आपदा/दुर्घटना

शव ले जा रहे वाहन पर गिरा मलबा, चालक समेत परिजनों ने बमुश्किल बचायी जान

–रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट–
थराली, 16 जुलाई।  दुर्घटना में मृत महिला से शव को ले जा रहे परिजनों के वाहन पर शनिवार को देर रात्रि मलबा गिरने से दूसरा बड़ा हादसा होते- होते बचा और शव को वाहन में छोड़ कर मृतक के परिजनों एवं चालक ने भाग कर किसी तरह से जान बचाई। इस दौरान  पुलिस की तत्परता  से किसी तरह से बीआरओ की मदद से मलबे में फंसे वाहन एवं शव को किसी तरह से देर रात निकाला जा सकता।

शनिवार को ग्वालदम -कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर धनियालधार के पास हुई मैक्स दुर्घटना में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि चालक सहित 8 लोग घायल हो गए थे। मृतकों को थराली पुलिस के द्वारा पोस्टमार्टम के लिए उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग ले जाया गया। जहां पर शनिवार को ही पोस्टमार्टम कर मृतका ग्वालदम के पास रैतीली श्रीकोट बागेश्वर निवासी 43 वर्षीय सरस्वती देवी के शव को देर रात उसके परिजन आपने घर को ला रहे थे कि रात करीब 11 बजे शव ला रहा वाहन ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर हरमनी के पास मार्ग में पड़े मलबे में फंस गया और इसी बीच मार्ग की पहाड़ी से मलबा  गिरने लगा। जिसे  देख चालक सहित वाहन में मौजूद मृतका के परिजन सिहर उठे। उन्होंने किसी तरह वाहन से निकल कर अपनी जानें बचाई।

इस बीच थाना पुलिस थराली को जब देर रात इस मामले की जानकारी मिली तो थाना के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम जैसे तैसे घटनास्थल पर पहुंची और बीआरओ को जानकारी दी जिस पर बीआरओ ने जेसीबी मशीन के सहारे मलबे में फंसे वाहन को किसी तरह शव रखे वाहन टाटा सूमो यूके 02 टीए 1107 को मलबे से बहार निकाला।

इस दौरान पहाड़ी से पत्थर, मलबा गिरने के कारण वाहन को काफी क्षति भी पहुंची है । राहत की बात है कि इस हादसे में किसी को अधिक नुकसान नही पहुंचा।
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आपदा पूर्व किए गए प्रशासन के सभी दावों की शनिवार की रात उस समय पोल खुल गई जब हरमनी से दुर्घटना में मृतिका के शव को पुलिस एवं बीआरओ के द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद देर रात निकाल तो लिया।इस दौरान तेज बारिश के कारण थराली के पास सिमलसैण में ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध हो गया।डीजीबीआर के द्वारा अप जेसीबी मशीन हरमनी मे खड़ी कर दी गई थी। पुलिस के द्वारा सिमलसैण में मार्ग खोलने के लिए लोनिवि थराली के अभियंताओं से संपर्क करने का प्रयास किया गया तों उन्हें सफलता नही मिली अभियंताओं ने फोन तक नही उठाएं।

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