जापान के शैक्षणिक भ्रमण से दून लौटी शिवांगी!
देहरादून, 18 जुलाई।सकूरा एक्सचेंज प्रयोग के तहत विज्ञान का प्रतिष्ठित जापान एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पूरे भारत से केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 25 छात्रों को ज्ञान-विज्ञान व संस्कृति के अध्ययन के लिए दस दिनों के लिए जापान भेजा था ! जिसमें उत्तराखंड से एक नाम शिवांगी का भी था जो कि सुखद अनुभव और ज्ञान अर्जन को लेकर घर लौट गयी हैँ।
ओसाका विश्वविद्यालय, रिकेन सेंटर फाॅर बायोसिस्टम डायनेमिक्स रिसर्च, होरिकावा हाई स्कूल क्योटो, कन्साई इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्काई म्यूजियम, प्लांट फैक्ट्री कियोमेज-डेरा टेम्पल… सहित दर्जनभर संस्कृति, विज्ञान व उद्योग से जुड़े संस्थानों व संस्थाओं का शैक्षणिक भ्रमणकर लौटी शिवांगी काफी उत्साहित थी ।
शिवांगी ने बताया कि जापान के छात्रों से बात करने और शिक्षण संस्थानों को देखकर लगा कि हमें अब काफी कुछ सीखने की जरुरत है! यहां की पढ़ाई का मूल शोधपरक ज्ञान अर्जित करना है, न कि किताबी पठन-पाठन और सिलेबस व मार्क्साधारित (अंक आधारित) पढाई ! वहां के छोटे से छोटे बच्चे भी बच्चे भी अनुशासन, साफ-सफाई, व समय की प्रतिबद्धता का कठोरता से पालन करते हैं! जो सीखने और ग्रहण करने योग्य है, ये बात स्वयं भी और अपने आसपास के छात्रों को भी इन चीजों के लिए प्रेरित करूंगी! स्कूल कालेज संसाधनों से परिपूर्ण दिखे।
ज्ञात हो कि 2014 से हर वर्ष सकूरा प्रोग्राम के राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन के ओर से 25 छात्रों को अध्ययन के लिए एशियाई देश भ्रमण के लिए भेजा जाता है! इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य जापान व एशियाई देशों के बीच ज्ञान-विज्ञान प्रौद्योगिकी व सांस्कृतिक आदान-प्रदान व सहयोग को बढ़ावा देना है।