आपदा/दुर्घटना

एसडीएम ने लिया सेरा में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा ग्रामीणों ने की राहत की मांग

गोपेश्वर, 19 जुलाई। सोमवार की देर रात रात जिले के नंदा नगर प्रखंड के सेरा गांव की मोक्ष नदी में आई बाढ़ के कारण प्रभावितों के आंसू पोंछने की पहल प्रशासन ने कर दी है। बुधवार को प्रशासन की ओर से बाढ़ के कारण ग्रामीणों को हुए नुकसान का उपजिलाधिकारी दीपक सैनी के नेतृत्व में स्थलीय निरीक्षण करते हुए पीड़ितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

बुधवार को उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में नंदानगर के नायब तहसीलदार विनोद शर्मा और राकेश देवली, राजस्व उपनिरीक्षक देवेंद्र कुमार मठराल एवं हरीश भंडारी ने आपदाग्रस्त सेरा गांव का स्थलीय निरीक्षण करते हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान आपदा पीड़ित देवेन्द्र सिंह गुसाईं, पुष्कर सिंह नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, अवतार सिंह, राजेंद्र सिंह गुसाईं, शिवार सिंह, देवकी देवी, तारा देवी, बिजमा देवी, अनिता देवी, पार्वती देवी आदि ने बाढ़ के कारण हुए नुकसान के संबंध में अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि बारिश बढ़ने पर सुरक्षा की दृष्टि से वे अपने घरों को छोड़कर अन्यत्र जाने पर मजबूर हो रहे हैं। एसडीएम ने ग्रामीणों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि सोमवार की रात्रि मोक्ष नदी ने सेरा गांव में इस कदर कहर बरपाया कि ग्रामीणों ने किसी तरह भाग कर जन बचाई लेकिन उनके खेत खलिहान, गौशाला घराट सब तबाह हो गए थे।
मूसलाधार बारिश के चलते प्रभावित ग्रामीणों ने पूरी रात जंगल में जाग कर बिताई। माना जा रहा है कि सड़क के मलबे ने मोक्ष नदी का रास्ता इस कदर बदला कि सेरा गांव के खेत खलिहान, घराट और गौशाला बाढ़ की भेंट चढ़ गए।

मोक्ष नदी में आई बाढ के कारण जहां तटबंध तोड़ कर एक घराट का बड़ा हिस्सा बह गया है, वहीं करीब 50 नाली से अधिक कृषि भूमि पूरी तरह तबाह हो चुकी है। नदी के तेज बहाव के कारण कई आवासीय मकानों को भी भारी खतरा उत्पन्न हो गया है। नदी के प्रचंड वेग से सहमे ग्रामीण तीन दिन बाद भी अपने घरों में लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, कारण यह है कि उनके घर खतरे की जद में आने के कारण सुरक्षित नहीं रह गए है। मोक्ष नदी में आई बाढ़ के कारण सेरा गांव के महिपाल सिंह गुसाईं के घराट का बड़ा हिस्सा बह गया है जबकि मकान के आंगन को भी भारी क्षति पहुंची हैं। नदी के प्रचंड वेग के कारण महिपाल गुसाईं सहित अवतार सिंह, पंकज सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह गुसाईं, देवेन्द्र सिंह गुसाईं, विजय सिंह, बिरेंद्र सिंह, विनोद सिंह, सिवाय सिंह, तारा देवी आदि के आवासीय मकानों को भी भारी खतरा उत्पन्न हो गया है।

अभी भी रौद्र रूप धारण कर बह रही मोक्ष नदी ने पंकज सिंह नेगी, विजोत्तमा देवी व राजेंद्र सिंह गुसाईं की गोशाला को निगल लिया। कई मवेशी भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए। हालंकि जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन खेती चौपट हो गई है। ग्रामीणों ने भारी बारिश के बीच अन्य मवेशी और घरेलू सामान बचा लिया लेकिन गांव को अब भी खतरा बना हुआ है। सेरा गांव फिलहाल खतरे की जद में बना हुआ है।

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