आपदा/दुर्घटना

ऑल वेदर रोड के नाम पर जर्ज़र कर दिया बद्रीनाथ उच्च राजमार्ग, गौचर से नगरासू तक डेंजर जोन बन गयी सड़क

-गौचर से दिग्पाल गुसांईं –
भारत तिब्बत सीमा पुलिस वल की 8 वीं वाहिनी परिसर से नगरासू तक जिस प्रकार से जगह जगह भूस्खलन के साथ ही जगह जगह सड़क धंसती जा रही है इससे यह क्षेत्र डेंजर जोन के रूप में सामने आ गया है। हालांकि वर्ष 2013 की आपदा के समय से ही यह क्षेत्र भूस्खलन की जद में आ गया था।

उस समय भी जगह जगह भूस्खलन, सड़क के धंसने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। वर्तमान में कमेड़ा के जखेड़ में जिस जगह पर भारी बारिश के चलते पिछले पांच दिनों से मार्ग अवरूद्ध है उसी स्थान पर 2013 में भी डाट पुलिया सहित सड़क का नामोनिशान मिट गया था।उससे पहले पेट्रोल पंप के समीप की डाट पुलिया भी वह गई थी। इससे पहले सड़क का बड़ा हिस्सा पुरी तरह से धंसने के कारण लंबे समय तक आवाजाही भी ठप्प रही थी।

अब कुछ समय पहले  ऑल वेेेदर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पहाड़ी खोदने के बाद से जिस तरह से पुनः जगह जगह भूस्खलन हो रहा है उससे यह क्षेत्र जर्जर नजर आने लगा है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस वल की 8 वीं वाहिनी के ठीक सामने खड़ी पहाड़ी से हर बरसात के दिनों में लगातार पत्थर गिरने से वाहनी को भी खतरा नजर आ रहा है।‌ इससे आगे लगभग एक किलोमीटर तक कोई स्थान ऐसा नहीं बचा हुआ है जहां पर हल्का फुल्का भूस्खलन न हो रहा हो। यही नहीं कमेड़ा पेट्रोल पंप से पहले सड़क का लगभग पांच मीटर हिस्सा धंसता जा रहा है।

इस स्थान पर वाहन हिचकोले खाकर निकल रहे हैं। हालांकि एन एच ई डी सी एल ने इस भू धंसाव को रोकने के काफी प्रयास कर लिए हैं लेकिन भू धंसाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पेट्रोल पंप से आगे थोड़ी दूरी पर बनी डाट पुलिया को भी पानी ने नुक़सान पहुंचाना शुरू कर दिया है। समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो बडे नुक़सान से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

वर्तमान में कमेड़ा के जखेड़ में जिस स्थान पर भारी मलवा आने व डाट पुलिया बहने से मार्ग अवरूद्ध हो गया है उस स्थान पर बड़ा भूस्खलन क्षेत्र विकसित हो गया है जो आगे भी परेशानी का सबब बन सकता है। इससे आगे भी राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा धंसता जा रहा है जो कभी भी एन एच ई डी सी एल को परेशानी खड़ी कर सकता है। वर्तमान में जिस जगह पर मार्ग अवरूद्ध हो गया है उस स्थान पर नदी किनारे से पुल बनाने के अलावा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा। इस स्थान पर पुल बनाना भी चुनौती भरा हो सकता है।

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