नाबार्ड ने उत्तराखंड के लिए तीस हजार करोड़ रूपये से अधिक की ऋण योजना तैयार की
–उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो –
देहरादून, 3 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सुभाष रोड, देहरादून स्थित एक होटल में नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने नाबार्ड द्वारा तैयार किये गये स्टेट फोकस पेपर 2023-24 का विमोचन किया। नाबार्ड द्वारा वर्ष 2023-24 हेतु उत्तराखण्ड राज्य के लिए प्राथमिकता क्षेत्र में 30301 करोड़ रूपये की ऋण संभाव्यता का आंकलन किया गया है। जो विगत वर्ष की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास हेतु इस वर्ष करीब तीस हजार करोड़ रूपये से अधिक की ऋण योजना तैयार की है। जो पिछले साल की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है। यह हमारे किसानों, बागवानी तथा छोटे-छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में कारगर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इस ऋण व्यवस्था की सही प्रकार से निगरानी एवं पारदर्शिता की आवश्यकता होगी, ताकि जरूरतमंद लोगों को ऋण लेने में कोई परेशानी न हो। आम जन योजनाओं का पूरा लाभ ले सकें। ऋण को सही, जरूरतमंद और योग्य लोगों तक सरलता से पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। बैंकों को ध्यान देना होगा कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ऋण सम्बन्धित औपचारिकताओं के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड पर काम करना होगा । नाबार्ड की इस ऋण योजना के आवंटन के लिए प्रत्येक बैंक ब्रांच को एक निश्चित टारगेट के साथ काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निवेश और लोन के द्वारा ही विकास और उन्नति संभव है। यह हमारे रिवर्स पलायन मिशन के लिए भी आवश्यक है। सरकार ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं, सड़क, कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए नाबार्ड का भी लगातार सहयोग मिलता रहता है। पिछले वर्ष ही नाबार्ड ने उत्तराखण्ड को दस हजार करोड़ रूपये की 4515 परियोजनाओं की मंजूरी दी। इसके लिए उन्होंने नाबार्ड का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के इंफ्रास्टक्चर को मजबूत और आधुनिकतम बनाने पर लगातार कार्य कर रही है, ताकि राज्य के शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश बढ़े। उन्होंने कहा कि रूद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी ऋण की कमी वाले तीन जिलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाय।
नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में जानकारी दी गई कि नाबार्ड ने महिलाओं को सशक्त बनाने तथा उनके लिए सतत आजीविका सृजित करने के 91 लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम व 23 आजीविका उद्यमिता विकास कार्यक्रम के माध्यम से 5280 स्वयं सहायता समूह/जेएलजी को प्रशिक्षित कर उन्हें अपना व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया। नाबार्ड राज्य में एफपीओ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है अभी तक कुल 132 एफपीओ (31 सेंट्रल सेक्टर स्कीम सहित) बनाए गये हैं।