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अब तक हवा हवाई होती रही घोषणाएं, फिर भी इस बार गौचरवासियों को मुख्यमंत्री की घोषणाओं का इंतज़ार

-गौचर से दिग्पाल गुसांईं-
शासन प्रशासन की घोर उपेक्षा के चलते विकास की दृष्टि से पिछड़ती जा रही जनपद चमोली की हृदय स्थली गौचर को आगामी 14 नवंबर को मेले के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री क्या सौगात देते हैं इस पर सबकी निगाहें टिक गई हैं।

समतल के क्षेत्र में अद्वितीय जनपद चमोली के गौचर पालिका क्षेत्र में जहां एक विशाल मैदान विद्यमान है, वहीं कास्तकारी के लिए पनाई व भटनगर दो ऐसे तोक हैं जो इस क्षेत्र की पहचान होने के साथ ही लोगों की आजीविका का साधन भी थे। पनाई तोक की जमीन पर हवाई पट्टी, तो भटनगर की तोक पर रेल लाइन का निर्माण कर इन तोकों का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया है। क्षेत्र की जनता बदले में यहां के लिए विकास योजनाओं की मांग करती आ रही है लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं है।

ताजुब तो इस बात का है कि हवाई पट्टी के दोनों ओर 50 मीटर की जमीन पर खरीद फरोख्त व किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध लगाकर कटे में नमक छिड़कने का काम किया गया। खेती के बीचोंबीच बनाई गई इस हवाई पट्टी से रास्तों के अभाव में लोगों को अपने घरों ही नहीं बल्कि खेतों में जाने का भी संकट पैदा हो गया है।

हवाई पट्टी के लिए जमीन अधिग्रहण करते समय सिंचाई, रास्ते, रोजगार के अलावा विकास की मुख्य धारा में लाने का वादा किया था। लेकिन 24 साल बीतने को है एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है। नतीजतन क्षेत्र की जनता आंदोलन के लिए मजबूर हो रही है।

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए जमीन लेते समय लोगों ने विरोध तो नहीं किया लेकिन उन्हें नहीं पता था हवाई पट्टी की तर्ज पर यहां भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस बार तो वर्तमान सरकार ने भटनगर की जमीन पर रेल लाइन के दोनों ओर 400 मीटर पर किसी भी प्रकार की खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध लगाकर लोगों को हांसिए पर धकेलने का काम किया है।

नारायण दत्त तिवारी की सरकार ने गौचर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण की स्वीकृति, विजय बहुगुणा की सरकार ने गौचर में इंजीनियरिंग कॉलेज की घोषणा, हरीश रावत की सरकार ने वैटनरी कालेज, बोली भाषा संस्थान की स्वीकृति दी थी लेकिन इन विकास योजनाओं का क्या हुआ किसी को पता ही नहीं है।

गत वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर मैदान में खेल स्टेडियम व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण की घोषणा की थी। लेकिन कारण जो भी रहा हो इन योजनाओं पर भी आज तक अमल न होने से क्षेत्र की जनता अपने को ठगा सा महसूस कर रही है। अब 14 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुनः गौचर मेले के उद्घाटन के लिए यहां पहुंच रहे हैं इस अवसर पर वे गौचर को किन विकास योजनाओं की सौगात देते हैं इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

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