उत्तराखण्ड में बहुत भारी वर्षा के साथ 29 जून से मानसून का आगमन

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देहरादून, 26 जून (उहि)। हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में अगले 3-4 दिन के अन्दर मानसून का आगमन होने वाला है। मौसम विभाग ने राज्य में 29 जून को भारी वर्षा के साथ ही मानसून की धमक का संकेत दे दिया है।
इस साल के मानसून की धमक आगमी 29 जून से होने वाली है। इसके बाद पड़ोसी राज्य हिमाचल को भी मानसून की बौछारें भिगोने लगेंगी। आम तौर पर, मानसून 20 जून तक उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में प्रवेश करता है, और 25 जून तक, यह जम्मू और कश्मीर में कदम रखते हुए पूर्व के दो राज्यों के अधिकांश हिस्सों को कवर करता है। लेकिन इस बार पश्चिमी हिमालयी राज्यों में मानसून का प्रवेश मामूली विलम्ब से हो रहा है।
राज्य मौसम केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानसून का उत्तरी छोर पोबंदर, शिवपुरी, बड़ौदा, रीवा और चुर्क होते हुये आगे बढ़ रहा है। गुजरात के कुछ और हिस्सों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश का शेष भाग, बिहार का शेष भाग, उत्तर प्रदेश के कुछ और भाग और उत्तराखण्ड में अगले 3-4 दिन में मानसून पहुंचने की संभावना है। दक्षिण गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है।
पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल में एक ट्रफ के रूप में अपनी धुरी के साथ समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। लगभग 78° पूर्व के साथ अक्षांश 32° उत्तर के उत्तर में पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है।
राज्य मौसम केन्द्र से जारी बुलेटिन के अनुसार उत्तराखण्ड में प्रीमानसून की बौछारें शुरू हो चुकी हैं। 26 जून को भी चमोली एवं रुद्रप्रयाग जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा दर्ज हुयी है। यही स्थिति पूरे प्रदेश में 28 जून तक रहने वाली है। मौसम केन्द्र से जारी बुलेटिन के अनुसार 27 जून को भी उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग एवे उत्तरकाशी जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्ष होने की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं कहीं तीब्र गर्जना के साथ बिजली चमकने और तेज गति से हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम विभाग ने 28 जून को देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं -कहीं भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान दिया है। जबकि 29 जून को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना प्रकट कर रखी है। लेकिन 30 जून केवल बागेश्वर और पिथौरागढ़ में ही भारी वर्ष का एलर्ट जारी कर रखा है।
शिमला स्थित मौसम विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय मौसम केंद्र द्वारा जारी एक बुलेटिन ने संकेत दिया है कि हिमाचल प्रदेश में, इस रविवार (26 जून) से बारिश की गतिविधि में वृद्धि शुरू हो जाएगी, जिसके बाद राज्य को मानसून का पहला अनुभव मिलेगा और जुलाई के पहले सप्ताह तक मानसून छा जायेगा।
तदनुसार, उत्तराखंड को हिमाचल से एक या दो दिन पहले मानसून का अनुभव होने की संभावना है बशर्ते मानसून सामान्य गति से इस क्षेत्र में आगे बढ़े। जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है तो वहां मानसून का आगमन जुलाई के दूसरे सप्ताह तक हो सकता है।
एक बार जब दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के पूर्वी भागों में प्रवेश कर जाता है, तो आमतौर पर पूर्व से पश्चिम की ओर क्षैतिज गति में चलते हुए, इस क्षेत्र को पूरी तरह से कवर करने में लगभग 7-10 दिन लगते हैं।
यदि मौसम विभाग के ये पूर्वानुमान सच निकलते हैं, तो इसका मतलब यह होगा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में मानसून के आगमन में सबसे अच्छी स्थिति में एक सप्ताह की देरी हो सकती है, और सबसे खराब स्थिति में दो सप्ताह तक की देरी हो सकती है।
आईएमडी आधिकारिक तौर पर मानसून की शुरुआत की घोषणा करता है जब राज्य में उपलब्ध मौसम केंद्रों में से लगभग 60 प्रतिशत 10 मई के बाद लगातार दो दिनों के लिए 2.5 मिमी या उससे अधिक की वर्षा दर्ज करते हैं। वर्षा गतिविधि के इस तेजी के साथ, पवन क्षेत्र और आउटगोइंग के लिए तकनीकी मानदंड लंबी तरंग विकिरण को भी पूरा करने की आवश्यकता है। जबकि ये उत्तरी राज्य अपनी बारी का इंतजार करते हैं, वे किसी भी प्रकार की नमी से रहित नहीं होंगे। पिछले गुरुवार से इस सप्ताह के मध्य तक क्षेत्र में प्री-मानसून बारिश हुई है।

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