भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट चुने गये निर्विरोध राज्यसभा के लिये
By-Usha Rawat
देहरादून, 20 फरवरी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट मंगलवार को राज्यसभा सदस्य पद के लिए निर्विरोध चुन लिये गये। राज्यसभा की एक सीट के लिए केवल भट्ट का नामांकन दाखिल हुआ था। इसलिये आज मंगलवार को नाम वापसी के दिन चुनाव आयोग की ओर से उन्हें निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र दे दिया गया।
उल्लेखनीय है कि भट्ट ने राज्यसभा पद के लिए 15 फरवरी को चार सेटों में नामांकन दाखिल किया था। उनके अलावा किसी दल या निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया था। मूल रूप से चमोली गढ़वाल के पोखरी ब्लाक स्थित ब्राह्मण थाला गांव के निवासी महेन्द्र भट्ट का परिवार वर्तमान में ऋषिकेश में सेटल हो चुका है। मगर वह विधानसभा का चुनाव अपने पैतृक क्षेत्र (बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र) से ही लड़ते रहे हैं। यह क्षेत्र पहले नन्दप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता था। महेंद्र भट्ट दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें संगठन में लंबा अनुभव है। इसी को देखते हुए इस साल विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी से नवाजा। भट्ट प्रदेश की राजनीति के अलावा कई आंदोलनों में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान वे 15 दिन पौड़ी के कांसखेत में जेल में रहे। वहीं, उत्तराखंड राज्य आंदोलन में पांच दिन पौड़ी जेल में रहे।
उत्तराखण्ड से यह सीट अनिल बलूनी का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुयी है। बलूनी का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक है और उसी के बाद महेन्द्र भट्ट का शुरू होगा। इधर अनिल बलूनी को अब लोकसभा चुनाव लड़ाये जाने चर्चाएं गर्म हैं। बलूनी का गृह क्षेत्र पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। लेकिन भाजपा के अंदर से विरोधी स्वर उठ रहे हैं कि इस सीट को कैसे एक ब्राह्मण को दिया जा सकता है ? जबकि यहीं से राज्य सभा की सीट एक ब्राह्मण महेन्द्र भट्ट को दी जा चुकी है। चर्चा उन्हें टिहरी से लड़ाने की भी हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट को राज्यसभा के सदस्य सम्यक रूप से निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री महेन्द्र भट्ट के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने से केंद्र सरकार के स्तर पर राज्य के विकास से जुड़े विषयों के क्रियान्वयन में और अधिक तेजी आएगी।