पर गंभीर मामले हैं। भारतीय जनता पार्टी के 38 प्रतिशत प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं जिनमें से 28 प्रतिशत के खिलाफ हत्या, बलात्कार और डकैती जैसे मामले अदालतों में चल रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी भी भाजपा के महाबलियों से थोड़ी ही पीछे है। इसके 35 प्रतिशत मुल्जिम प्रत्याशियों में से 27 प्रतिशत पर गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। अपराधिक पृष्ठभूमि के मामले में कांग्रेस के प्रत्याशी सबसे पीछे हैं। कांग्रेस के 34 प्रतिशत प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं जिनमें से 22 प्रतिशत पर गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड के 632 प्रत्याशियों में से एक के खिलाफ हत्या, 3 के खिलाफ हत्या का प्रयास और 6 के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले अदालतों में चल रहे हैं। हरिद्वार जिले के एक प्रत्याशी के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। अपराधिक मामले झेल रहे प्रत्याशियों में शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे भी एक हैं। कुल मिला कर चुनाव में उतरे पांच राज्यों के 6874 प्रत्याशियों में से 44 के खिलाफ हत्या के और 209 के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले विचाराधीन हैं।

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