बधाण की नंदा देवी के कुरूड़ प्रस्थान के मौके पर हर साल देवराड़ा में आयोजित होगा विदाई मेला
—थराली से हरेंद्र बिष्ट —
बधाण की राजराजेश्वर मां नंदा भगवती के छह माह के प्रवास पर सिद्धपीठ देवराड़ा पहुंचने एवं प्रवासकाल पूरा होने के बाद छः माह सिद्धपीठ कुरूड़ के लिए रवाना होने के मौकों पर देवराड़ा में भव्य रूप से स्वागत एवं विदाई मेलों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही देवराड़ा स्थित भगवती मंदिर को राज्य के देवी मंदिरों की श्रृंखला में सामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
यहां तहसील कार्यालय में आयोजित बधाण पट्टी के 14 सयानो,देवराड़ा मंदिर समिति के पदाधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों एवं बुद्वजीवियों की आयोजित एक बैठक में श्री नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान पिछले वर्षों सिद्धपीठ देवराड़ा को पड़ाव में सामिल नही किए जाने पर रोष प्रकट किया गया।कहा कि बिना बधाण की नंदा की डोली के राजजात का आयोजन ही संभल नही है।इस लिए देवराड़ा को पड़ाव घोषित कर उसके अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराने की सभी ने एक जुटता से मांग उठाई।
इस अवसर पर कहा गया कि प्रत्येक वर्ष नंदा लोकजात का आयोजन होता हैं।बधाण की नंदा की डोली नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से निकल कर विभिन्न पड़ावों से हों कर वेदनी बुग्याल में जात (देवी की विशेष पूजा) के बाद यात्रा सिद्धपीठ देवराड़ा के लिए आती हैं। यहां पर छः माह प्रवास के बाद देवराड़ा से कुरूड़ छः माह के लिए चली जाती हैं। सदियों से यह परंपरा चली आ रही हैं।
बैठक में तैय किया गया कि वर्तमान में नंदा का उत्सव डोला देवराड़ा में ही विराजमान हैं। उसके अगले महिने में कुरूड़ विदाई पर देवराड़ा में एक विदाई मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सभी बधाण के नंदा भक्तों को आमंत्रित किया जाएगा।
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि आगामी वर्षों में डोली में छः माह प्रवास पर आने एवं छः माह के प्रवास के बाद विदाई पर देवराड़ा में नंदा भगवती के श्रद्वालुओं के सहयोग से मेले आयोजित होंगे।इस मौके पर देवराड़ा मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन हटवाल,बार एसोसिएशन थराली के अध्यक्ष डीडी कुनियाल, विनोद रावत, त्रिलोक सिंह बुटोला, सभासद सीमा देवी, नरेन्द्र भारती,प्रेम बुटोला, जितेंद्र रावत, देवेंद्र रावत,नरेश गौड़ सहित दर्जनों लोगों ने विचार व्यक्त किए।