32 साल के सेवा के बाद रिटायर हुआ नौसेना का जहाज खुंखरी

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नयी दिल्ली, 29 जनवरी (उ ही) । भारतीय नौसेना का पहला स्वदेश में निर्मित मिसाइल कार्वेट आईएनएस खुकरी (पी49) 26 जनवरी 2022 को दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव (डीएनएचडीडी) प्रशासन को सौंप दिया गया। दीव के आईएनएस खुकरी मेमोरियल में औपचारिक रूप से आयोजित भव्य समारोह में रियर एडमिरल अजय विनय भावे, फ्लैग ऑफिसर डॉक्ट्रिन एंड कॉन्सेप्ट्स ने सेवामुक्त पोत को विधिवत रूप से केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव तथा लक्षद्वीप के माननीय प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल के हवाले किया। इस कार्यक्रम के दौरान भारतीय नौसेना बैंड द्वारा एक आकर्षक प्रस्तुति दी गई और लंगर डालने के स्थान पर नौसेना के जहाजों द्वारा रोशनी भी की गई।

कार्वेट 23 अगस्त 1989 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagaon Dock Shipbuilders) द्वारा बनाया गया था और इसे पश्चिमी बेड़े का हिस्सा होने का गौरव प्राप्त था. जहाज को मुंबई में तत्कालीन रक्षा मंत्री कृष्ण चंद्र पंत (Krishna Chandra Pant) और एमवीसी के दिवंगत कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला की पत्नी सुधा मुल्ला ने कमांडर (अब वाइस एडमिरल सेवानिवृत्त) संजीव भसीन के साथ अपने पहले कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कमीशन किया था.

दुनिया के 30 बार चक्कर लगाने के बराबर तय की दूरी

अपनी सेवा के दौरान जहाज की 28 कमांडिंग अधिकारियों द्वारा कमान संभाली गई थी. आईएनएस खुखरी ने 6,44,897 समुद्री मील से अधिक की दूरी तय की, जो दुनिया का 30 बार चक्कर लगाने के बराबर है. इसके अलावा ये दूरी पृथ्वी (Earth) और चंद्रमा (Moon) के बीच की दूरी का तीन गुना है. ये जहाज भारतीय सेना (Indian Army) के गोरखा ब्रिगेड (Gorkha Brigade) से जुड़ा हुआ था. यही वजह है कि गोरखा ब्रिगेड के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल पीएन अनंतनारायण (Lt General PN Ananthanarayan) ने इस समारोह में हिस्सा लिया.

क्या होती हैं कार्वेट जहाज?

बता दें कि कार्वेट एक छोटा युद्धपोत होता है. यह परंपरागत रूप से पोत का सबसे छोटी क्लास है. एक कार्वेट का इस्तेमाल तटीय गश्ती जहाज, मिसाइल नाव और तेज हमले वाले जहाज के रूप में किया जाता हैं. इस तरह के जहाजों की तैनाती आमतौर पर उन इलाकों में होती है, जहां पर समुद्री घुसपैठ का खतरा अधिक होता है. एक कार्वेट आमतौर पर 500 टन और 2,000 टन के बीच होता है. हालांकि हाल के डिजाइन 3,000 टन तक होता है.

संग्रहालय में परिवर्तित करने की योजना

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए एडमिरल भावे ने आईएनएस खुकरी की घर वापसी यात्रा शुरू करने की इस पहल के लिए प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल की सराहना की। उन्होंने कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला, एमवीसी और पहले आईएनएस खुकरी के बहादुर कर्मियों के बलिदान पर भी ध्यान आकृष्ट किया, जिनकी स्मृति में भव्य दीव स्मारक समर्पित किया गया है। सार्वजनिक यात्राओं के लिए दीव प्रशासन द्वारा खुकरी को एक संग्रहालय में परिवर्तित करने की योजना है। संग्रहालय मौजूदा खुकरी मेमोरियल के साथ सह-स्थित होगा। यहां पर आईएनएस खुकरी (एफ149), ब्लैकवुड क्लास पनडुब्बी रोधी फ्रिगेट का छोटा संस्करण भी रखा गया है।

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