वांण नंदा देवी राजजात राजमार्ग के दिन बहुरेंगे ; सुधारीकरण एवं होटमिक्स के लिए 40 करोड़ का आगणन
-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 29 फ़रवरी। थराली -देवाल-वांण नंदा देवी राजजात राजमार्ग संख्या 90 के दिन बहुरने के आसार बढ़ गए हैं।इस राजमार्ग के सुधारीकरण एवं हाॅडमिक्स से पेंटिंग करने के लिए लोनिवि थराली ने 40 करोड़ 13 लाख का आगणन गठित कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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जिला सड़क में सुमार थराली-देवाल-वांण मोटर सड़क को 2019 में स्टेट हाईवे घोषित किया गया था।और 2023 में थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा के प्रयासों से इस राजमार्ग का नाम उत्तराखंड की ईष्ट देवी नंदादेवी राजजात मार्ग नया नामकरण करते हुए शासनादेश जारी हुआ हैं। परंतु वर्तमान में थराली से लेकर वांण तक इस राजमार्ग की स्थिति बेहद ही दयनीय बनी हुई हैं। स्थिति किस कदर बत्तर बनी हुई हैं कि 52.200 मीटर लंबी इस सड़क में एक तरफ जाने में ही छोटे वाहनों को 3 से 4 घंटे लग जाते हैं। बड़े वाहनों को तो और भी अधिक समय लग जाता है।
यह कह पाना मुश्किल हो जाता है कि सड़क पर गड्ढे हैं याकि गड्ढों पर सड़क हैं। जिससे पूरे क्षेत्र के नागरिकों के साथ ही बहार से आने वाले पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा हैं।पिछले वर्षों इस राजमार्ग के बीएम,बीसी एवं सुधारीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी।
सीएम की घोषणा पर लोक निर्माण विभाग थराली ने अमल करना शुरू कर दिया है। इसके तहत आगणन गठित कर दिया है। परम्परा के अनुसार प्रत्येक 12 वर्षों के अंतराल में श्री नंदादेवी राजजात यात्रा आयोजित होती हैं, पिछली बार 2014 में श्री नंदादेवी राजजात आयोजित हुई थी इस हिसाब से 2026 में राजजात का आयोजन प्रस्तावित हैं, ऐसे में इस राजमार्ग के कायाकल्प की उम्मीदों को पंख लग रहें हैं।
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थराली-देवाल-वांण राजमार्ग के संबंध में लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता ने बताया कि इस राजमार्ग के बीएम,बीसी एवं सुधारीकरण के लिए 40 करोड़ 13 लाख 39 हजार का आगणन गठित कर लिया गया हैं, जिससे जल्द से जल्द शासन तक पहुंचाने की कार्यवाही की जाएगी ताकि स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू हो सकें एक प्रश्न के उत्तर में अधिशासी अभियंता गुप्ता ने बताया कि राजमार्ग संख्या 90 नंदा देवी राजजात राजमार्ग से आकर मिलने वाले 18 किमी लंबे राजमार्ग संख्या 91 ग्वालदम – नंदकेशरी के विभिन्न किलोमीटरों में हो रहे दलदल एवं धंसाव को देखते हुए इस राजमार्ग की भार बहन क्षमता (सीबीआर) जांच करवाने की कार्यवाही की जा रही हैं। ताक क्षमता के पता चलने के बाद इसके पेंटिंग, सुधारीकरण का आगणन गठित कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जा सके।