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उत्तराखंड की बहुप्रचारित मुख्यमंत्री घसियारी योजना गयी घास चरने ! !

-गौचर से दिग्पाल गुसांईं-

पशुपालन के क्षेत्र में श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने व महिलाओं की जंगलों पर निर्भरता समाप्त करने के उद्देश्य से लागू की गई मुख्यमंत्री घस्यारी योजना पूरी तरह पटरी से उतरती नजर आ रही है। लंबे समय से इस योजना के तहत काश्तकारों हरा चारा न मिलने से वे संकट में फंस गए हैं।

पहाड़ी क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादकता की क्षमता बढ़ाकर लोगों को श्वेत क्रांति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने व महिलाओं की जंगलों पर निर्भरता समाप्त करने के लिए पिछले दो साल पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के हाथों देहरादून में मुख्यमंत्री घस्यारी योजना का शुभारंभ करवाया गया था। तब उम्मीद की जा रही थी कि दो रुपए किलो मिलने वाले इस हरी घास से लोगों की मुस्किलें काफी हद तक आसान हो जाएंगी। लेकिन कारण जो भी हो लोक सभा चुनाव का पहला चरण समाप्त होने के बाद कास्तकारों को योजना की हरी घास उपलब्ध न कराए जाने से उनके सामने दुग्ध उत्पादन के अलावा पशुओं के भर पोषण का भी संकट पैदा हो गया है।

यही नहीं इस योजना में मिलने वाली घास में पशुपालकों के साथ कितना भद्दा मज़ाक किया जा रहा है इसका अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि शुरूआती दौर में सहकारी समितियों के माध्यम से मिलने वाली इस घास 30 किलो बैग की कीमत 60 रूपए ली जाती थी। जैसे जैसे मांग बढ़ती गई तो बैग का वजन 20 किलो के आसपास कर उसकी कीमत 70 रुपए कर दी गई है। इस तरह यह घास कास्तकारों को चार रुपए के आसपास पढ़ रहा है। किराया भाड़ा अलग।

 

मुख्यमंत्री घस्यारी योजना के तहत मिलने वाली हरी घास मक्का,गन्ना का मिश्रण बनाया जाता है। इसको खिलाने से पशुओं में दूध की क्षमता बढ़ जाती है। यही नहीं महिलाएं को जंगलों से हरा चारा लाने के झंझट से भी काफी हद तक निजात मिल जाती है।

प्रगतिशील कास्तकार विजया गुसाईं, कंचन कनवासी, जशदेई कनवासी, भागवत भंडारी , रमेश डिमरी,नंदा गौरा योजना के तहत दुगध उत्पादन के क्षेत्र में स्वरोजगार अपनाने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों सम्मानित होने वाली नौटी की नीमा देवी आदि का कहना है। इन दिनों जंगलों में आग लगने से पशुपालकों के सामने चारे ऋका घोर संकट पैदा हो गया है। उपर से मुख्यमंत्री घस्यारी योजना के तहत् मिलने वाली हरी घास उपलब्ध न कराए जाने से उनके सामने पशुओं के पालन पोषण का घोर संकट पैदा हो गया है।

 

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