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चमोली जिले की नंदाकिनी की सहायिका मोक्ष नदी ने घाट प्रखंड के सेरा गांव में बरपाया कहर

सेरा गांव के  ग्रामीणों ने भाग कर बचाई जान, खेत खलिहान, गौशाला घराट सब तबाह 
गोपेश्वर, 18 जुलाई ( गुसाईं)।     मूसलाधार बारिश ने बीती रात नंदानगर प्रखंड के अंतर्गत सेरा गांव में जमकर कहर बरपाया। ग्रामीणों ने पूरी रात जाग कर बिताई। माना जा रहा है कि सड़क के मलबे ने  चमोली जिले की नंदाकिनी की सहायिका  मोक्ष नदी का रास्ता इस कदर बदला कि सेरा गांव के खेत खलिहान, घराट और गौशाला बाढ़ की भेंट चढ़ गए।
नंदाकिनी की सहायिका मोक्ष नदी में आई बाढ के कारण जहां तटबंध तोड़ कर एक घराट बड़ा हिस्सा बह गया हैं, वहीं बड़ी मात्रा में कृषि भूमि को भी नुकसान हुआ है। नदी के तेज बहाव के कारण कई आवासीय मकानों को भारी खतरा उत्पन्न हो गया है। नदी के प्रचंड वेग को देखते हुए ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर किसी तरह जान बचा कर सुरक्षित स्थान पर चले गए।
सोमवार देर रात करीब 11 बजे के बीच भारी बारिश के कारण मोक्ष नदी में आई बाढ़ के कारण सेरा गांव के  महिपाल सिंह गुसाईं के घराट का बड़ा हिस्सा बह गया  है जबकि मकान के आंगन को भी क्षति पहुंची हैं। नदी के प्रचंड वेग के कारण महिपाल गुसाईं सहित अवतार सिंह, पंकज सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह गुसाईं, देवेन्द्र सिंह गुसाईं, विजय सिंह, बिरेंद्र सिंह, विनोद सिंह, सिवाय सिंह, तारा देवी  आदि के आवासीय मकानों को भी भारी खतरा उत्पन्न हो गया है। रात को अचानक नदी का जल स्तर तेजी के साथ बढ़ने के कारण सेरा गांव के ग्रामीणों ने पूरी रात जागकर अपनी रात गुजारी।
रौद्र रूप धारण कर बह रही मोक्ष नदी ने पंकज सिंह नेगी, विजोत्तमा देवी व राजेंद्र सिंह गुसाईं की गोशाला को निगल लिया। कई मवेशी भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए। हालंकि जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन खेती चौपट हो गई है। ग्रामीणों ने भारी बारिश के बीच अन्य मवेशी और घरेलू सामान बचा लिया लेकिन गांव को अब भी खतरा बना हुआ है। सेरा गांव फिलहाल खतरे की जद में बना हुआ है। प्रशासन को सूचना दे दी गई है।

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