क्षेत्रीय समाचार

इंसानियत बनाए रखना ही रक्षाबंधन हैः डॉ. एस. फारूक

देहरादून, 1 सितम्बर। डॉ. एस. फारूक ने कई स्थानों पर राखी मनाई, जिसमें बाल विनीता आश्रम की लड़कियों, शिक्षकों और पारिवारिक मित्रों ने डॉ. फारूक को राखी बांधी। बाल विनीता आश्रम में संबोधित करते हुए डॉ. एस. फारूक ने हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बारे में कहा कि मनुष्य चंद्रमा के साथ जीवित और निर्जीव हर चीज के साथ संबंध बनाता है, इसका उदाहरण चंदा मामा है।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले रिश्ता है शादी, फिर बच्चे, फिर भाई-बहन, रिश्तेदार, समाज, नागरिक, फिर बड़े पैमाने पर इंसान (वसुधैव कुटुंबकम) लेकिन असली इंसानियत बनाए रखना है तो वह है रक्षाबंधन। आरटीएन. तरूण भाटिया अध्यक्ष रोटरी क्लब देहरादून, अध्यक्ष बाल विनीता आश्रम, उनके सदस्य भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उपहार वितरित किये गये। रोटरी अध्यक्ष तरूण भाटिया ने आभार व्यक्त किया।
देहरादून। डॉ. एस. फारूक ने कई स्थानों पर राखी मनाई, जिसमें बाल विनीता आश्रम की लड़कियों, शिक्षकों और पारिवारिक मित्रों ने डॉ. फारूक को राखी बांधी। बाल विनीता आश्रम में संबोधित करते हुए डॉ. एस. फारूक ने हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बारे में कहा कि मनुष्य चंद्रमा के साथ जीवित और निर्जीव हर चीज के साथ संबंध बनाता है, इसका उदाहरण चंदा मामा है।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले रिश्ता है शादी, फिर बच्चे, फिर भाई-बहन, रिश्तेदार, समाज, नागरिक, फिर बड़े पैमाने पर इंसान (वसुधैव कुटुंबकम) लेकिन असली इंसानियत बनाए रखना है तो वह है रक्षाबंधन। आरटीएन. तरूण भाटिया अध्यक्ष रोटरी क्लब देहरादून, अध्यक्ष बाल विनीता आश्रम, उनके सदस्य भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उपहार वितरित किये गये। रोटरी अध्यक्ष तरूण भाटिया ने आभार व्यक्त किया।

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