पोषणयुक्त चावल (फोर्टिफाइड) खाइये और कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों से छुटकारा पाइये
Under the fortification scheme, milled broken rice is reduced to dust, and a premix of vitamins and minerals is added to it. Thereafter, an extruder machine is used to produce fortified rice kernels (FRK) resembling rice grains. The kernels are then mixed in a 1:100 ratio with regular rice to produce fortified rice.
–उषा रावत
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आज यहां पोषणयुक्त चावल पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने कहा “हम देश के सभी चावल खपत वाले जिलों में पोषणयुक्त चावल के शत-प्रतिशत वितरण के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर हैं।”
पोषणयुक्त चावल बनाने की प्रक्रिया के तहत खाद्य पदार्थ में अनिवार्य सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे विटामिन्स और खनिज की मात्रा को बढ़ाया जाता है ताकि इसकी पोषण गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और स्वास्थ्य को कम से कम नुकसान पहुंचाकर जन स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मुताबिक, जब किसी खाने की चीज में अलग से पोषक तत्व शामिल किए जाते हैं तो इन्हें फोर्टिफाइड फूड कहते हैं. ऐसे फूड में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाई जाती है और कुपोषण और एनीमिया जैसी दिक्कतों से राहत पाई जा सकती है।
2008 के कोपेनहेगन कन्सेन्सस स्टेटमेंट के तहत पोषणयुक्त खाद्य पदार्थों को विकासशील देशों के लिए शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में से एक बताया गया था। पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ दरअसल भारत के लिए नए नहीं हैं। भारत में आयोडीनयुक्त नमक, जो कि पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ का ही एक प्रकार है, की खपत बढ़ने से आयोडीन की कमी से होने वाली गौयटर जैसी बीमारियों में काफी कमी आई है। एनीमिया की समस्या से बहुत कम समय में निपटने के लिए पोषणयुक्त चावल एक बहुत ही निवारक एवं पूरक साधन है।
चावल को पोषणयुक्त बनाना एक प्रक्रिया है, जिसमें चावल में लौह तत्व, फॉलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को चावल में मिलाया जाता है और यह एनीमिया जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एक बहुत प्रभावी, निवारक और कम लागत वाली रणनीति है। वैश्विक और भारतीय संदर्भों में इस प्रकार के विभिन्न अध्ययन किए गए हैं जिनसे साबित होता है कि एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए पोषणयुक्त चावल एक बेहद प्रभावी हथियार है। यह चावल देखने में भले ही आम चावल की तरह ही दिखते हों लेकिन इनमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो इंसान की सेहत के लिए जरूरी माने जाते हैं। दूसरे आम चावल की तुलना में इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा इनमें विटामिन-ए, बी और जिंक भी पाया जाता है। इसके जरिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है।
एक किलो फोर्टिफाइड राइस (Fortified rice) में आयरन (28-42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होता है। इसके साथ ही FSSAI ने जिंक (10-15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी) विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की है। एक बार तैयार होने के बाद Fortified rice को 12 महीने तक खाया जा सकता है।
कुपोषण के कारण होने वाली एनीमिया की गंभीर समस्या से निपटने के महत्वाकांक्षी प्रयास के तहत इस बात को रेखांकित किया जाना चाहिए कि आहार विविधिकरण और फलों तथा सब्जियों पर अधिक निर्भरता सूक्ष्म पोषक तत्वों का एक अन्य स्रोत है लेकिन आबादी के एक बड़े तबके के लिए यह कर पाना हमेशा संभव नहीं है। केन्द्र, देश के विभिन्न भागों में पोषणयुक्त चावल को भोजन में शामिल करने के लाभों के विषय में बहुत से जागरुकता कार्यक्रम चलाने की दिशा में प्रयासरत है। राज्य सरकारों को भी अपने राज्य के लोगों में इस संबंध में फैले मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को संवेदनशील बनाने की सलाह दी गई है।
पैकेजिंग सामग्री के संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के नियमन के संदर्भ में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई)/राज्य एजेंसियों जैसी खरीद एजेंसियां एफएसएसएआई के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही हैं और बोरियों पर +F का लोगो तथा थैलिसिमिया से ग्रस्त लोगों को चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही पोषणयुक्त चावल खाना चाहिए का संदेश छाप रहा है।
फोर्टिफाइड चावल की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होती। ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है। इनके पैकेट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है। फोर्टिफाइड चावल को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता। आम चावल की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है।