आज़ादी के 75 साल बाद भी 58 हज़ार से अधिक इंशान ढो रहे हैं दूसरों का मैला। स्वच्छ भारत मिशन भी आज़ादी नहीं दिला पाया। उत्तराखंड में 5 हजार मैन्युअल सकेवेन्जर।

Spread the love

देश में इस समय मैनुअल स्कैवेंजिंग में लगे लोगों की कोई रिपोर्ट नहीं है। “हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 (एमएस अधिनियम, 2013)” की धारा 2 (1) (छ) के तहत परिभाषित मैनुअल स्कैवेंजिंग दिनांक 06.12.2013 से प्रतिबंधित है। उपर्युक्त तिथि से कोई भी व्यक्ति अथवा एजेंसी मैनुअल स्कैवेंजिंग के लिए किसी व्यक्ति को नियुक्त अथवा नियोजित नहीं कर सकते। कोई भी व्यक्ति या एजेंसी जो एमएस अधिनियन, 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए किसी व्यक्ति को हाथ से मैला उठाने के लिए लगाता है, वह उपर्युक्त अधिनियम की धारा 8 के तहत 2 साल तक के कारावास अथवा एक लाख रूपए तक के जुर्माने अथवा दोनों से दंडनीय है।

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 2 अक्तूबर, 2014 से ग्रामीण क्षेत्रों में  10.94 करोड़ से अधिक स्वच्छ शौचालयों और शहरी क्षत्रों में 62.65 लाख से अधिक स्वच्छ शौचालयों का निर्माण किया गया है और अस्वच्छ शौचालयों को स्वच्छ शौचालयों में परिवर्तित किया गया है। इस कार्य ने मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रथा को समाप्त करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे सामाजिक संस्थानों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, इस प्रथा को जारी रखने के बारे में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने दिनांक 24.12.2020 को एक मोबाइल ऐप “स्वच्छता अभियान” लांच किया है, जो अभी भी मौजूद अस्वच्छ शौचालयों और उनके साथ जुड़े मैनुअल स्कैवेंजरों के डेटा को कैप्चर करने के लिए है।कोई भी व्यक्ति अस्वच्छ शौचालयों और मैनुअल स्कैवेंजरों का डेटा मोबाइल ऐप पर अपलोड कर सकता है। इसके बाद संबंधित जिला प्रशासन द्वारा डेटा का सत्यापन किया जाता है। तथापि, अभी तक एक भी अस्वच्छ शौचालय की पुष्टि नहीं हुई है।

(ड.)सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर वर्ष 2013 और वर्ष 2018 के दौरान मैनुअल स्कैवेंजरों की पहचान के लिए दो सर्वेक्षण किए गए हैं। पहचान किए गए मैनुअल स्कैवेंजरों का राज्य-वार ब्यौराअनुबंध-Iमें दिया गया है।

विगत पांच वर्षों के दौरान सीवरों और सैप्टिक टैंकों की परिसंकटमय सफाई के कारण मरने वाले व्यक्तियों का राज्य-वार विवरण अनुबंध-IIमें दिया गया है।

अनुबंध-I

‘’देश में हाथ से मैला ढोने वाले व्यक्ति’’ से संबंधित राज्य सभा में दिनांक 30.03.2022 को उत्तर के लिए नियत अतारांकित प्रश्न संख्या 3169 के भाग (ड.) के उत्तर में उल्लिखित अनुबंध-I

 

पहचानशुदा मैनुअल स्कैवेंजरों की राज्य-वार संख्या

क्र.सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम पहचानशुदा पात्र मैनुअल स्केवेंजरों की संख्या
(1) (2) (3)
1 आंध्र प्रदेश 1793
2 असम 3921
3 बिहार 131
4 छत्तीसगढ 3
5 गुजरात 105
6 झारखंड 192
7 कर्नाटक 2927
8 केरल 518
9 मध्य प्रदेश 510
10 महाराष्ट्र 6325
11 ओडिशा 230
12 पंजाब 231
13 राजस्थान 2673
14 तमिलनाडु 398
15 उत्तर प्रदेश 32473
16 उत्तराखंड 4988
17 पश्चिम बंगाल 680
कुल 58098

 

 

अनुबंध-II

‘’देश में हाथ से मैला ढोने वाले व्यक्ति’’से संबंधित राज्य सभा में दिनांक 30.03.2022 को उत्तर के लिए नियत अतारांकित प्रश्न संख्या 3169 के भाग (ड.) के उत्तर में उल्लिखित अनुबंध-II

गत पांच वर्षों (2017 से 2021) के दौरान सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई के कारण मरने वाले व्यक्तियों का ब्यौरा।

 

 

क्र.सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम सीवर से होने वाली मौतों की कुल संख्या
1 आंध्र प्रदेश 13
2 बिहार 2
3 छत्तीसगढ 1
4 चंडीगढ़ 3
5 दिल्ली 42
6 गुजरात 28
7 हरियाणा 33
8 कर्नाटक 26
9 केरल 1
10 महाराष्ट्र 30
11 मध्य प्रदेश 1
12 ओडिशा 2
13 पंजाब 16
14 राजस्थान 13
15 तमिलनाडु 43
16 तेलंगाना 6
17 उत्तर प्रदेश 52
18 पश्चिम बंगाल 13
कुल 325

 

इस प्रश्न का उत्तर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले द्वारा आज सदन  में दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!