ग्रीष्मकालीन राजधानी को जोड़ने के लिए मोटर मार्ग निर्माण की संभावना को फिर लगने लगे पंख
-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट –
थराली, 22 जुलाई। करीब पांच दशक से पिंडर घाटी को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराणीसैण गैरसैंण से जोड़ने के लिए प्रस्तावित विनायकधार -कस्बीनगर थराली मोटर के निर्माण की संभावना को एक बार फिर से पंख लगने लगें हैं।
दरअसल 5 दशक से विनायकधार-कस्बीनगर मोटर सड़क के निर्माण की मांग गैरसैंण एवं पिंडर घाटी के लोग उठाते आ रहें हैं। बताया जा रहा हैं कि दोनों क्षेत्रों को जोड़ने के लिए करीब साढ़े चार किमी ही सड़क बननी है।
इस सड़क का निर्माण पूरा हो जाने के बाद पिंडर घाटी के एक बड़े हिस्से को नारायणबगड़,सिमली होते हुए गैरसैंण नही जाना पड़ेगा बल्कि कस्बीनगर से खनसर होते हुए सीधे गैरसैंण पहुंचा जा सकता हैं। इससे दोनों क्षेत्रों की दूरी काफी कम हो जाएगी।
बताते चलें कि थराली एवं नारायणबगड़ विकासखंडों के ऊपरी हिस्सों के ग्रामीणों की काफी अधिक रिस्तेदारी खनसर क्षेत्र के ऊपर हिस्सों के गांव में हैं सीधे सड़क के अभाव में उन्हें या तों पैदल आनाजाना पड़ता है। अथवा एक सौ से 150 किमी सिमली से हो कर आनाजाना पड़ता हैं। साढ़े चार किमी सड़क के निर्माण के लिए पिछले लंबे समय से वन विभाग की आपत्तियों के कारण सड़क का निर्माण नही हो पाया है।
पिछले दिनों ही लोनिवि गैरसैण ने अचानक सक्रियता दिखाते हुए एक बार फिर वन भूमि की पत्रावली तैयार कर वन विभाग को सौंप दी है। पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सतीश लखेड़ा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर सीएम के संमुख लंबित गैरसैंण से पिंडर घाटी को जोड़ने वाली विनायकधार-कस्बीनगर का मामला उठाया था।माना जा रहा हैं कि इसके बाद ही लोनिवि गैरसैंण ने अपनी सक्रियता इस सड़क को लेकर बढ़ा दी है।
बद्रीनाथ वन प्रभाग के मध्य पिंडर रेंज थराली के रेंज अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि विनायकधार – कस्बीनगर की वन भूमि हस्तांतरण की पत्रावली लोनिवि गैरसैंण के अमीन लें कर आयें थें उन्होंने पत्रावली पर हस्ताक्षर कर अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया है।
थराली में अधिवक्ता रमेश चंद थपलियाल का कहना है कि विनायकधार -कस्बीनगर सड़क यहां के लोगो की दशकों पुरानी मांग रही है। अब पत्रावलियों पर जिस तेजी के साथ कार्यवाही शुरू की है, उसे देखकर लगता है कि शीघ्र ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो सकता हैं। बताया कि इस सड़क को लेकर दोनों क्षेत्रों के लोग ने समय-समय पर आंदोलन का भी सहारा लिया था। कहा कि इस सड़क के निर्माण से जहां इस क्षेत्र के लोगों को तों लाभ पहुंचेगा ही साथ ही यह सड़क सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता हैं। इसके साथ ही थराली क्षेत्र को रामनगर मंडी का भारी लाभ मिल सकता है।