नंदा भगवती की डोली के स्वागत और विदाई की तैयारियों के साथ ही होने लगी पिंडर घाटी नन्दामय
–थराली से हरेंद्र बिष्ट–
नंदानगर (घाट) के नंदा शक्तिपीठ कुरूड़ से नंदा भगवती के डोलों की म जागर गीतों के बीच महिलाओं के द्वारा अपनी लाडली को आंशुपूरित विदाई देने के बाद पिंडर घाटी के थराली एवं देवाल विकासखंडों के उन गांवों में जहां से यात्रा को होकर गुजरनी है, यात्रा के स्वागत एवं विदाई की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके साथ ही पूरी पिंडर घाटी धीरे-धीरे नंदामय होने लगी हैं।
सोमवार को नंदा शक्तिपीठ कुरूड़ से बधाण एवं दशोली की नंदा देवी की उत्सव डोली को जोरदार एवं पारम्परिक रूप से कैलाश के लिए विदाई दी। इसके साथ ही पूरा चमोली जिला नंदा के जागर गीतों से गुंजायमान होने लगा हैं। नंदा लोकजात यात्रा 2022 का आगाज होने के साथ ही पिंडर घाटी में भी यात्रा को लेकर गांव-गांव में तैयारियां तेज हों गई हैं।
25 अगस्त को बधाण की नंदा लोकजात यात्रा नंदानगर विकासखंड के स्यारी,बंगारी से होते हुए थराली ब्लाक के गेरूड़ गांव पहुचंगी। इसके बाद बधाण की नंदा भगवती की यात्रा 3 सितंबर को ऐतिहासिक वेदनी कुंड में पहुंचेगी जहां पर लोक जात यात्रा के तहत विधि-विधान एवं पारम्परिक रूप से मां नंदा भगवती सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के साथ नंदा को कैलाश विदा किया जाएगा। इसी तरह उसी दिन दशोली की नंदा की जात बालपाटा में संपन्न होगी। इधर बधाण की नंदा देवी की उत्सव डोली भी वापस लौट पड़ेगी।
16 दिनों की लंबी यात्रा थराली एवं देवाल विकासखंडों के दर्जनों गांवों का भ्रमण करने के बाद 9 सितंबर को नंदा शक्तिपीठ देवराड़ा (थराली) के गर्भगृह में विराजमान हो जाएगी। यात्रा का शुभारंभ होने के साथ ही इस क्षेत्र के यात्रा मार्ग के गांव में तों यात्रा के स्वागत एवं विदाई की तैयारियों को अंतिम रूप देने में भक्त जुटे ही हैं।
इसके अलावा पूरी पिंडर घाटी के तमाम गांवों में नंदा सोलपाती,अठुवाड़(नंदा देवी की 7 एवं 8 दिनों तक होने वाली विशेष पूजा व देवनृत्य) के साथ ही देवी की अन्य तरह से पूजा-अर्चना की तैयारियों में नंदा भक्त जुट गए हैं। नंदा भक्त दूर परदेश से नंदा के दर्शनों, पूजा-अर्चना के लिए अपने घरों को लौट रहें हैं। जिससे पूरी पिंडर घाटी धीरे-धीरे नंदामय होने लगी हैं।