धर्म/संस्कृति/ चारधाम यात्रा

शंकराचार्य चमोली जिले के सघन भ्रमण पर, सनातन धर्म के मार्ग पर चलने के दे रहे उपदेश

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली/देवाल, 28 जून। चमोली वासियों को विश्व कल्याण के लिए इस मंत्र नगर, ग्राम,घर,जंगलम भवत चमोली मंगलम के तहत सनातन धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

यह बात ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 ने विकास खंड देवाल के नंदाधाम नंदकेसरी में एक धर्म सभा को संबोधित करते हुए कही।

शंकराचार्य का काफिला चमोली मंगलम यात्रा के तहत शुक्रवार को करीब पौने तीन बजे नंदकेसरी पहुंचा जहां पर उन्होंने आराध्य देवी मां नंदा भगवती, महादेव शिव एवं उनके संपूर्ण परिवार व गणों के मंदिरों में दर्शन किए इस दौरान उन्होंने इस परिसर में स्थित एक ही पेड़ में 5 प्रजातियों के पेड़ को देख कर उसके दर्शन करते हुए उस पेड़ को प्रणाम किया।

इसके बाद उन्होंने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी चमोली मंगलम यात्रा का मुख्य उद्देश्य पहले चमोली, फिर उत्तराखंड, फिर भारत और उसके बाद विश्व का मंगल करना है जिसमें सभी चमोली वासियों को सहभागिता निभानी चाहिए।

इस मौके पर शंकराचार्य के धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती, आशुतोष डिमरी,मुकुंदानंद ब्रह्मचारी महाराज ने धर्मसभा में मौजूद रहे।इस मौके पर नंदा देवी के पुजारी दयाल सिंह, लखन रावत देवाल के पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल,कोठी के प्रधान यशवंत बड़ियारी,पूर्व क्षेपंस पुष्कर बिष्ट, भूपाल सिंह बड़ियारी, बलवंत सिंह, महिपाल सिंह, डॉ कृपाल भंडारी, महावीर बिष्ट,कलम सिंह गड़िया, यशवंत मेहरा,थान सिंह बिष्ट, भजन बिष्ट, प्रधान कोठी पुष्पा देवी,धरा कला देवी, क्षेपंस सीमा बिष्ट, शांति देवी,दीपा देवी, आशा देवी, चंद्रा देवी, सुरेंद्र बिष्ट, गणेश मिश्रा, देवाल प्रधान संघ अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, नरेंद्र बिष्ट, प्रदीप राणा आदि के नेतृत्व में शंकराचार्य का ढोल नगाड़ों ,क्लश यात्रा फूलों की वर्षा के साथ भव्य रूप से स्वागत किया।इस मौके पर यहां पर एक भंडारे का आयोजन भी किया गया।

इसके बाद शंकराचार्य का काफिला देवाल स्थिति लाटू धाम वांण जोकि श्री नंदा देवी राजजात यात्रा का अंतिम आबादी वाला गांव भी हैं के लिए रवाना हुआ आज शंकराचार्य वांण गांव में ही रात्रि विश्राम करेंगे, शनिवार को शंकराचार्य वांण में लाटू धाम में पूजा-अर्चना के बाद वापस देवाल के लिए लौटेंगे।

इसके बाद वे सैन्य बाहुल्य गांव सवाड़ फिर देवाल उसके बाद थराली में धर्म सभाओं को संबोधित करते हुए रात्रि विश्राम के लिए विकास खंड मुख्यालय नारायणबगड़ पहुंचेंगे। रविवार को नारायणबगड़ स्थित नारायण में दर्शन करने के बाद गैरसैंण के लिए रवाना हो जाएंगे।

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