आपदा/दुर्घटना

रिखणीखाल क्षेत्रवासियों की नरभक्षी के आतंक से निजात दिलाने की मांग

-रिखणीखाल से प्रभुपाल रावत-

जन प्रतिनिधियों ने प्रशासन से रिखणीखाल प्रखंड के मंदाल घाटी के गाँवों में नरभक्षी बाघ/गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने व गाँव के रास्तों में पथ प्रकाश व्यवस्था (स्ट्रीट लाइट)लगाने की मांग की है।

रिखणीखाल के मंदाल घाटी के ग्राम पंचायतों झर्त, धामधार, कर्तिया, डोबरिया आदि ग्राम पंचायतों में नर-भक्षी बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं के रहा है।अभी हाल में ही 23 जुलाई को झर्त में एक वृद्धा   को बाघ ने अपना निवाला बनाकर आधा शरीर खा लिया था। उस दिन से आजतक पूरा इलाका दहशत के साये में   है। लोग सूरज डूबते ही अपने घरों में दुबक जाते हैं दिनभर का खेती पाती आदि का प्रभावित हो रहा है। बच्चों को भी स्कूल भेजना जोखिम भरा काम है।जैसे कि गावों का जीवन बहुत कष्टदायक होता है।

यह क्षेत्र पूरा घने जंगलों से आच्छादित है। यहां कभी भी बाघ द्वारा झपटा मारने की आशंका बनी रहती है।शाम ढलते ही गांवों में अंधेरा पसर जाता है तथा नर-भक्षी बाघ घरों, गौशाला के आसपास आकर अपने शिकार की तलाश में घात लगाये छिपा रहता है। गाँव के तमाम रास्तों व पगडंडियों पर अंधेरा रहता है इस अंधकार में नर भक्षी को शिकार करने में आसानी होती है।

इसी परिप्रेक्ष्य में रिखणीखाल विकास खंड के ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी प्रमोद सिंह रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्या झर्त शबनम देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य डोबरिया अशोक कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत झर्त देवा देवी ने जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल को पत्र भेजा है कि मंदाल घाटी क्षेत्र में नर-भक्षी बाघ, गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने व गांवों के रास्तों, पगडंडियों व घरों के नजदीक प्रकाश व्यवस्था व स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!