कर्णप्रयाग के ढमढमा में 16 वर्षों बाद आयोजित पांडव नृत्य को लेकर क्षेत्र वासियों में भारी उत्साह
-गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
विकासखंड कर्णप्रयाग के ढमढमा में 16 वर्षों बाद आयोजित पांडव नृत्य के चौथे दिन अस्त्र-शस्त्रों व वेश-भूषा में नृत्य का आयोजन शुरू हो गया है। पांडव नृत्य को लेकर क्षेत्र के लोगों में भारी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।
समिति के संचालक विक्रम सिंह बिष्ट एवं अध्यक्ष दलबीर सिंह विष्ट ने बताया कि ढमढमा ग्राम सभा मे 16 वर्षों के बाद आयोजित पांडव नृत्य में प्रतिदिन विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। क्षेत्र के आस पास के गांव बरतोली,मझखोला, ग्वाड, आदि गांवों का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। धियाणियों व प्रवासियों के ढमढमा गांव की ओर रुख करने से गांव की चौपालों मे धीरे धीरे रौनक लौटने लगी है। पांडव नृत्य कमेठी मे विभिन्न कार्यक्रमों की तिथि निर्धारित की गयी है। पांडव नृत्य के पाश्वों की भूमिका में धर्मराज युधिष्ठर गुलाब सिंह बिष्ट,भीम पुष्कर सिंह,अर्जुन भरत सिंह,सहदेव सुरेंद्र सिंह,नकुल संजय सिंह,द्रौपदी हरीश सिंह,सुभद्रा दिलीप सिंह ,हनुमान सुदर्शन, सिंहमाता कुंती श्रीमती तुलसी, देवीमाला फुलारी गजपाल सिंह, घटोत्कछ,भगत सिंह,नागार्जुन रमेश सिंह,द्रोणाचार्य गुरुप्रेम सिंह,शंभू नाथ विजय सिंह,लाटू देवता कुंवर सिंह,श्री कृष्णा वीरेंद्र सिंह,बलराम राजे सिंह आदि पात्रों का अभिनय कर रहे हैं। पांडव नृत्य में सुदामा सिंह बिष्ट, रणजीत सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान रिचा देवी आदि का विषेश सहयोग है। समिति के अध्यक्ष दलवीर बिष्ट के अनुसार छः दिसंबर को जल यात्रा,सात दिसंबर को देव वृक्ष की स्थापना आठ दिसंबर को गैंडा नृत्य तथा नौ दिसंबर की लीला का समापन होगा।