नहीं रहीं वरिष्ठ पत्रकार और कवियत्री जसकिरन चोपड़ा
By- Usha Rawat
देहरादून, 23 फरवरी। वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका जसकिरन चोपड़ा का हृदयगति रुकने से निधन हो गया है। जसकिरन अपने पीछे एक पुत्र छोड़ गयी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुकी जसकिरन चोपड़ा को गुरुवार को हृदयाघात पड़ने पर देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार अंतिम संस्कार के लिये सुश्री जसकिरन को दिल्ली ले जाया जाना था, लेकिन उनकी माता की तबियत खराब हो जाने के कारण अब उनका अंतिम संस्कार आज अपराहन देहरादून में ही डीएल रोड स्थित शमशान पर होगा। बताया गया है कि उनके भाई नवतेज सरना का भी इंतजार किया जा रहा है। सरना विदेश सचिव और अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
जसकिरन का जन्म और शिक्षा देहरादून में ही हुयी थी। उनके पिता ओएनजीसी में कार्यरत थे जो बाद में दिल्ली सेटल हो गये। श्री सरना स्वयं एक प्रतीष्ठित साहित्यकार भी थे जिसका प्रभाव उनकी बेटी जसकिरन पर भी पड़ा। जसकिरन हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कविताएं और कहानियां लिखतीं थी।
जसकिरन ने पत्रकारिता की शुरुआत यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआइ) से की थी। उसी ऐजेंसी की संवाददाता बन कर वह देहरादून आई थीं। यूएनआइ के बाद उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया में सेवा प्रारम्भ की और फिर पायनियर ज्वाइन कर लिया। जसकिरन ने दून विश्व विद्यालय में पत्रकारिता के छात्रों को भी पढ़ाया। उनके साथ काम करने वाले देहरादून के वरिष्ठ पत्रकारों के लिये जसकिरन की मौत की खबर बहुत अधिक वेदना की है।
उन्होंने छह किताबें लिखी हैं, जिनमें जश्न ए तन्हाई और मेरा शहर शीर्षक से उर्दू कविता के दो संकलन, अंग्रेजी में ऑटम राग नामक उपन्यास, मेमोरीज़ ऑफ अनदर डे नामक कहानियों का संग्रह और प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड के जीवन और काम पर एक किताब शामिल है।