राष्ट्रीयसुरक्षा

लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का  सफलतापूर्वक परीक्षण

The all-indigenous ATGM employs a tandem High Explosive Anti-Tank (HEAT) warhead to defeat Explosive Reactive Armour (ERA) protected armored vehicles. The ATGM has been developed with multi-platform launch capability and is currently undergoing technical evaluation trials from 120 mm rifled gun of MBT Arjun.

नयी,  दिल्ली 30 जून  (उहि )। स्वदेश में विकसित लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा भारतीय सेना द्वारा 28 जून, 2022 को मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से अहमदनगर में आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) केके रेंज में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान एटीजीएम ने बेहद सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर प्रहार किया और बिना किसी परेशानी के न्यूनतम दूरी के लक्ष्य को आसानी से भेद दिया। टेलीमेट्री सिस्टम ने मिसाइल की इस उपलब्धि के संतोषजनक प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया।

पूर्णतया स्वदेशी तरीके से विकसित एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) सुरक्षित बख्तरबंद वाहनों से निपटने के लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है। एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से इसके तकनीकी मूल्यांकन का परीक्षण चल रहा है।

एटीजीएम के परीक्षण में इस्तेमाल किए गए टैंक की आयामी बाधाओं के कारण निचली सीमाओं पर लक्ष्यों को भेद पाना एक चुनौती रहा है, जिसे एमबीटी अर्जुन के द्वारा सफलतापूर्वक एटीजीएम का परीक्षण कर पूरा किया गया है। इस उपलब्धि के साथ अब एटीजीएम की न्यूनतम से अधिकतम सीमा तक लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता स्थापित की गई है इससे पहले के परीक्षण अधिकतम रेंज के लिए सफल रहे हैं।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी है रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी है।उन्होंने कहा कि लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल विकास से एमबीटी अर्जुन की मारक क्षमता में वृद्धि होगी।

 

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