एक नया विद्युत अपघट्य मिला है जो बेहतर अमोनिया संश्लेषण में सहायता कर सकता है
–UTTARAKHAND HIMALAYA BUREAU-
A new aqueous electrolyte that can help make electrochemical ammonia synthesis more efficient will be useful for industries producing green energy or hydrogen. The electrochemical ammonia synthesis is largely limited by the poor solubility of nitrogen (N2) in the aqueous electrolyte environment as well as the competitive hydrogen evolution reaction. The obstacle faced was that reduction of N2 actually occurred in the aqueous medium. In an attempt to solve these issues, the “ambient” conditions are mostly overseen. Researchers mostly work on catalyst development, while electrolyte improvisation still remains in its infancy. According to a recent report, 90.7 % of the research works related to Nitrogen reduction reaction (NRR) have focused on suitable catalyst development, while only 4.7 % have been devoted to working on the electrolytes.
एक नया जलीय विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट) जो विद्युत-रासायनिक (इलेक्ट्रोकेमिकल) अमोनिया संश्लेषण को अधिक कुशल बनाने में सहायक बन सकता है, भविष्य के हरित ऊर्जा या हाइड्रोजन का उत्पादन करने वाले उद्योगों के लिए उपयोगी होगाI
विद्युत-रासायनिक अमोनिया संश्लेषण का जलीय विद्युत अपघट्य पर्यावरण के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी हाइड्रोजन विकास प्रतिक्रिया में नाइट्रोजन (एन) की खराब घुलनशीलता से बहुत सीमा तक सीमित है। इसमें बाधा यह थी कि नाइट्रोजन का अपचयन (रिडक्शन) वास्तव में जलीय माध्यम में होता है। इन चुनौतियों से पार पाने के प्रयास में “परिवेश” स्थितियों की अधिकतर निगरानी की जाती है। शोधकर्ता ज्यादातर उत्प्रेरक विकास पर काम करते हैं, जबकि विद्युत अपघट्य की क्षमता में सुधार होना अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है। हाल ही की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाइट्रोजन अपचयन क्रिया (नाइट्रोजन रिडक्शन रिएक्शन–एनआरआर) से संबंधित 90.7 % शोध कार्यों ने मात्र उपयुक्त उत्प्रेरक विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि केवल 4.7% शोधकर्ता ही इलेक्ट्रोलाइट्स पर काम करने के लिए समर्पित हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) मोहाली के वैज्ञानिकों ने सोडियम टेट्रा फ्लोरोबोरेट (एनएबीएफ4 – NaBF4) नामक एक ऐसा नया विद्युत अपघट्य विकसित किया है, जो न केवल माध्यम में नाइट्रोजन वाहक के रूप में कार्य करता है बल्कि यह भी बिल्कुल परिवेशी प्रायोगिक स्थितियों में अमोनिया (एनएच3) की उच्च उपलब्धि देने के लिए सक्रिय सामग्री संक्रमण धातु-डोप्ड नैनोकार्बन-मैंगनीज नाइट्राइड (एमएनएन4) के साथ एक पूर्ण “सह-उत्प्रेरक” के रूप में काम करता है। अमोनिया की उच्च उत्पादन दर औद्योगिक पैमाने पर पहुंच गई और किसी अन्य इलेक्ट्रोलाइट माध्यम में यह लगभग सभी मानक उत्प्रेरकों को पार कर गई थी। अमोनिया के स्रोत का अच्छी तरह से अध्ययन किया गया था और मुख्य रूप से शुद्ध नाइट्रोजन गैस की विद्युत रासायनिक कमी से होने की पुष्टि की गई थी। [नाइट्रोजन (एन 2) को अमोनिया (एनएच3) में परिवर्तित करने के लिए इसे नाइट्रोजन संतृप्त विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट) बनाना पड़ता है]।
पत्रिका (जर्नल) पीएनएएस में प्रकाशित यह शोध जलीय माध्यम में नाइट्रोजन (एन 2) की घुलनशीलता के बारे में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने और परिवेश की स्थिति में नाइट्रोजन अपचयन क्रिया (नाइट्रोजन रिडक्शन रिएक्शन–एनआरआर) द्वारा अमोनिया की औद्योगिक पैमाने पर उत्पादन दर प्राप्त करने के लिए एक नया दृष्टिकोण है।
विज्ञान और्प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत विज्ञान इंजीनियरिंग अनुसन्धान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा समर्थित यह कार्य एक उपयोगकर्ता के अनुकूल जलीय विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट) सोडियम टेट्रा फ्लोरोबोरेट (एनएबीएफ4-NaBF4) लाता है जो शोधकर्ताओं को विद्युतीय उत्प्रेरकों (इलेक्ट्रो कैटालिस्टस) के बेहतर एनआरआर प्रदर्शन की दिशा में जलीय इलेक्ट्रोलाइट डिजाइनिंग पर अधिक काम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। इस शोधकार्य के लिए एक पेटेंट का आवेदन किया गया है और वैज्ञानिक अब औद्योगिक स्तर पर अमोनिया उत्पादन की तीव्र दर के लिए विद्युत अपघटक (इलेक्ट्रोलाइजर) बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।