पर्यावरण

भूगोल विभाग के छात्र छात्राओं ने तुंगनाथ शिखर पर जानी जलवायु परिवर्तन की बारीकियां

—पोखरी से राजेश्वरी राणा —

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी में जी-20 व्याख्यान श्रृंखला में भूगोल विभाग द्वारा  एक दिवसीय भौगोलिक भ्रमण में हिमालय शिखर तुंगनाथ में जलवायु परिवर्तन एवं पर्यटन स्थल संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला स्थल तुंगनाथ में 3680 मीटर एवं चन्द्रशिला 4000 मीटर ऊंचाई पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के तथ्यों का  अध्ययन  एवं नमूने एकत्रित किये गये । मुख्य वक्ता  प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने  तुंगनाथ पर्यटन स्थल में जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में यहां के भौगोलिक स्वरुप, संसाधनों के नवीनीकरण, अनवीनीकरण, संसाधनों पर विस्तार से प्रकाश डाल कर हिमानी ,परिहिमानी , बांज ,बुरांश ,बुगयाल पर पड़ने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में छात्र छात्राओं को जानकारी दी ।साथ ही हिमनद अवशेष  के बारे में भी जानकारी प्रदान की ।

सहायक प्राध्यापक डा0 राजेश भट्ट ने पर्यटक स्थल  विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा की धार्मिक स्थल उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों की सुरक्षा कर रहे हैं । हिमालय में धार्मिक एवं पर्यटन स्थल एक साथ होने पर व्यक्ति धार्मिक भावनाओं के कारण प्रकृति को देवी स्वरूप माना जाता है।

सहायक प्राध्यापक डा उपेन्द्र चौहान ने तुंगनाथ ,चोपता ,तथा चन्द्रशिला में विभिन्न मिट्टी के नमूनों, लकड़ी ,बुरांश ,शैल के नमूनों का अध्ययन हेतू संकलन किया । साथ ही भोगोलिक तथ्यों की जानकारी भ्रमण में मौजूद छात्र छात्राओं और प्राध्यापकों को दी । भौगोलिक भ्रमण की संयोजिका डा रेनू सनवाल द्वारा कार्यशाला का संचालन किया गया ।

इस अवसर पर भुगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डा अंजली रावत, अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष  डा सुनीता मेहता ,डा अंशु सिंह ,डा रामानन्द उनियाल  सहित तमाम प्राध्यापक और छात्र छात्राये मौजूद थे ।

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