क्षेत्रीय समाचार

निर्माण कंपनी की लापरवाही से पोखरी- कर्णप्रयाग मार्ग की हालत खस्ता, मार्ग पर यात्रा हुयी जोखिम भरी

पोखरी से राजेश्वरी राणा-

लोक निर्माण विभाग के अधीन 27 कि मी पोखरी -कर्णप्रयाग मोटर मार्ग पर 16 करोड़ रुपये की लागत से सुधारीकरण, डामरीखरण, का कार्य आरजेबी कम्पनी द्बारा किया जा रहा है । इस  कार्य में कम्पनी द्बारा पुस्तो का निर्माण, अंधे मोड़ों का कटान, डामरीकरण और नालियों का निर्माण कार्य किया जाना है । 2 वर्ष का समय पूरा होने वाला है । लेकिन कम्पनी की लापरवाही और धीमी कार्य प्रणाली के कारण अभी तक एक चौथाई कार्य भी नहीं हो पाया है ।

कम्पनी द्बारा जगह जगह आधे अधूरे कार्य छोड़े गये हैं। जिस कारण पूरा 27 कि मी पोखरी- कर्णप्रयाग मोटर मार्ग जीर्ण शीर्ण हालत में पहुंच चुका है ।इस मार्ग पर दिन भर में बड़ी संख्या में छोटे बड़े सवारी और सामान ले जाने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही होती रहती है । मार्ग की जीर्ण शीर्ण स्थिति के कारण वाहन चालक और सवारियां हर रोज इस मोटर मार्ग पर जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं ।कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है ।

सड़क की खस्ताहाल स्थिति,आरजेबी कम्पनी की लापरवाही और घटिया कार्यप्रणाली से जहां क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और जनता में आक्रोष बना हुआ है, वहीं उपजिलाधिकारी कमलेश मेहता भी कम्पनी की हीलाहवाली और घटिया कार्यप्रणाली से नाराज़ और आहत दिखे और उन्होंने  लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय प्रसाद सिन्हा को कम्पनी के खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करने और सड़क मार्ग की खस्ताहाल स्थिति को ठीक करवाने के आदेश दिए हैं  ।

उपजिलाधिकारी कमलेश मेहता का कहना है कि उन्होंने खुद  मार्ग का निरीक्षण किया है। कम्पनी द्बारा लापरवाही और गुणवत्ता को दरकिनार कर कार्य किया जा रहा है । वहीं पूर्व प्रमुख नरेंद्र रावत, ज्येष्ठ प्रमुख पूरण नेगी, विनगढ के पूर्व प्रधान हर्षवर्धन चौहान, कुजासू के पूर्व प्रधान शिवराज राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाष रावत,क्षेत्र पंचायत सदस्य माहेश्वरी देवी, प्रधान संगठन के ब्लांक अध्यक्ष धीरेन्द्र राणा,का कहना है कि आरजेबी कम्पनी द्बारा बहुत ही लापरवाही और धीमी गति से कार्य किया जा रहा है और कार्य की गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है ।

लोगों का आरोप है कि कार्य धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में सड़क  का पता ही नहीं लग पा रहा है ।पूरा  मार्ग गड्ढों में तब्दील हो रखा है । जगह जगह आधे अधूरे पुस्तो का निर्माण कर कार्य को अधूरा छोड़ा गया है । दो वाहनों को एक दूसरे के लिए पास देना खतरे से खाली नहीं है ।जिस कारण इस  मार्ग पर पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है । लिहाजा शासन प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को कम्पनी के कार्य की जांच कर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए ।

वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय प्रसाद सिन्हा का कहना है कि अभी तक कम्पनी को विभाग 4 करोड़ रुपये का भुगतान विभाग कर चुका है । अप्रैल माह तक कम्पनी का कार्य करने का बांड है । कम्पनी की लापरवाही और धीमी कार्यप्रणाली को देखते हुए कम्पनी के बांड टर्मिनेशन के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा रहा है ।

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